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भारत ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी 51 रॉकेट का प्रक्षेपण किया। ये अपने साथ भारत, ब्राजील और अमरीका के 19 उपग्रह लेकर गया है। पृथककरण के चार चरणों के बाद इस रॉकेट ने ब्राजील के 637 किलोग्राम भार के एमेजोनिया-1 प्रमुख उपग्रह का प्रक्षेपण किया। बाद में एक घंटे से अधिक समय के अंतराल के बाद इसने शेष 18 उपग्रहों का प्रक्षेपण किया। यह न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का पहला वाणिज्यिक मिशन है। इस वर्ष का भारत का यह पहला अंतरिक्ष मिशन पीएसएलवी रॉकेट के सबसे लंबे अभियानों में से एक है। यह एक घंटा 55 मिनट और सात सैकेंड में पूरा हुआ। एमेजोनिया-1, ब्राजील के नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर स्पेस रिसर्च का प्रकाशीय पृथ्वी पर्यवेक्षण उपग्रह है। अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के भू-भाग में विभिन्न प्रकार के कृषि के विश्लेषण में यह उपग्रह दूर संवेदी आंकड़े उपलब्ध कराकर वर्तमान व्यवस्था को और मजबूत बनाएगा। यह इसरो का 53वां पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मिशन है।
भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ( Archeological Survey of India- ASI) ने झारखंड की सीतागढ़ी हिल्स के जुलजुल पहाड़ के पास एक टीले के नीचे दफन बौद्ध मठ की खोज की है, जिसे कम-से-कम 900 वर्ष पुराना माना जा रहा है। इस स्थल के नज़दीक पहले भी एक प्राचीन बौद्ध स्थल इसी तरह के टीले के नीचे दफन पाया गया। वरद मुद्रा (हाथ से वरदान देने का इशारा) में देवी तारा की चार मूर्तियाँ प्राप्त हुई है। बुद्ध की छह मूर्तियाँ भूमिस्पर्श मुद्रा में ( दाहिने हाथ की पाँच अँगुलियों द्वारा पृथ्वी की ओर इशारा, जो बुद्ध के ज्ञान का प्रतीक हैं) प्राप्त हुई हैं। एक मूर्ति कुंडलित मुकुट और चक्र के साथ मिली है जो शैव देवता माहेश्वरी की प्रतीत होती है और इस क्षेत्र में सांस्कृतिक समावेश का संकेत देती है। देवी तारा की मूर्तियों की उपस्थिति इस क्षेत्र में बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा के प्रसार को दर्शाती है। वज्रयान का अर्थ है "वज्र का वाहन", जिसे तांत्रिक बौद्ध धर्म के नाम से भी जाना जाता है। यह बौद्ध शाखा भारत में लगभग 900 ई. में विकसित हुई।यह गूढ़ तत्त्वों पर आधारित है और बाकी बौद्ध शाखाओं की तुलना में एक बहुत जटिल क्रिया पद्धति पर आधारित है।
विजयनगर साम्राज्य के तुलुव वंश के शासक(1509-29 ई.) कृष्णदेव राय की मृत्यु की सटीक तिथि से संबंधित पहला शिलालेख कर्नाटक के तुमकुरु ज़िले के होन्नाहल्ली में खोजा गया है। आमतौर पर राजाओं की मृत्यु शिलालेखों में दर्ज नहीं की जाती थी परंतु यह शिलालेख दुर्लभ रिकॉर्डों में से एक था। शिलालेख के अनुसार, भारत के सबसे महान सम्राटों में से एक राजा कृष्णदेव राय जिसने दक्षिण भारत में शासन किया, की मृत्यु 17 अक्तूबर, 1529 (रविवार) को हुई थी।संयोग से इस दिन चंद्र ग्रहण की घटना हुई थी।यह शिलालेख तुमकुरु ज़िले के होन्नाहल्ली में गोपालकृष्ण मंदिर के उत्तर की ओर रखे एक पत्थर पर उकेरा गया है।यह शिलालेख तुमकुरु के देवता वीरपरासना हनुमंथा की पूजा करने के लिये तुमकुरु के गाँव होन्नाहल्ली द्वारा दिये जाने वाले उपहारों का भी वर्णन करता है।इस शिलालेख को कन्नड़ में लिखा गया है।
खाद्य पदार्थों और दवाओं का विनियमन करने वाली अमरीकी एजेंसी फूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन-एफडीएफ ने कोरोना वायरस महामारी के इलाज के लिए जॉनसन एण्ड जॉनसन कम्पनी के ऐसे टीके को मंजूरी दे दी है जिसका सिर्फ एक टीका लगता है। अमरीका में कोरोना महामारी के लिए मंजूर किया गया यह तीसरा टीका है। यह फाइजर और मॉडर्ना का किफायती विकल्प है और इसे फ्रीजर की बजाय रेफ्रिजरेटर में ही सुरक्षित रखा जा सकता है। इसका पहला टीका अमरीकी नागरिकों को अगले सप्ताह तक उपलब्ध हो जाने की संभावना है। ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और कनाडा ने इस टीके के लिए ऑर्डर भेज दिए हैं।
भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 26 फरवरी, 2021 को G20 सेंट्रल बैंक गवर्नर्स की बैठक में शामिल हुईं। यह इटली की अध्यक्षता में होने वाली पहली G20 सेंट्रल बैंक गवर्नर्स की पहली बैठक थी। इस बैठक के दौरान, वित्त मंत्री ने अपने G-20 समकक्षों के साथ COVID-19 महामारी और दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के संबंध में भारत की नीति प्रतिक्रिया पर प्रकाश डाला।उन्होंने आगे कहा कि, भारत की घरेलू नीतियां मोटे तौर पर नागरिकों की सहायता पर आधारित हैं जैसे कि प्रत्यक्ष हस्तांतरण, क्रेडिट गारंटी, आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज, खाद्य गारंटी और संरचनात्मक सुधारों में तेजी।उन्होंने भारत में टीकाकरण अभियान के बारे में भी बताया।यह दुनिया का सबसे बड़ा और महत्वाकांक्षी टीकाकरण अभियान है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत ने कई देशों को अपने टीके का समर्थन बढ़ाया है।उन्होंने वित्तीय क्षेत्र के मुद्दों, वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण, वित्तीय समावेशन और सतत वित्त जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की।G20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों ने वैश्विक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के निहितार्थ के बारे में भी चर्चा की।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने बैंगलोर में ‘नम्मा कार्गो’ ’सेवाएँ शुरू की हैं। ‘नम्मा कार्गो’ सेवाओं के माध्यम से, राज्य सड़क परिवहन निगम, BMTC(Bangalore Metropolitan Transport Corporation) को छोड़कर, अधिक राजस्व उत्पन्न करने के लिए पार्सल का परिवहन करेगा। नम्मा कार्गो सेवा को कर्नाटक के 109 बस स्टेशनों और तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गोवा, केरल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के चुनिंदा स्थानों पर लागू किया जाएगा।परिवहन विभाग के अनुमानों के मुताबिक, सामान का राजस्व सृजन एक वर्ष में 70 करोड़ रुपये से 80 करोड़ रुपये तक होगा।इसका संचालन – कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC), उत्तर पूर्वी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (NEKRTC), और उत्तर-पश्चिमी कर्नाटक सड़क परिवहन निगम (NWKRTC) द्वारा किया जाएगा ।गौरतलब हैं कि, ये तीनों निगम कुल मिलाकर 51 लाख किमी को 14,500 शेड्यूल के साथ कवर करते हैं और हर दिन 3 लाख यात्रियों को ले जाते हैं।पहल के चरण में, कर्नाटक में 88 तालुकों और 21 अंतर-राज्यीय स्थानों में नम्मा कार्गो सेवा संचालित होगी।इसके आलावा परिवहन विभाग होम डिलीवरी प्रदान करने के लिए इस सेवा का विस्तार करनी की सोच रहा है।पार्सल और कार्गो सेवाओं के नाम सुझाने के लिए KSRTC द्वारा शुरू की गई एक प्रतियोगिता के माध्यम से ‘नम्मा कार्गो’ का नाम चुना गया था।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उपभोक्ताओं को ई-फाइलिंग की सुविधा देने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर्स (CSCs) को ई-दाखिल पोर्टल के साथ एकीकृत करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा 7 सितंबर, 2020 को ई-दाखिल उपभोक्ता शिकायत निवारण पोर्टल लांच किया गया था।यह ऑनलाइन शिकायत निवारण पोर्टल अब 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चालू है।ई-दाखिल पोर्टल उपभोक्ता और उनके अधिवक्ताओं को उपभोक्ता शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करने का अधिकार देता है।इसमें ऑनलाइन शुल्क के भुगतान की सुविधा भी है।ई-दाखिल पोर्टल की साइट को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) द्वारा विकसित किया गया था।यह पोर्टल उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत विकसित किया गया है।
सरकार ने कहा है कि इंडिया मोबाइल ऐप आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों की निगरानी और विश्लेषण करने की दिशा में एक बडा महत्वपूर्ण कदम है। इस ऐप पर 22 आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों की निगरानी की जाती है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने यह ऐप पिछले महीने जारी किया था। इसका उद्देश्य आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों को एकत्र करने की प्रणाली में सुधार करना है। देशभर से 127 केंद्र इस मोबाइल ऐप पर प्रतिदिन आवश्यक वस्तुओं के खुदरा और थोक मूल्य उपलब्ध कराते हैं। मंत्रालय ने कहा है कि मोबाइल ऐप के जरिये मूल्यों की सूचना बाजार केंद्रों से होती है और भू-संकेत उस स्थान के बारे में सूचना देते हैं जहां से मूल्य लिए जा रहे हैं।
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में उप-राज्यपाल और शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कुलाधिपति मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में विश्वविद्यालय के शालीमार परिसर में दो दिवसीय छठी प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी और बीज मेले का उद्घाटन किया। इसका विषय 'बेहतर उत्पादन के लिए बेहतर खेती' है। उपराज्यपाल ने बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, कृषि-वानिकी, कृषि-इंजीनियरिंग और कृषि से संबंधित क्षेत्रों के लगभग दौ सौ स्टॉलों का निरीक्षण किया।
एक साल बाद रिंग में उतरी इंडियन रेसलर विनेश फोगाट ने यूक्रेन की राजधानी कीव में चल रहे आउटस्टैंडिंग यूक्रेनियन रेसलर्स और कोचेस मेमोरियल टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता। फाइनल में उन्होंने पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन वेनेसा कलाजिंसकाया को हराया। मैच के दौरान विनेश 6-8 से पीछे चल रही थीं, लेकिन आखिरी 35 सेकंड में उन्होंने 4 पॉइंट लेकर खेल पलट दिया।
बुलगारिया की राजधानी सोफिया में कल 72वें स्ट्रेंजा ममोरियल टूर्नामेंट में भारतीय मुक्केबाज दीपक कुमार ने 52 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता।
28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह दिवस प्रतिवर्ष 28 फरवरी को रमण प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इसी दिन भौतिकीविद् सी. वी. रमण ने रमण प्रभाव की खोज की घोषणा की थी, जिसके लिए वर्ष 1930 में उन्हें नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इस दिवस का उद्देश्य विज्ञान के महत्व और मानव जीवन में इसके उपयोग का संदेश देना है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2021 की थीम है- 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी का भविष्य और नवाचार: शिक्षण कौशल और कार्य पर प्रभाव'।
दुनिया भर में 30 करोड़ से अधिक लोग ऐसी बीमारियों से पीडि़त हैं जिनकी पहचान असामान्य और बहुत कम होने वाले रोगों के रूप में की गई है। एक अध्ययन के अनुसार इस समय विश्व की करीब तीन दशमलव पांच प्रतिशत से पांच दशमलव नौ प्रतिशत जनसंख्या इस तरह की एक या अधिक बीमारी से पीडि़त है। ऐसी बीमारियों में से 72 प्रतिशत आनुवंशिक हैं जबकि अन्य बैक्टीरिया या वायरस से होने वाले संक्रमणों, एलर्जी और पर्यावरण संबंधी कारणों से होती हैं। 70 प्रतिशत आनुवंशिक असाधारण बीमारियां बचपन में ही शुरू होती हैं। इस तरह की बीमारियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 29 फरवरी(फरवरी के अंतिम दिन) को असाधारण रोग दिवस मनाया जाता है, जो एक ऐसी तारीख है जो चार साल में एक बार आती है। पहला असाधारण रोग दिवस 2008 में मनाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी 1896 को गुजरात के भदेली में हुआ था। 1930 में मोरारजी देसाई ब्रिटिश सरकार की नौकरी छोड़कर स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। 1931 में वे गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव निर्वाचित हुए। अखिल भारतीय युवा कांग्रेस की शाखा स्थापित कर सरदार पटेल के निर्देश पर वे उसके अध्यक्ष बन गए। मोरारजी को 1932 में 2 वर्ष की जेल भी भुगतनी पड़ी। 1952 में इन्हें बंबई (अब मुंबई) का मुख्यमंत्री बनाया गया। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर मोरारजी को 1967 में उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री बनाया गया। वे 1975 में जनता पार्टी में शामिल हो गए। जब मार्च 1977 में लोकसभा के चुनाव हुए तो जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हो गया।उस समय प्रधानमंत्री पद के दो और दावेदार चौधरी चरणसिंह और जगजीवनराम भी थे। लेकिन जयप्रकाश नारायण ने 'किंगमेकर' की भूमिका का लाभ उठाते हुए देसाई का समर्थन कर दिया था। तत्पश्चात 24 मार्च 1977 को 81 वर्ष की अवस्था में मोरारजी देसाई ने भारतीय प्रधानमंत्री का दायित्व ग्रहण किया और 28 जुलाई 1979 तक वे इस पद पर रहे।इन्हें भारत सरकार की ओर से 'भारत रत्न' तथा पाकिस्तान की ओर से 'तहरीक-ए-पाकिस्तान' का सर्वश्रेष्ठ नागरिक सम्मान प्राप्त हुआ है। मोरारजी देसाई का निधन 10 अप्रैल 1995 को मुंबई में हुआ था।
27 फरवरी, 2021 को भारतीय क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद की 90वीं पुण्यतिथि मनाई गई। चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्य प्रदेश के वर्तमान अलीराजपुर ज़िले के भाभरा गाँव में हुआ था। अपनी वीरता और नि:स्वार्थता के लिये प्रसिद्ध चंद्रशेखर आज़ाद बहुत कम उम्र में ही भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हो गए। जब उन्होंने वर्ष 1921 में गांधीजी के असहयोग आंदोलन में हिस्सा लिया उस समय वे मात्र 14 वर्ष के थे। उनके सर्वोच्च नेतृत्व कौशल एवं संगठनात्मक क्षमता ने उन्हें ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HRA) को ‘हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HRSA) के रूप में पुनर्गठित करने और उसे मज़बूत बनाने में मदद की। असहयोग आंदोलन की वापसी के बाद चंद्रशेखर आज़ाद क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए और फिर उन्होंने राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्त्व में 9 अगस्त, 1925 को काकोरी घटना को अंजाम दिया, जिसके बाद वे पुलिस के चंगुल से बच निकलने में कामयाब हो गए। चंद्रशेखर आज़ाद ने 27 फरवरी, 1931 को इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) के अल्फ्रेड पार्क में अंग्रेज़ अफसरों से मुठभेड़ के दौरान स्वयं को गोली मार ली। वर्तमान में अल्फ्रेड पार्क को चंद्रशेखर आज़ाद पार्क के नाम से जाना जाता है।
महाराष्ट्र के वनमंत्री संजय राठौड़ ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सौंप दिया है। उन्होंने, पूजा चव्हाण मौत मामले की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दिया है।
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