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भारत के विदेश सचिव ने कहा कि अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के नेताओं ने पूरे एशिया और हिन्द-प्रशांत में 1 बिलियन कोरोनावायरस टीके भेजने के लिए वित्त, निर्माण और वितरण की सहमति दी है। “क्वाड” समूह का उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया और दुनिया भर में चीन की बढ़ती टीकाकरण कूटनीति का मुकाबला करने के लिए वैश्विक टीकाकरण का विस्तार करना है। क्वाड समूह के चार देशों में से भारत दुनिया भर में सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता है। समूह के बीच यह सहयोग भारत के 1.4 बिलियन लोगों के लिए टीकों के उत्पादन को प्रभावित नहीं करेगा। इस प्रकार, भारत की विशाल वैक्सीन उत्पादन क्षमता का विस्तार अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया की मदद से किया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के आसपास केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित वायु गुणवत्ता प्रबंधन के पैनल को अब भंग कर दिया गया है। इस पैनल को केंद्र सरकार द्वारा अक्टूबर, 2020 में स्थापित किया गया था। अब इस पैनल को भंग कर दया गया है क्योंकि इस पैनल को स्थापित करने के लिए जो अध्यादेश पारित किया गया था, वह अब समाप्त हो गया है। अध्यादेश को छह सप्ताह के भीतर संसद में पेश किया जाना था। लेकिन इसे निर्धारित समय के भीतर पेश नहीं किया गया था जिसके कारण अध्यादेश लैप्स हो गया था। इस पैनल का नेतृत्व पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के एक पूर्व सचिव एम.एम. कुट्टी ने किया था। राष्ट्रपति के “Commission for Air Quality Management in National Capital Region (NCR) and Adjoining Areas Ordinance, 2020” पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद वैधानिक प्राधिकरण को एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के लिए कमीशन को स्थापित किया गया था। इस पैनल का गठन एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल मोड में चौथे वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव को संबोधित किया। इस अवसर पर, प्रधानमंत्री ने आयुर्वेद में बढ़ती वैश्विक रुचि पर प्रकाश डाला। उन्होंने दुनिया भर में आयुर्वेद पर काम करने वालों के प्रयासों की भी सराहना की। एक समग्र मानव विज्ञान के रूप में आयुर्वेद के महत्व प्रकाश डालते हुए उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे कोविड-19 महामारी के बीच आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा, महामारी की यह वर्तमान स्थिति आयुर्वेद और पारंपरिक दवाओं के लिए दुनिया भर में अधिक लोकप्रिय होने का एक सही समय है। उन्होंने आयुर्वेद की लोकप्रियता और अवसरों का लाभ उठाने का भी आह्वान किया। इस आयोजन के तहत, अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद संगोष्ठी का आयोजन “Strengthening Host Defence System – Ayurveda A Potential Promise” थीम के तहत किया जा रहा है। इंटरनेशनल डेलिगेट असेंबली का आयोजन “Globalizing Ayurveda – Scope, Challenges and Solutions” थीम के तहत किया जाएगा।
संसद ने चिकित्सकीय गर्भपात संबंधी संशोधन विधेयक 2020 पारित कर दिया है। राज्यसभा ने इसे मंजूरी दी। लोकसभा पिछले वर्ष मार्च में इसे पारित कर चुकी है। इस विधेयक में 24 सप्ताह तक के भ्रूण के गर्भपात के अनुमति दी गई है। इसमें महिला की निजता का सम्मान करने और प्रक्रिया की गोपनीयता सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।
भारतीय सेना ने लंबे समय तक सेना में शामिल रही दो तोप प्रणालियों को सेवामुक्त कर दिया है। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित समारोह में 130 एम एम सेल्फ प्रोपेल्ड एम -46 कैटापुल्ट तोप और 160 एम एम टैम्पेला मोर्टार को सेवा मुक्त कर दिया। इस समारोह में महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल के रवि प्रसाद और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा निर्यात निगम लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी दे दी है। इस निगम में उनसठ स्थायी कर्मचारी और छह प्रबंधन प्रशिक्षु सेवारत हैं। इन सभी को सार्वजनिक उपक्रम विभाग के नियमों के अनुरूप स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के लाभ लेने का अवसर दिया जाएगा। यह निगम वित्त वर्ष 2015-16 से लगातार घाटे में चल रहा था। इसे घाटे से उभारने और लाभकारी बनाने की कोई संभावना नहीं होने के कारण इसे बंद करने का फैसला लिया गया।
नीदरलैंड ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड टीके के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में आई खबरों के बाद इसके उपयोग पर रोक लगा दी है। सरकार ने कहा है कि यह कदम एहतियाती है और यह रोक 29 मार्च तक जारी रहेगी। नॉर्वे में वयस्कों में रक्त के थक्के की रिपोर्ट के बाद आयरलैंड ने भी इसी तरह का निर्णय लिया है। डेनमार्क, नॉर्वे, बुल्गारिया, आइसलैंड और थाईलैंड पहले ही इस टीके के उपयोग पर रोक लगा चुके हैं। यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी, रक्त के थक्कों की घटनाओं की जांच कर रही है। दूसरी ओर एस्ट्राज़ेनेका ने कहा है कि टीके से रक्त के थक्के बढ़ने का कोई खतरा नहीं है। कंपनी ने कहा है कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में लगभग एक करोड 70 लाख लोगों को यह टीका लगाया गया है और रक्त के थक्कों के मामलों की संख्या बहुत कम है।
खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने देश में मानव-हाथी टकराव को कम करने के लिए मधुमक्खी-बाड़ बनाने की एक अनूठी परियोजना शुरू की। प्रोजेक्ट री-हैब (मधुमक्खियों के माध्यम से हाथी-मानव हमलों को कम करनेकी परियोजना) का उद्देश्य शहद वाली मधुमक्खियों का उपयोग करके मानव बस्तियों में हाथियोंके हमलों को विफल करना है और इस प्रकार से मनुष्य व हाथी दोनों के जीवन की हानि कोकम से कम करना है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना द्वारा 15 मार्च, 2021 को कर्नाटक के कोडागु जिले के चेलूर गांव के आसपास चार स्थानों पर पायलटप्रोजेक्ट शुरू किया गया। ये सभी स्थान नागरहोल नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व के बाहरीइलाकों में स्थित हैं और मानव-हाथी टकरावको रोकने के लिए कार्यरत है। री-हैब परियोजनाकी कुल लागत सिर्फ 15 लाख रुपये है। प्रोजेक्ट री-हैब केवीआईसी के राष्ट्रीय शहद मिशन के तहत एक उप-मिशनहै।
नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन ने हेल्थ केयर इनोवेशन तथा परिणामों में बदलाव लाने एवं सुधार लाने के उद्देश्य से देश भर में मिशन के नवाचार तथा उद्यमिता संबंधी पहलों में सकारात्मक समर्थन के लिए एस्टर डीएम हेल्थकेयर के साथ साझेदारी की है।अटल इनोवेशन मिशन और एस्टर के बीच एक रणनीतिक साझेदारी के आशय-पत्र पर हस्ताक्षर किए गए और दोनों पक्षों के बीच आदान-प्रदान किया गया। डिजिटल हेल्थ केयर के क्षेत्र में इच्छुक उद्यमियों के बीच नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए भारत में अटल इनोवेशन मिशन के कार्यक्रमों और उसके लाभार्थियों की विभिन्न पहलों का समर्थन करना इस आशय-पत्र का उद्देश्य है।एस्टर डीएम हेल्थकेयर ग्रुप की इकाई एस्टर डिजिटल हेल्थ इंक्यूबेटर (एडीएचआई) देश भर में अटल इनोवेशन मिशन की अन्य पहलों के अलावा विभिन्न अटल इन्क्यूबेशन सेंटरों (एआईसी), स्थापित ऊष्मायन केंद्र (ईआईसी), अटल सामुदायिक नवप्रवर्तन केंद्र (एसीआईसी) और अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) का समर्थन करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी।
हिंद महासागर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओशनोग्राफी (NIO) जीनोम मैपिंग की अपनी तरह की पहली परियोजना शुरू करेगी। हिंद महासागर में पृथ्वी की पानी की सतह का लगभग 20% हिस्सा है और इसलिए यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा जल क्षेत्र है। इसका उद्देश्य हिंद महासागर में सूक्ष्मजीवों के जीनोम मैपिंग के नमूनों को इकट्ठा करना है। जलवायु परिवर्तन, पोषक तनाव और बढ़ते प्रदूषण के लिए जैव रसायन और महासागर की प्रतिक्रिया को समझना भी आवश्यक है। परियोजना की लागत और अवधि 25 करोड़ रुपये है और इसे पूरा करने में लगभग तीन साल लगेंगे।
ओडिशा के एक किसान ने सौर ऊर्जा से चलने वाली बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर का निर्माण कर सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान आकर्षित किया। ओडिशा के मयूरभंज जिले के सुशील अग्रवाल ने 850 वॉट की मोटर और 100 Ah/54 वोल्ट की बैटरी से चलने वाले चार पहिया वाहन का निर्माण किया था। पूरी तरह से चार्ज होने के बाद वाहन 300 किमी तक की यात्रा कर सकता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इस कार को COVID-19 लॉकडाउन के दौरान अपने घर पर एक वर्कशॉप के अंदर बनाया था। उन्होंने बताया कि सौर ऊर्जा से चलने वाली बैटरी को पूरी तरह से चार्ज होने में लगभग साढ़े 8 घंटे लगे। उन्होंने आगे कहा कि "यह एक धीमी चार्ज बैटरी है। इस तरह की बैटरी का जीवन लंबा होता है, यह 10 साल चलेगी। ”मोटर वर्कशॉप, इलेक्ट्रिकल फिटिंग और चेसिस सहित उनके वाहन पर सभी काम दो अन्य मैकेनिकों और एक दोस्त की मदद से मेरी कार्यशाला में किए गए, जिन्होंने मुझे बिजली के कामों की सलाह दी। ”
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए अनुमोदन प्रक्रिया पुस्तिका जारी की है। AICTE की हैंडबुक इस पर प्रकाश डालती है; मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे इंजीनियरिंग की मुख्य धाराओं के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित महत्वपूर्ण विषय बने रहेंगे। हालांकि टेक्सटाइल इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर या बायोटेक्नोलॉजी जैसी धाराओं के लिए, छात्रों को कक्षा 12 में इन तीन विषयों का अध्ययन नहीं करने का विकल्प दिया जाएगा । जो लोग इन विषयों का विकल्प नहीं चुनते हैं, उन्हें कॉलेज में ब्रिज कोर्स के माध्यम से आवेदन करना होगा। नियम 2021-22 के शैक्षणिक वर्ष से लागू किया जायेगा। इस नियम के अनुसार, जो छात्र कुछ इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों जैसे टेक्सटाइल इंजीनियरिंग आदि में प्रवेश की मांग कर रहे हैं, उन्हें भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, गणित, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी, कंप्यूटर विज्ञान में से कोई भी तीन विषय लेकर 10 + 2 उत्तीर्ण करना होगा।
भारतीय सेना मेड इन इंडिया “मोबाइल इंटीग्रेटेड नेटवर्क टर्मिनल (MINT)” सिस्टम खरीदने जा रही है, जो सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान को एक बड़ा बढ़ावा है। MINT प्रणाली भारतीय सेना की संचालन संचार क्षमता को आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुसार बढ़ाएगी। रक्षा मंत्रालय ने इस पर प्रकाश डाला कि भारतीय सेना, डीएपी 2020 की मेक II श्रेणी के तहत MINT सिस्टम की खरीद की प्रक्रिया में है। यह प्रणाली एक पोर्टेबल, हल्की, अत्याधुनिक एकीकृत संचार समाधान है जिसमें सैटेलाइट बैकहॉल और वायरलेस एक्सेस सिस्टम शामिल हैं, जो ऑडियो, वीडियो और डाटा प्रदान करते हैं। ‘मेक-II’ श्रेणी में सिस्टम, उपकरण, प्लेटफॉर्म का प्रोटोटाइप विकास शामिल हैं। इस तरह की परियोजनाएं ‘इंडस्ट्री फंडेड’ होती हैं। इन परियोजनाओं में सब-सिस्टम या सब-असेंबली या विकासशील प्रणालियों के घटक भी शामिल हो सकते हैं। परियोजना की यह श्रेणी आयात प्रतिस्थापन और अभिनव समाधान पर ध्यान केंद्रित है। इस श्रेणी के तहत प्रोटोटाइप विकास उद्देश्यों के लिए, कोई सरकारी धन प्रदान नहीं किया जाता है।
सरकार राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति के माध्यम से व्यक्तिगत और गैर-व्यक्तिगत डेटा के लिए नियमों को विकसित करने पर चर्चा कर रही है। यह नीति इस बात पर प्रकाश डालती है कि सरकार ने किसी भी उद्योग के विकास के लिए डेटा के उपयोग के बारे में सिद्धांतों को निर्धारित किया है, जहां इस तरह के मानदंड प्रभावी नहीं हैं। इस मसौदा नीति के साथ, सरकार ने पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था की है, जो अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा डेटा के दुरुपयोग और पहुंच को रोकने का प्रयास करती है। इस मसौदा नीति में कहा गया है कि, औद्योगिक विकास के लिए डेटा साझा करने को प्रोत्साहित किया जाएगा और यह डेटा को विनियमित करने के लिए एक साझाकरण तंत्र भी प्रदान करेगा। सरकार किसी भी ई-कॉमर्स, उद्योग, उपभोक्ता संरक्षण, आर्थिक सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून प्रवर्तन के लिए डेटा का उपयोग करने के लिए सिद्धांतों का निर्माण करेगी। यह मसौदा नीति किसी भी अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा डेटा के दुरुपयोग की सुरक्षा करना चाहती है। यह मसौदा इस बात पर प्रकाश डालता है कि, सरकार डेटा के महत्व को पहचानती है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने ‘India FinTech: A USD 100 Billion Opportunity’ रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट बीसीजी और फिक्की द्वारा किए गए अध्ययन के निष्कर्षों पर प्रकाश डालती है। भारत में फिनटेक उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। फिनटेक कंपनियां वित्तीय सेवा उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में अपने व्यापार मॉडल को फिर से परिभाषित कर रही हैं। वे सेवा वितरण में सुधार करने में भी मदद कर रहे हैं और डिजिटल वित्तीय समावेशन में भी योगदान दे रहे हैं। भारत के गतिशील फिनटेक उद्योग में 2100 से अधिक फिनटेक कंपनियां हैं, जिनमें से 67% पिछले 5 वर्षों में स्थापित की गयी हैं। इस उद्योग का कुल मूल्य $50- $60 बिलियन है। इस उद्योग की वृद्धि महामारी से प्रभावित नहीं हुई है।
इक्वाडोर के सांगे ज्वालामुखी को 11 मार्च, 2021 को विस्फोट हुआ और इसके आसमान में 8,500 मीटर की ऊंचाई तक राख के बादल फ़ैल गये। इस विस्फोट के बाद, चिम्बोराजो की राजधानी रिओम्म्बा में आसमान राख के बादल से ढक गया था, हालांकि यह राजधानी शहर सांगे ज्वालामुखी से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित है। पिछले कुछ हफ्तों से सांगे ज्वालामुखी में गतिविधि दर्ज की गयी है। ज्वालामुखी की राख से शहर के आसपास की फसलों और मवेशियों को भी नुकसान पहुंचा है। सांगे ज्वालामुखी दुनिया भर में सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक है। इक्वाडोर में यह सबसे सक्रिय ज्वालामुखी है, इसमें 1934 का विस्फोट अभी भी जारी है। यह ज्वालामुखी सुदूर दक्षिणी स्ट्रेटोवोल्केनो है जो एंडीज़ के उत्तरी ज्वालामुखी क्षेत्र में स्थित है। यह लगभग 5230 मीटर की ऊंचाई पर है।
प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को उपभोक्ताओं के अधिकारों और उनकी आवश्यकताओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2021 मनाया जाता है।15 मार्च, 1962 को राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा अमेरिकी कांग्रेस को एक विशेष संदेश भेजा गया था और इसलिए यह दिन उनसे प्रेरित था। संदेश में उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दे को औपचारिक रूप से संबोधित किया। ऐसा करने वाले, वह पहले नेता थे।विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के पीछे का इतिहास यह है कि पहला उपभोक्ता आंदोलन 1983 में देखा गया था और तब से प्रत्येक वर्ष महत्वपूर्ण मुद्दों और अभियानों पर कार्रवाई करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2021 की थीम 'Tackling Plastic Pollution' है। यह जागरूकता बढ़ाने और विश्व स्तर पर उपभोक्ताओं को संलग्न करेगा। अंतिम वर्ष की थीम ‘The Sustainable Consumer’ थी। इस वर्ष यह अभियान उपभोक्ता सरकारों और व्यवसायों को वैश्विक प्लास्टिक प्रदूषण संकट से निपटने पर ध्यान केंद्रित कर केंद्रीय भूमिका निभा सकता है।
जाने माने कथकली कलाकार चेमनचेरी कुनिरामन नायर का केरल के कोजीकोड में निधन हो गया। 105 वर्षीय नायर अपनी मुद्रा, आकर्षण और गरिमापूर्ण कला से कई दशकों तक कथकली प्रेमियों के बीच आकर्षण का केन्द्र बने रहे। कथकली विधा में महत्वपूर्ण योगदान के लिए 2017 में श्री नायर को पदमश्री से नवाजा गया था। इसके अलावा, चेमेंचेरी को 1979 में केरल संगीत नाटक पुरस्कार, 2001 में केरल कलामंडलम पुरस्कार, 2009 में कालारत्नम पुरस्कार, मयिलपीली पुरस्कार और संगीत नाटक अकादमी टैगोर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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