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केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लक्षद्वीप में अटल पर्यावरण भवन का उद्घाटन किया। अटल पर्यावरण भवन का उद्घाटन करते हुए मंत्री ने कहा कि लक्षद्वीप एक व्यापक विकास से गुजरेगा, वह भी प्रकृति के प्रति केंद्र शासित प्रदेश की प्रतिबद्धता से समझौता किए बिना। मंत्री ने लक्षद्वीप के प्रशासन में विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ उच्च स्तरीय बैठकों में भाग लिया। वह सुहेली, कदमत और बांगरम द्वीपों में कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे और केंद्र शासित प्रदेश के वन और पर्यावरण विभाग की प्रमुख अभिनव पहलों का मूल्यांकन करेंगे।
केरल सरकार ने पारंपरिक आंगनवाड़ियों को बेहतर सुविधाओं के साथ “स्मार्ट” आंगनवाड़ियों में बदलने के लिए 9 करोड़ मंजूर किए हैं। इस योजना के तहत, महिला और बाल विकास विभाग ने राज्यों की 48 आंगनवाड़ियों को नए भवनों के निर्माण की अनुमति दी है। चरणबद्ध तरीके से बचपन की देखभाल प्रदान करने के लिए स्मार्ट आंगनवाड़ियों का निर्माण किया जाएगा। इसे और अधिक बाल-सुलभ बनाने के उद्देश्य से इन सुविधाओं को स्थापित किया जाएगा।इस तरह इन सुविधाओं से बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। 48 आंगनवाड़ियों के निर्माण के लिए कुल नौ करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट स्कीम (ICDS) के तहत स्मार्ट आंगनवाड़ियों का डिजाइन और निर्माण किया जा रहा है।
SWAMIH फंड वर्ष 2021 में अपने पहले तैयार अपार्टमेंट को डिलीवर करेगा। यह भारत सरकार द्वारा स्थापित 250 अरब रुपये का फंड है। यह फंड रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बनाया गया था। यह फण्ड वित्त वर्ष 2021-2022 में 4,000 से अधिक घरों से युक्त 16 परियोजनाओं को सौंपेगी। नवंबर 2019 में SWAMIH फंड की घोषणा की गई थी। SWAMIH का अर्थ है ‘Special Window for Completion of Construction of Affordable and Mid-Income Housing Projects’।
इज़राइल ने घोषणा की है कि वह अमेरिका के सहयोग से “एरो -4” नामक एक नई बैलिस्टिक मिसाइल शील्ड विकसित कर रहा है। इस मिसाइल को रक्षात्मक प्रणाली में एक और परत के रूप में विकसित किया जा रहा है। इजरायल के एरो-2 और एरो-3 इंटरसेप्टर पहले से ही बहुस्तरीय प्रणाली के तहत चालू हैं। यह प्रणाली वायुमंडल और अंतरिक्ष में आने वाली मिसाइलों को नष्ट कर सकती है।अमेरिका के सहयोग से एरो-4 के विकास के परिणामस्वरूप तकनीकी और परिचालन में और बेहतरी आएगी।यह देशों को भविष्य के युद्ध के मैदान के खतरों के लिए तैयार करेगी।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ढाका में 21 प्रतिष्ठित व्यक्तियों को वर्ष 2021 के एकुशे पदक प्रदान किये। वहां के मुक्ति आंदोलन मामलों के मंत्री ए.के.एम. मोजम्मेल हक ने प्रधानमंत्री की ओर से ये पदक प्रदान किये। बांग्लादेश में भाषा आंदोलन के दौरान शहीद हुए लोगों के सम्मान में 21 फरवरी को अमार एकुशे दिवस मनाया जाता है। ये पदक भाषा, साहित्य और मुक्ति आंदोलन श्रेणियों के अलावा संगीत, अभिनय, फिल्म, पत्रकारिता और प्रस्तुतिकरण जैसी श्रेणियों में दिये जाते हैं। एकुशे पदक बांग्लादेश का दूसरा सबसे बडा नागरिक सम्मान है, जिसे 1952 में वहां चले भाषा आंदोलन के दौरान हुए शहीदों की याद में शुरू किया गया। पुरस्कार में स्वर्ण पदक के अलावा चार लाख टके और प्रमाण पत्र दिया जाता है।
अर्जेंटीना के स्वास्थ्य मंत्री गिनीज गोंजालेज गार्सिया ने कोविड-19 टीकाकरण से संबंधित स्कैंडल के बाद इस्तीफा दे दिया है। वैक्सीन की कम आपूर्ति के कारण इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार का डर फैल गया था। रिपोर्ट में कहा गया कि कई लोगों ने कोविड-19 का टीका पाने के लिए अपने संबंधों का इस्तेमाल किया।
हाल ही में असम के तिनसुकिया ज़िले में मगुरी-मोटापुंग बील में एक सदी के बाद मंदारिन बतख (वैज्ञानिक नाम: एक्स गलेरीक्युलेटा) देखी गई है। मंदारिन बतख की पहचान सबसे पहले वर्ष 1758 में स्वीडिश वनस्पतिशास्त्री, चिकित्सक और प्राणी विज्ञानी कार्ल लिनिअस (Carl Linnaeus) ने की थी। इसे दुनिया की सबसे सुंदर बतख माना जाता है।नर मंदारिन की पीठ और गर्दन के पास विस्तृत नारंगी, रंगीन पंख होते हैं। नर मंदारिन अत्यधिक सुंदर होता है। मादा बतख नर मंदारिन की तुलना में कम सुंदर होती है, मादा मंदारिन के सिर का रंग ‘ग्रे’, भूरी पीठ और सफेद आँखें होती हैं।ये पक्षी बीज, बलूत, छोटे फल, कीड़े, घोंघे और छोटी मछलियों को खा सकते हैं। ये पक्षी नदियों, धाराओं, पंक, कच्छ भूमि और मीठे पानी की झीलों सहित आर्द्रभूमि के समीप समशीतोष्ण वनों में निवास करते हैं।यह पक्षी पूर्वी एशिया का मूल निवासी है लेकिन पश्चिमी यूरोप और अमेरिका में भी पाया जाता है।यह रूस, कोरिया, जापान और चीन के उत्तर-पूर्वी हिस्सों में प्रजनन करती है। ये बतख कभी-कभी ही भारत में आते हैं क्योंकि भारत उनके प्रवास मार्ग में नहीं आता है।इस पक्षी को वर्ष 1902 में तिनसुकिया (असम) में रोंगागोरा क्षेत्र में डिब्रू नदी में देखा गया था।इस बतख को वर्ष 2013 में मणिपुर की लोकटक झील में देखा गया तथा वर्ष 2014 में असम के बक्सा ज़िले में स्थित टाइगर रिज़र्व और मानस नेशनल पार्क में स्थित सातावोनी बील में देखा गया।
वैज्ञानिकों का मानना है कि उन्होंने पृथ्वी पर अब तक के सबसे छोटे सरीसृप की खोज की है। यह गिरगिट की एक उप-प्रजाति है जो कि बीज के आकार के बराबर है। मेडागास्कर में जर्मन-मेडागास्कन शोध दल द्वारा दो छोटी छिपकलियों की खोज की गई थी। इस दल ने वर्ष 2012 में एक अभियान के दौरान इस प्रजाति के एक नर और मादा को खोजा, इसे ‘ब्रुकेशिया नाना’ (Brookesia Nana) के नाम से जाना जाता है।नर ‘ब्रुकेशिया नाना’ या नैनो-गिरगिट का शरीर सिर्फ 13.5 मिमी. का होता है। सिर से पूँछ तक इसकी लंबाई 22 मिमी. होती है, जबकि मादा लगभग 29 मिमी. से अधिक बड़ी होती है।म्यूनिख के ‘बवेरियन स्टेट कलेक्शन ऑफ ज़ूलॉज़ी’ के अनुसार, नैनो-गिरगिट सरीसृपों की लगभग 11,500 ज्ञात प्रजातियों में यह प्रजाति सबसे छोटी है।इससे पहले गिरगिट प्रजाति ‘ब्रुकेशिया माइक्रा’ को सबसे छोटा माना जाता था। इस प्रजाति के वयस्कों की औसत लंबाई 16 मिमी. (पूँछ के साथ 29 मिमी.) है, जबकि सबसे छोटे वयस्क नर की लंबाई 15.3 मिमी. दर्ज की गई है।सबसे लंबा ‘रेटिकुलेटेड पायथन’ (Reticulated Python) जो कि लगभग 6.25 मीटर लंबा होता है, लगभग 289 ब्रुकेशिया नाना की लंबाई के बराबर होता है।यह नया गिरगिट केवल उत्तरी मेडागास्कर में एक निम्नीकृत पर्वतीय वर्षावन में पाया जाता है और इसके विलुप्त होने का खतरा भी है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 23 फरवरी, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आईआईटी, खड़गपुर में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान का उद्घाटन करेंगे और आईआईटी खड़गपुर के 66वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे। इस अवसर परपश्चिम बंगाल के राज्यपाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री, और केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर द्वारा इस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्थापना की गई है। संस्थान, प्रधानमंत्री के विज़न से प्रेरित है - भारत का भविष्य, विज्ञान और नवाचार में निवेश के आधार पर तय होगा और इसे अनुसंधान प्रतिभा से गति मिलेगी। यह अस्पताल, प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा के बीच बेहतर तालमेल का एक उदाहरण है।
उपराष्ट्रपति श्री वैंकेया नायडू ने अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस को अनोखे तरीके से मनाया। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने 22 भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी में ट्वीट्स किए और देश के 24 स्थानीय अखबारों में मातृ भाषाओं को प्रोत्साहन की अहमियत पर लेख भी लिखे। श्री नायडू ने तेलुगू, तमिल, हिंदी, गुजराती, कश्मीरी, कोंकणी, मराठी, उड़िया, उर्दू, मलयालम, कन्नड़, पंजाबी, नेपाली, असमी, बंगाली, मणिपुरी, बोडो, संथली, मैथिली, डोगरी और संस्कृत भाषाओं में ट्वीट्स किए। उपराष्ट्रपति की कलम से लिखे गए लेख द टाइम्स ऑफ इंडिया (अंग्रेजी) और 24 अन्य भारतीय स्थानीय भाषायी अखबारों में छपे हैं। इनमें दैनिक जागरण (हिंदी), इनाडू (तेलुगू), दिना थांथी (तमिल), लोकमत (मराठी), समाज (ओड़िया), सियासत (उर्दू), आदाब तेलंगाना (उर्दू), असोमिया प्रतिदिन (असमी), नवभारत टाइम्स (मैथिली), मातृभूमि (मलयालम), दिव्य भास्कर (गुजराती), वर्तमान (बंगाली), भांगर भुइं (कोंकणी), हायेननि रादाब (बोडो), संथाल एक्सप्रेस (संथाली), हिमाली बेला (नेपाली), हमरो वार्ता (नेपाली), दैनिक मिरमिरे (नेपाली), हमरो प्रजा शक्ति (नेपाली), हिंदू (सिंधी), जोति डोगरी (डोगरी), डेली काहवत (कश्मीरी), डेली संगारमल (कश्मीरी), सुधर्म (संस्कृत) अखबार शामिल हैं।
चीन ने किशोर अपराध कानून में संशोधन किया है। इसके तहत कुछ गंभीर अपराधों में अपराधियों की उम्र 14 से घटाकर 12 वर्ष कर दी गई है। नया कानून एक मार्च से लागू होगा। संशोधित कानून के तहत 12 से 14 साल का किशोर इरादतन हत्या या इरादतन घायल करने के कारण होने वाली मौत या गंभीर रूप से अशक्तता के लिए जिम्मेदार माना जाएगा। चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने यह संशोधन शनिवार को पारित किया।नए कानून में उल्लिखित अपराधों के अलावा अन्य अपराध करने वाले 14 साल से कम उम्र के किशोर को आपराधिक दंड से छूट होगी, लेकिन उन्हें सुधारात्मक शिक्षा दी जाएगी। चीन में अभी आपराधिक जवाबदेही की उम्र 16 साल है। दुष्कर्म, डकैती और इरादतन हत्या जैसे गंभीर अपराधों के लिए 14 से 16 वर्ष के किशोरों पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाता है।
तीसरे इंडिया टूरिज्म मार्ट का आयोजन 18 फरवरी, 2021 को किया गया। इसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने संबोधित किया था। इस इवेंट का आयोजन Federation of Associations in India Tourism and Hospitality (FAITH) ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किया। इस कार्यक्रम में लगभग 60 देशों के 250 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। यह 18 फरवरी, 2021 से 20 फरवरी, 2021 तक आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में दुनिया के खरीदारों और भारत के प्रदर्शकों का मिश्रण होगा। यह कई खरीदारों और प्रदर्शकों से जुड़ने के लिए मंच प्रदान करेगा। तीसरा भारत पर्यटन मार्ट महत्वपूर्ण है क्योंकि यह एक ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब दुनिया COVID-19 महामारी के प्रभाव से उभर रही है। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि देश अब सभी स्वास्थ्य और सुरक्षा सावधानियों के उपायों के साथ यात्रा को खोलने पर विचार कर रहे हैं।
21 फरवरी को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस (International Mother Language Day) के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य भाषा विज्ञान के बारे में जागरूकता, सांस्कृतिक विविधता तथा बहुभाषावाद को बढ़ावा देना है। इसकी घोषणा सर्वप्रथम यूनेस्को ने 17 नवम्बर, 1999 को की थी। 21 फरवरी, 2000 के प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को मनाया जाता है। बाद में संयुक्त राष्ट्र ने 2008 को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा वर्ष घोषित करने हुए प्रस्ताव पारित किया गया। मातृभाषा दिवस को मनाने का विचार बांग्लादेश की पहल थी। बांग्लादेश में 21 फरवरी को बांग्ला भाषा को स्वीकृति देने के लिए संघर्ष की वर्षगाँठ के रूप में मनाया जाता है।
अनुच्छेद 343 कहता है कि देवनागरी लिपि में संघ की आधिकारिक भाषा हिंदी होगी। यह भी कहता है कि अंकों का उपयोग अंतर्राष्ट्रीय रूप में किया जाएगा इस अनुच्छेद में कहा गया है कि संविधान के प्रारंभ के 15 वर्षों तक, अंग्रेजी भाषा आधिकारिक भाषा के रूप में बनी रहेगी। भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 अनुसूचित भाषाओं को राज्यों की आधिकारिक भाषाओं के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। राज्यों को अनुसूचित भाषाओं से अपनी आधिकारिक भाषा चुनने के लिए बाध्य नहीं किया गया है।
हाल ही में ननकाना साहिब नरसंहार अथवा शक ननकाना साहिब की 100वीं शताब्दी पर आयोजित समारोह की शुरुआत हो गई है। वर्ष 1920 में अस्तित्व में आते ही ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी’ (SGPC) ने गुरुद्वारा सुधार आंदोलन की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य ‘महंतों’ की निजी संपत्ति बन चुके गुरुद्वारों के प्रबंधन में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन लाना था। इस आंदोलन से भयभीत ‘महंतों’ द्वारा फरवरी 1921 में लाहौर में ‘सिख सनातन सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। इस आंदोलन की पृष्ठभूमि में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के एक निहत्थे सिख जत्थे ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे के अंदर प्रवेश करने और अहिंसक तरीके से गुरुद्वारे पर कब्ज़ा करने की योजना बनाई। वहीं दूसरी ओर गुरुद्वारे के अंदर हथियारों से लैस सशस्त्र सेना के साथ निहत्थे सिख जत्थे का मुकाबला करने के लिये तैयार थे। दोनों के बीच मुठभेड़ में 60 से अधिक सैनिकों की मृत्यु हुई। ‘शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी’ (SGPC) का आरोप था कि इस नरसंहार में ब्रिटिश प्रशासन भी शामिल था। ननकाना साहिब गुरुद्वारा (जिसे गुरुद्वारा जन्म स्थान भी कहा जाता है) उस जगह पर बनाया गया है जहाँ सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था। इसका निर्माण महाराजा रणजीत सिंह ने कराया था।
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