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श्रम कार्यालय ने भारतीय प्रसारण अभियांत्रिकी कंसल्टेंट लिमिटेड-बेसिल के साथ सेवा स्तरीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता अन्य जगहों पर जाकर काम करने वाले मजदूरों और रोजगार सर्वेक्षण पर आधारित अखिल भारतीय तिमाही प्रतिष्ठान के बारे में अखिल भारतीय सर्वे कराने के लिए किया गया है। श्रम कार्यालय के महानिदेशक डी.पी.एस. नेगी और बेसिल के मुख्य महाप्रबंधक जॉर्ज कुरुविल्ला ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार भी मौजूद थे। इस अवसर पर श्री गंगवार ने कहा कि यह सर्वेक्षण सरकार को अन्य जगहों पर जाकर काम करने वाले मजदूरों और औपचारिक तथा अनौपचारिक प्रतिष्ठानों में रोजगार की स्थिति के बारे में महत्वपूर्ण आंकड़े उपलब्ध कराने के साथ अत्यधिक उपयोगी और क्रांतिकारी सिद्ध होंगे।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा है कि केंद्र सरकार जल्द ही विदेशों में एक महिला हेल्पलाइन केंद्र स्थापित करेगी जो संकटग्रस्त विदेशों में रहने वाले नागरिकों की देखभाल करेगा। ये महिला हेल्पलाइन केंद्र अन्य देशों में विदेश मंत्रालय की मदद से स्थापित किए जा रहे हैं। यह दुनिया भर में भारतीय महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए NIMHANS के साथ मिलकर कार्य करने का निर्णय लिया है और प्रोजेक्ट SAMVAD लॉन्च किया है। यह परियोजना बच्चों को संकट में मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान कर रही है। केंद्र ने एसिड अटैक पीड़ित के लिए उचित मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए NALSA और गृह मंत्रालय के साथ भी सहयोग किया है।
राजस्थान विधानसभा ने 16 मार्च, 2021 को ध्वनि मत से उच्च शिक्षा के लिए 370.60 करोड़ रुपये के अनुदान की मांग को पारित कर दिया है। विपक्षी विधायकों के विरोध के बीच यह विधेयक पारित किया गया। कौशल विकास और गुणवत्ता शिक्षा पर सरकार के फोकस के अनुरूप यह विधेयक पारित किया गया है। अनुदान की मांग एक ऐसा रूप है जहां समेकित निधि से व्यय का अनुमान वार्षिक वित्तीय विवरण या बजट में शामिल होता है। अनुदान की मांग के लिए लोकसभा या राज्य विधानसभा में मतदान करने की आवश्यकता होती है। इसमें राजस्व व्यय के संबंध में प्रावधान, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को अनुदान, ऋण और अग्रिमों के साथ पूंजीगत व्यय शामिल हैं। अनुदान की मांग प्रत्येक मंत्रालय या विभाग के संबंध में प्रस्तुत की जाती है। दूसरी ओर, बड़े मंत्रालयों और विभागों के लिए एक से अधिक मांगों को रखा जाता है।
दुनिया का सबसे बड़ा तैरता हुआ सोलर फार्म सिंगापुर में बनाया जा रहा है। देश ने इस ऊर्जा संयंत्र को जलाशय पर स्थापित करने का निर्णय लिया है। सिंगापुर दुनिया भर में सबसे छोटे देशों में से एक होने के बावजूद, यह विश्व में सबसे बड़ी प्रति व्यक्ति कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जकों में से एक है। इस प्रकार, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे का समाधानं करने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कटौती करने के लिए इस तैरते हुए सोलर फार्म का निर्माण कर रहा है। यह प्रोजेक्ट Sembcorp Industries द्वारा बनाया जा रहा है। सिंगापुर के लिए नवीकरणीय ऊर्जा एक चुनौती है क्योंकि देश के पास पनबिजली के लिए कोई नदियाँ नहीं हैं। टर्बाइनों को घुमाने देने के लिए पवन भी मजबूत नहीं है। इस प्रकार, तैरते हुए सोलर फार्म की स्थापना के साथ सिंगापुर नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। चूंकि, सिंगापुर के पास बहुत कम भूमि है, इसलिए इसने अपने तटों और जलाशयों में ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का फैसला किया है।
अमरीका के रक्षा मंत्री लॉयड जे. ऑस्टिन भारत यात्रा के लिए नई दिल्ली पहुंचे। इस दौरान वे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत-अमरीका रक्षा सहयोग पर बातचीत करेंगे। वे मुक्त, समृद्ध और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र के लिए सहयोग बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श करेंगे।
परस्पर 10 दिन चले आपसी अभ्यास के बाद भारत-उज्बेकिस्तान संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण युद्धाभ्यास डस्टलिक के दूसरे संस्करण का 19 मार्च 2021 को समापन हुआ । 10 मार्च, 2021 को शुरू हुए संयुक्त अभ्यास में ज़ोर शहरीपरिदृश्य में उग्रवाद/आतंकवाद विरोधी अभियानों पर होने के साथ-साथ हथियारोंके कौशल पर विशेषज्ञता साझा करने पर केंद्रित था । इस अभ्यास ने दोनोंसेनाओं के सैनिकों को स्थायी पेशेवर और सामाजिक संबंधों को बढ़ावा देने काअवसर भी प्रदान किया । गहन सैन्य प्रशिक्षण के बाद दोनों सेनाओं के संयुक्तअभ्यास का समापन हुआ, दोनों देशों की सेना इस अभ्यास के दौरान आतंकवादीसमूहों पर अपनी युद्ध शक्ति और प्रभुत्व का प्रदर्शन कर रही थी ।
राष्ट्रीय पशु जैव-प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएबी), हैदराबाद की वैज्ञानिक डॉ. सोनू गांधी को प्रतिष्ठित एसईआरबी महिला उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उन्होंने हाल ही में रुमेटीइड गठिया (आरए), हृदय रोग (सीवीडी) और जापानी एन्सेफलाइटिस (जेई) का पता लगाने के लिए एक स्मार्ट नैनो-उपकरण विकसित किया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (एसईआरबी) द्वारा स्थापित यह पुरस्कार, विज्ञान और इंजीनियरिंग के अग्रणी क्षेत्रों में युवा महिला वैज्ञानिकों की उत्कृष्ट अनुसंधान उपलब्धियों को मान्यता देकर सम्मानित करता है। उनके समूह द्वारा विकसित स्मार्ट नैनो-उपकरण ने एमीन के साथ क्रियाशील ग्रेफीन और विशिष्ट एंटीबॉडी के सम्मिश्रण का उपयोग करके बीमारियों के बायोमार्कर का पता लगाने में मदद की।
राज्यसभा ने 16 मार्च, 2021 को ध्वनि मत से “एलाइड व हेल्थकेयर प्रोफेशन के लिए राष्ट्रीय आयोग बिल, 2020” (National Commission for Allied and Healthcare Professional Bill, 2020) पारित किया है। यह विधेयक संबद्ध और स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा शिक्षा और सेवाओं के मानकों को विनियमित और बनाए रखने का प्रयास करता है। इस सेक्टर की लंबे समय से लंबित मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से इस विधेयक पारित किया गया था। रोजगार बढ़ाने के लिए यह विधेयक एक संस्थागत संरचना का निर्माण करेगा। इसका लाभ लगभग 8 से 9 लाख मौजूदा संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को मिलेगा। इस बिल के कार्यान्वयन के साथ, ये पेशेवर 2030 तक वैश्विक कमी और 1.80 करोड़ पेशेवर की मांग को पूरा करने के लिए अधिक तैयार होंगे। यह संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों द्वारा शिक्षा और सेवाओं के मानकों के विनियमन और रखरखाव की व्यवस्था भी करता है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने भारतीय-अमेरिकी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम के अमेरिकी भारतीय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (यूएसआईएआई) पहल के लॉन्च के दौरान दोनों देशों की समस्याओं के समाधान और प्रगति में बाधाओं को दूर करने के लिए भारत व अमेरिका के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स (KRAS), जो भारत के कल्याणी समूह (Kalyani Group) और इजरायल के राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स (Rafael Advanced Defence Systems) के बीच एक संयुक्त उद्यम है, ने मध्यम श्रेणी की सतह से वायु मिसाइल (MRSAM) किट का पहला बैच जारी किया है। इस मिसाइल को भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना के लिए जारी किया गया था। MRSAM मिसाइल के रिलीज़ ने निकट भविष्य में भारत को 1000 से अधिक MRSAM मिसाइल किट वितरित करने के लिए KRAS की प्रतिबद्धता को भी चिह्नित किया। इन मिसाइल सेक्शन को फिर भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) को आगे और भविष्य के एकीकरण के लिए भेजा जाएगा। कल्याणी समूह ने कंपनी में इंजीनियरिंग उत्कृष्टता के साथ “अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी” का उपयोग किया है।
लैंडिंग क्राफ्ट यूटिलिटी (एलसीयू) मार्क चतुर्थ श्रेणी के आठवें और अंतिम जहाज इंडियन नेवल लैंडिंग क्राफ्ट युटिलिटी (एलसीयू) एल-58 को दिनांक 18 मार्च, 2021 को पोर्ट ब्लेयर, अंडमान एंड निकोबार द्वीप समूह में भारतीय नौसेना में कमीशन प्रदान किया गया । इस कार्यक्रम के लिएकमांडर-इन-चीफ, अंडमान एंड निकोबार कमांड (CINCAN) लेफ्टिनेंट जनरल मनोजपांडे मुख्य अतिथि तथा गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसई) के निदेशक सेवानिवृत नौसेना अधिकारी रीयर एडमिरल विपिन कुमारसक्सेना उपस्थित थे। एलसीयू 58 एक उभयचर जहाज है जो अपने चालक दल के अलावा 160 सैनिकों को ले जा सकता है । 900 टन की भारवहन क्षमता के साथ यह जहाजविभिन्न प्रकार के लड़ाकू वाहनों जैसे मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी), बीएमएसपी, बख्तरबंद वाहन और ट्रक आदि ले जाने में सक्षम है । जहाज की लंबाई 63 मीटर है और इसमें दो एमटीए 4000 सीरीज इंजन लगे हैं जो जहाज को 15 नॉट (28 किमी प्रति घंटे) तक की गति से पहुंचाने में सक्षम हैं । इस जहाज मेंदुश्मन के रडार ट्रांसमिशन को भेदने में सक्षम आत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिकसपोर्ट मेज़र लगा है, साथ ही अत्याधुनिक एकीकृत ब्रिज प्रणाली (आईबीएस) औरएक परिष्कृत एकीकृत प्लेटफार्म मैनेजमेंट सिस्टम (आईपीएमएस) लगा है जो किक्रमशः जहाज के नौवहन व मशीनरी उपकरणों की एकल स्टेशन निगरानी की सुविधाप्रदान करता है ।
केंद्रीय विद्युत (स्वतंत्र प्रभार), नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा, कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री आर के सिंह ने बिहार के आरा में आयोजित एक वर्चुअल समारोह में ग्राम उजाला कार्यक्रम की शुरुआत की। इस समारोह में विद्युत मंत्री ने कहा,“अभी भी हमारी ग्रामीण आबादी छूट वाली सस्ती एलईडी का खर्च उठाने में असमर्थ है।इसके चलते ही हमने अब ग्राम उजाला- ग्रामीण भारत के लिए अनुकूल कार्यक्रम, जोविशिष्ट और अभिनव रूप से कार्बन वित्त पर आधारित है, को बनाया है।कार्यशील पुराने तापदीप्त बल्बों के बदले प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए केवल 10 रुपये में एलईडी उपलब्ध होंगे। प्रत्येक परिवार को अधिकतमपांच एलईडी बल्बमिलेंगें।”
जनजातियों के जीवन और आजीविका को बेहतर बनाने और जनजातीय सशक्तीकरण की दिशा में कार्य करने के लिए वर्तमान प्रयासों के एक अंग के रूप में, ट्राइफेड विभिन्न संगठनों के साथ साझेदारी करने के लिए वचनबद्ध है। इस संदर्भ में, ट्राइफेड ने शिल्प के क्षेत्र में प्रशिक्षण और कला संवर्धन की दिशा में कार्यरत जेडईपीएचवाईआर द्वारा संचालित एक स्थापित संगठन क्राफ्ट विलेज के साथ के साथ एक समझौता किया है। दोनों संगठनों ने निम्नलिखित क्षेत्रों में जनजातीय समुदायों के समग्र उत्थान की दिशा में संयुक्त रूप से काम करने हेतु भागीदारी की है:
यूरोपीय आयोग ने 17 मार्च, 2021 को कोविड-19 टीकाकरण, परीक्षण और रिकवरी के बारे में विवरणों को कवर करते हुए “डिजिटल ग्रीन सर्टिफिकेट” नामक एक कोविड-19 प्रमाणपत्र का प्रस्ताव दिया है। यह निर्णय सुरक्षित और सतत तरीके से यात्रा के लिए यूरोपीय संघ (ईयू) को फिर से खोलने के लिए लिया गया था। कोविड-19 प्रमाण पत्र यूरोपीय संघ द्वारा जारी करने, सत्यापित करने और स्वीकार करने के लिए एक दृष्टिकोण है ताकि यूरोपीय संघ के भीतर मुक्त आवाजाही को सुविधाजनक बनाया जा सके। यूरोपीय आयोग ने मध्य जून, 2021 तक यूरोपीय संघ के स्तर पर कोविड-19 प्रमाण पत्र के लिए तकनीकी ढांचे को परिभाषित करने और लागू करने का प्रस्ताव दिया है। आयोग व्यक्तिगत डेटा संरक्षण और इसके सुरक्षा उपायों के पूर्ण अनुपालन पर भी नज़र रखेगा।
मध्य और पूर्वी यूरोप (CEE) के सदस्य देशों ने विभाजन और शासन नीति (Divide and Rule Policy) के माध्यम से यूरोपीय संघ की एकता को कमजोर करने के लिए बढ़ती चीन की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए “सिनात्रा सिद्धांत” को स्वीकार किया है। सिनात्रा सिद्धांत दो स्तंभों पर आधारित होगा:
रूसी वैज्ञानिकों ने 13 मार्च, 2021 को दुनिया के सबसे बड़े पानी के नीचे टेलिस्कोप में से एक को लांच किया है। इस पानी के नीचे के टेलिस्कोप को बैकाल झील में तैनात किया गया था। वर्ष 2015 से गहरे पानी के टेलिस्कोप का निर्माण चल रहा था। इस टेलिस्कोप को न्यूट्रिनो (neutrino) नामक सबसे छोटे ज्ञात कणों के निरीक्षण के लिए डिजाइन किया गया है। इस टेलिस्कोप को “बैकाल-जीवीडी” (Baikal-GVD) नाम दिया गया है। यह बैकाल झील के किनारे से चार किलोमीटर की दूरी पर 750-1300 मीटर की गहराई तक डूबा हुआ है। बैकाल टेलिस्कोप आइस क्यूब का प्रतिद्वंद्वी है, जो दक्षिण ध्रुव पर स्थित अमेरिकी अनुसंधान स्टेशन पर अंटार्कटिक बर्फ के नीचे एक विशाल न्यूट्रिनो वेधशाला है। बैकाल झील (Lake Baikal) रूस के दक्षिणी साइबेरिया में स्थित झील है। यह झील उत्तर-पश्चिम में इरकुत्स्क ओब्लास्ट और दक्षिण-पूर्व में बुर्यात गणराज्य के बीच स्थित है। यह दुनिया भर में मात्रा के हिसाब से सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है।
United States Agency for International Development (USAID) और US International Development Finance Corporation (DFC) ने भारतीय लघु और मध्यम उद्यम (एसएमई) द्वारा अक्षय ऊर्जा समाधानों में निवेश के लिए 41 मिलियन डॉलर के ऋण गारंटी कार्यक्रम की घोषणा की है। USAID और DFC संयुक्त रूप से 41 मिलियन डॉलर के ऋण पोर्टफोलियो गारंटी को प्रायोजित कर रहे हैं। यह राशि अक्षय ऊर्जा समाधान और रूफटॉप सोलर इंस्टालेशन के लिए भारतीय एसएमई द्वारा निवेश को वित्तपोषित करने में मदद करेगी। ये ऋण एसएमई को विश्वसनीय बिजली और लागत में कटौती करने में सक्षम बनाएंगे। सौर समाधानों में निवेश स्वच्छ, स्थिर और सस्ती ऊर्जा तक पहुंच को बेहतर बनाने में मदद करेगा। यह भारत में स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन शमन की दिशा में प्रगति को आगे बढ़ाने में भी मदद करेगा।
महिला और बाल विकास मंत्रालय 16 मार्च से 31 मार्च, 2021 तक पोषण पखवाड़ा मना रहा है। महिला और बाल विकास विभाग या समाज कल्याण विभाग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पोषण पखवाड़ा के लिए नोडल विभाग है। इस पखवाड़ा के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में खाद्य वानिकी का उपयोग करके पोषण संबंधी चुनौतियों का समाधान करना और पोषण पंचायतों को व्यवस्थित करना है। इसके तहत, आयुष मंत्रालय के तहत काम करने वाले राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (National Medicinal Plants Board) आंगनवाड़ी केंद्रों में से प्रत्येक को पोषण संबंधी समृद्ध पौधों के 4 नमूने वितरित करेंगे। यह पोषण संबंधी चुनौतियों का मुकाबला करने में सहायता करेगा। इसके वितरण की देखरेख स्थानीय पंचायत और डीएम या डीसी द्वारा की जाएगी। मंत्रालय कुपोषण के प्रसार और इसके परिणामों, खाद्य वानिकी, पोषण वाटिका, SAM बच्चों की पहचान और इसके प्रबंधन सहित विषयों पर जागरूकता अभियान भी आयोजित करेगा।
EY और Imperial College London’s institute for Global Health Innovations ने “Embracing Digital: Is covid-19 the catalyst for lasting change?” सर्वेक्षण किया था। इस सर्वेक्षण के अनुसार, भारत ने कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य और मानव सेवाओं में डिजिटल तकनीकों को अपनाने के उच्चतम स्तर को देखा है। एह सर्वेक्षण भारत, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, इटली, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में 2000 से अधिक वैश्विक एचएचएस प्रोफेशनल्स पर किया गया था। भारत से, 359 उत्तरदाताओं ने इस सर्वेक्षण में भाग लिया। इस सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद से डिजिटल तकनीकों और डेटा समाधानों का उपयोग बढ़ा है। इस सर्वेक्षण के दौरान यह पाया गया कि, भारत भर में 74% उत्तरदाताओं ने बताया कि डिजिटल प्रौद्योगिकियों और डेटा समाधानों ने कर्मचारियों की उत्पादकता में वृद्धि की है। इसके अलावा, 75% उत्तरदाताओं ने बताया कि डिजिटल समाधान रोगियों और अन्य सेवा उपयोगकर्ताओं के लिए बेहतर परिणाम देने में प्रभावी हैं।
जवाहरलाल नेहरू सेंटर फॉर एडवांस साइंटिफिक रिसर्च (Jawaharlal Nehru Centre for Advanced Scientific Research) के वैज्ञानिकों के एक दल ने एक ऐसी विधि खोजी है जो प्रकाश संश्लेषण की तरह कार्य करती है। वातावरण से अतिरिक्त कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने के लिए कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण विधि विकसित की गई है। यह विधि सौर ऊर्जा का उपयोग करती है और कैप्चर किए गए कार्बन डाइऑक्साइड को कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) में परिवर्तित करती है। बदले में कार्बन मोनोऑक्साइड का उपयोग आंतरिक दहन इंजन (internal combustion engines) के लिए ईंधन के रूप में किया जा सकता है। वैज्ञानिकों की टीम ने एकीकृत उत्प्रेरक प्रणाली का डिजाइन और निर्माण किया है जो धातु-आर्गेनिक ढांचे (MOF-808) पर आधारित है। सिस्टम में एक फोटोसेंसिटाइज़र होता है। फोटोसेंसिटाइज़र सौर ऊर्जा और उत्प्रेरक केंद्र का उपयोग कर सकता है। यह बदले में कार्बन डाइऑक्साइड कम करता है।
केंद्र सरकार ने 11 समितियां बनाई हैं, जिनका नेतृत्व संबंधित मंत्रालय, पर्यावरण और वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) और नीति आयोग के अधिकारी करेंगे। यह समितियां एक रेखीय अर्थव्यवस्था से सर्कुलर अर्थव्यवस्था में भारत के परिवर्तन के लिए कार्य करेंगी। ये समितियां संबंधित फोकस क्षेत्रों में रैखिक (linear) से परिपत्र अर्थव्यवस्था (circular economy) में परिवर्तन के लिए मदद करने के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार करेंगी। यह समिति आवश्यक तौर-तरीके भी अपनाएगी, जो निष्कर्षों और सिफारिशों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेंगे। सरकार ने रैखिक अर्थव्यवस्था से परिपत्र अर्थव्यवस्था में स्थानांतरित करने के लिए 11 फोकस क्षेत्र का चयन किया है। इन क्षेत्रों में शामिल हैं: नगरपालिका ठोस अपशिष्ट और तरल अपशिष्ट, इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट, स्क्रैप धातु (लौह और अलौह), सौर पैनल, जिप्सम, लिथियम-आयन बैटरी, कृषि अपशिष्ट, विषाक्त खतरनाक औद्योगिक अपशिष्ट, प्रयुक्त तेल अपशिष्ट, टायर और रबर पुनर्चक्रण और ELVs (End-of-life Vehicles)।
लोकसभा में ‘Marine Aids to Navigation Bill 2021’ पेश किया गया। इस बिल को बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री मनसुख मंडाविया ने पेश किया था। यह बिल एक नया फ्रेमवर्क प्रदान करना चाहता है ताकि पोत यातायात सेवाओं की स्थापना और प्रबंधन किया जा सके। इसके तहत नेविगेशन में आधुनिक रूपों के उपयोग को सक्षम करने के लिए “lighthouse” के बजाय “marine aids to navigation” शब्द का उपयोग किया जायेगा। इस विधेयक में नौ-दशक पुराने कानून को बदलने की कोशिश की गई है जो लाइटहाउस को नियंत्रित करता है। इस विधेयक को तकनीकी परिवर्तनों के अनुरूप पेश किया गया है जो समुद्री नेविगेशन में तेज गति से हो रहे हैं। इस विधेयक में तकनीकी विकास को शामिल करने का भी प्रस्ताव है। इस बिल में विरासत के लाइटहाउस को पहचानने और विकसित करने का भी प्रयास किया गया है।
लोकसभा ने अनुसूचित जातियों संबंधी संविधान आदेश संशोधन विधेयक, 2021 पारित कर दिया है। इस विधेयक में तमिलनाडु में अनुसूचित जातियों की सूची संशोधित करने का प्रावधान किया गया है। विधेयक में देवेंद्रकुल वेलालर के स्थान पर देवेंद्र कुलाथन समुदाय की प्रविष्टि की गई है, जिसमें देवेंद्र कुलाथन, कलाड़ी, कुडुम्बन, पल्लन, पन्नाडी और वथिरियन जातियां शामिल हैं। इस विधेयक में न तो किसी जाति को घटाने और न ही शामिल करने का प्रावधान किया गया है। केवल कुछ जातियों को पुनः समूहबद्ध किया गया है, ताकि इन समुदायों की आकांक्षाएं पूरी की जा सकें।
लोकसभा ने खदान और खनिज विकास तथा विनियमन संशोधन विधेयक, 2021 पारित कर दिया है। यह विधेयक खनिज विकास और विनियमन अधिनियम 1957 को संशोधित करने तथा कैप्टिव और मर्चेंट खदानों के बीच अंतर दूर करने के लिए लाया गया है। विधेयक में केंद्र सरकार को जिला खनिज प्रतिष्ठान के पास अनुरक्षित कोष के संघटन और उपयोग के बारे में निर्देश जारी करने का अधिकार दिया गया है। अब परमाणु खदानों को छोड़ कर अन्य कैप्टिव खदानें अन्य जरूरतें पूरी करने के बाद खुले बाजार में वार्षिक खनिज उत्पादन के 50 प्रतिशत तक बेचा जा सकेगा।
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