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संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने तेलंगाना के पोचमपल्ली गांव को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में से एक के रूप में चुना है। इस गांव को यह प्रतिष्ठित सम्मान दो दिसम्बर को स्पेन की राजधानी मेड्रिड में संगठन की महासभा के 24वें सत्र के अवसर पर दिया जाएगा। पर्यटन मंत्रालय ने इस सम्मान के लिए तीन गांवों की सूची भेजी थी। ये थे- मेघालय का कोंगथोंग, मध्य प्रदेश का लधपुरा खास और तेलंगाना का पोचमपल्ली। हैदराबाद से 50 किलोमीटर दूर स्थित तेलंगाना के नलगोंडा जिले का यह गांव, अपनी उत्कृष्ट और अनूठी साड़ियों के लिए विश्वप्रसिद्ध है।
ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को आठ विकेट से हराकर अपना पहला ट्वेंटी-20 क्रिकेट विश्व कप खिताब जीत लिया है। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड ने निर्धारित बीस ओवर में चार विकेट पर एक सौ बहत्तर रन बनाए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने सात गेंद शेष रहते दो विकेट के नुकसान पर 173 रन बनाकर मुकाबला जीत लिया।
कर्नाटक सरकार ने दिवंगत एक्टर पुनीत राजकुमार को मरणोपरांत कर्नाटक रत्न पुरस्कार से सम्मानित करने का ऐलान किया है। पुनीत राज्य का यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले 10वें शख्स होंगे। आखिरी बार 2009 में डॉ. वीरेंद्र हेगड़े को समाजसेवा के लिए यह अवॉर्ड दिया गया था। पुनीत राजकुमार का 29 अक्टूबर को 46 की उम्र में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया था।
रिज़र्व बैंक ने ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को छह महीने के अंदर आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश दिया है। जमा स्वीकार करने वाली दस से अधिक शाखाओं की ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और पांच हजार करोड़ रुपये की न्यूनतम परिसंपत्ति वाली ग़ैर जमा वित्तीय कंपनियों से आंतरिक लोकपाल की नियुक्ति करने को कहा गया है। यह शिकायतों के निपटान के लिए प्रभावी आंतरिक तंत्र होगा। शिकायतकर्ता को अंतिम निर्णय देने से पहले आंतरिक लोकपाल ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा आंशिक या पूर्णरुप से खारिज कर दी गई शिकायतों की समीक्षा करेंगे। वे लोगों से सीधे मिलने वाली शिकायतों पर सुनवाई नहीं करेंगे। ग्राहकों से सार्वजनिक संपर्क नहीं रखने वाली ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को आंतरिक लोकपाल नियुक्ति की अनिवार्यता से छूट दी गई है।
भारत सरकार करीब 20 महीने बाद पाकिस्तान में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा कॉरिडोर (Kartarpur Sahib Gurudwara corridor) को फिर से खोलने पर विचार कर रही है ताकि सिख तीर्थयात्रियों को वहाँ से गुज़रने की अनुमति मिल सके। इसे कोविड -19 महामारी के कारण बंद कर दिया गया था। भारत सरकार 19 नवंबर (2021), सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक जी की जयंती (जिसे गुरपुरब/गुरु पर्व या "प्रकाश पर्व" के नाम से जाना जाता है) तक मार्ग खोलने पर विचार कर रही है। यह कॉरिडोर भारत और पाकिस्तान के बीच उन दुर्लभ नई पहलों में से एक है जो वर्ष 2019 में पुलवामा हमले, बालाकोट हमले और जम्मू-कश्मीर पर अनुच्छेद 370 में संशोधन के निर्णय के बाद तनावपूर्ण स्थिति के कारण दोनों पक्षों के राजनयिकों को वापस बुला लिया गया और सभी व्यापार संबंधों को रद्द कर दिया गया। यह एक अनूठी परियोजना है क्योंकि इस तरह के वीज़ा-मुक्त "मानव कॉरिडोर" का उपयोग आम तौर पर आपातकालीन स्थितियों के लिये किया जाता है अर्थात् शरणार्थी हिंसा या मानवीय आपदाओं से विस्थापन हेतु उपयोग किया जाता है न कि तीर्थयात्रा के लिये। करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के नारोवाल ज़िले में दरबार साहिब गुरुद्वारा को भारत के पंजाब प्रांत के गुरदासपुर ज़िले में डेरा बाबा नानक साहिब से जोड़ता है। यह कॉरिडोर 12 नवंबर, 2019 को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती समारोह के अवसर पर बनाया गया था।
18वीं शताब्दी में ईसाई धर्म अपनाने वाले हिंदू देवसहायम पिल्लई (Devasahayam Pillai) संत की उपाधि प्राप्त करने वाले पहले भारतीय होंगे। पॉप फ्राँसिस 15 मई, 2022 को वेटिकन में सेंट पीटर्स बेसिलिका में एक विहित धर्मसभा के दौरान छह अन्य संतो के साथ देवसहायम पिल्लई को संत घोषित करेंगे। वेटिकन सिटी रोमन कैथोलिक चर्च की सीट है। देवसहायम पिल्लई का जन्म 23 अप्रैल 1712 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी ज़िले के नट्टलम गाँव में हुआ था। ईसाई धर्म अपनाने से पहले यह नीलकंद पिल्लई के नाम से जाने जाते थे तथा यह मंदिर के पुजारियों के परिवार में पले-बढ़े थे। इन्होंने त्रावणकोर के महाराजा मार्तंड वर्मा के दरबार में सेवा दी और यहीं पर उनकी मुलाकात एक डच नौसैनिक कमांडर से हुई, जिन्होंने उन्हें कैथोलिक धर्म के बारे में सिखाया। वह वर्ष 1745 में कैथोलिक बन गए तथा इन्होंने ईसाई धर्म अपनाने के बाद ‘लेज़ारूस’ (Lazarus) नाम रख लिया था लेकिन बाद में देवसहायम (भगवान की मदद) के नाम से जाने गए। उसके बाद उन्हें धर्मांतरण के खिलाफ त्रावणकोर राज्य के प्रकोप का सामना करना पड़ा। 14 जनवरी, 1752 को कैथोलिक बनने के ठीक सात वर्ष बाद देवसहायम की अरलवाइमोझी जंगल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। तब से इन्हें दक्षिण भारत में व्यापक कैथोलिक समुदाय द्वारा शहीद माना जाता है। इनकी कब्र तमिलनाडु के कन्याकुमारी ज़िले के कोट्टार सूबा के सेंट फ्रांसिस जेवियर कैथेड्रल में है।
हाल ही में त्रिपक्षीय नौसैनिक अभ्यास सिंगापुर-भारत-थाईलैंड समुद्री अभ्यास (SITMEX) का तीसरा संस्करण हिंद महासागर के अंडमान सागर में आयोजित किया गया है। यह अभ्यास भारत की सागर (SAGAR-हिंदमहासागरीय क्षेत्र में सभी के लिये सुरक्षा एवं संवृद्धि ) नीति के उद्देश्यों के अनुरूप हैं। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ (IISS) शांगरी-ला संवाद एशिया का प्रमुख रक्षा शिखर सम्मेलन है। इसे वर्ष 2002 में लॉन्च किया गया था। भारतीय नौसेना द्वारा SITMEX का पहला संस्करण सितंबर 2019 में पोर्ट ब्लेयर में आयोजित किया गया था। सिंगापुर द्वारा नवंबर 2020 में अभ्यास के दूसरे संस्करण की मेज़बानी की गई। इस अभ्यास के वर्ष 2021 संस्करण की मेजबानी थाईलैंड द्वारा की जा रही है। इसमें कई सामरिक प्रशिक्षण अभ्यास शामिल हैं, जैसे- नौसेना युद्धाभ्यास और सतह युद्ध अभ्यास। इसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में व्यापक समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में आपसी संबंधों को मज़बूत करना और सामान्य समझ और प्रक्रियाओं को विकसित करना है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के साथ असम-मेघालय सीमा पर गांवों में से एक लांगपीह का संयुक्त रूप से निरीक्षण किया ताकि राज्यों के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद मुद्दे का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान किया जा सके। गुवाहाटी में संयुक्त रूप से संवाददाताओं को संबोधित करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों राज्य अंतर-राज्य सीमा विवाद को हल करने के लिए यथास्थिति बनाए रखने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों राज्य सरकारें इस सीमा मुद्दे का स्थायी समाधान निकालना चाहती हैं। लंगपीह आठ सौ 84 दशमलव नौ किलोमीटर की सीमा पर विवादित 12 क्षेत्रों में से एक है और दोनों राज्य सरकारों ने कुछ महीने पहले एक कैबिनेट मंत्री, स्थानीय विधायकों, नौकरशाहों और प्रबुद्ध वर्ग की अध्यक्षता में क्षेत्रीय समितियों का गठन किया था। यह समितियां विवादित गांवों का संयुक्त रूप से दौरा करने और स्थानीय ग्रामीण लोगों से विचार-विमर्श कर तथा उच्च स्तर पर अवलोकन करके इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत बनाने का कार्य दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल में पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस स्टेशन में हर आधुनिक सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। देश में एक सौ 75 से अधिक स्टेशनों का कायाकल्प किया जा रहा है। भारतीय रेल देश की संस्कृति और पर्यटन को जोडने का काम कर रही है। इस स्टेशन से पता चलता है कि भारतीय रेल का भविष्य कितना आधुनिक है। इससे पहले यह हबीबगंज रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता था। देश में अपनी तरह के इस पहले विश्व स्तरीय मॉडल रेलवे स्टेशन में वे सभी सुविधाएं हैं जो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर उपलब्ध होती हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने पोस्ट मॉर्टम प्रक्रिया के लिए नए नियम अधिसूचित किए हैं। इनके अनुसार अब पर्याप्त बुनियादी ढांचे वाले अस्पतालों में सूर्यास्त के बाद पोस्ट मॉर्टम किया जा सकेगा। इससे अंगदान और उनके प्रत्यारोपण को बढ़ावा मिलेगा। रात्रि के समय किए जाने वाले सभी पोस्ट मॉर्टम की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी, ताकि किसी प्रकार के संदेह की गुंजाइश न रहे। हत्या, आत्म हत्या, दुष्कर्म, विच्छिन्न देह, संदिग्ध अवैध घटना जैसे मामलों में जब तक कानून और व्यवस्था की स्थिति न हो रात में पोस्ट मॉर्टम नहीं किया जाना चाहिए।
भारत ने दक्षिणी श्वेत महाद्वीप में अपने दल के पहले बैच के आगमन के साथ अंटार्कटिका के लिए 41वां वैज्ञानिक अभियान सफलतापूर्वक शुरू किया है। 23 वैज्ञानिकों और सहायक कर्मचारियों का पहला बैच पिछले सप्ताह भारतीय अंटार्कटिक स्टेशन - मैत्री पहुंचा था। इस अभियान के दो प्रमुख कार्यक्रम हैं। पहले कार्यक्रम में भारती स्टेशन पर अमेरी आइस-शेल्फ़ का भू-वैज्ञानिक अन्वेषण शामिल है। दूसरे कार्यक्रम के अंतर्गत मैत्री के पास 500 मीटर आइस कोर की ड्रिलिंग के लिए प्रारंभिक कार्य और स्थलाकृति पर्यवेक्षण किया जाएगा। इससे अंटार्कटिक जलवायु को समझने में सहायता मिलेगी। 1981 में शुरू हुए भारतीय अंटार्कटिक कार्यक्रम ने अब तक 40 वैज्ञानिक अभियान पूरे कर लिए हैं। भारत ने अंटार्कटिका में तीन स्थायी अनुसंधान बेस स्टेशन बनाए हैं, जिनके नाम हैं - दक्षिण गंगोत्री, मैत्री और भारती।
महाराष्ट्र सरकार ने महाराष्ट्र की इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी संगठन, रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट (Rocky Mountain Institute - RMI) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (COP26) में यूनाइटेड किंगडम के ग्लासगो में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। महाराष्ट्र राज्य ईवी नीति का लक्ष्य 2025 तक भारत में कुल पंजीकरण के ईवी वाहनों का 10 प्रतिशत हिस्सा होना है।
भारतपे (BharatPe) ने अपने मर्चेंट पार्टनर्स के लिए दुनिया का पहला मर्चेंट शेयरहोल्डिंग प्रोग्राम (Merchant Shareholding Program - MSP) लॉन्च किया। यह 100 मिलियन डॉलर मूल्य का कार्यक्रम है, जिसके तहत कंपनी अपने मर्चेंट ग्राहकों को भारतपे के इक्विटी शेयर खरीदने और भागीदार बनने का अवसर प्रदान करती है। कंपनी 2024 तक सार्वजनिक लिस्टिंग की योजना बना रही है और सार्वजनिक लिस्टिंग मूल्य $ 1 बिलियन का लक्ष्य रखती है। मर्चेंट पेमेंट्स और वित्तीय सेवा कंपनी अपने 7.5 मिलियन से अधिक मौजूदा मर्चेंट पार्टनर्स को प्रोत्साहन देगी। मंच से जुड़ने वाले नए व्यापारियों को भी कार्यक्रम की पेशकश की जाएगी। भारतपे ने कहा कि स्टॉक प्रोग्राम को व्यापारियों के लिए धन सृजन में अंतर को दूर करने और उन्हें सक्रिय विकास भागीदारों के रूप में पहचानने के लिए डिज़ाइन किया गया है, इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में तेजी से बढ़ते फिनटेक सेगमेंट में अपने व्यापारी भागीदारों के बीच वफादारी बनाए रखना है।
टीवीएस समूह की प्रमुख कंपनी टीवीएस मोटर कंपनी (TVS Motor Company), संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पेक्ट (United Nations Global Compact - UNGC) में शामिल हो गई है, जो दुनिया की सबसे बड़ी स्वैच्छिक कॉर्पोरेट स्थिरता पहल है। TVS Motor UNGC में शामिल होने वाली पहली भारतीय दोपहिया और तिपहिया निर्माता बन गई है। टीवीएस मोटर सहयोगी परियोजनाओं में भी शामिल होगी जो संयुक्त राष्ट्र के विकास लक्ष्यों, विशेष रूप से सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable development goals - SDG) को आगे बढ़ाएगी।
आरबीआई ने 2021-22 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। MoSPI के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर में फूड बास्केट में महंगाई दर बढ़कर 0.85 फीसदी हो गई, जो पिछले महीने में 0.68 फीसदी थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index - CPI) द्वारा मापी गई भारत की खुदरा मुद्रास्फीति दर, खाद्य कीमतों में वृद्धि के कारण अक्टूबर में थोड़ा बढ़कर 4.48% सालाना हो गई, जो सितंबर में 35% थी। पिछले साल अक्टूबर में महंगाई दर 61 फीसदी थी।
मेघालय राज्य ने 'वांगला (Wangala)' के 44 वें संस्करण को मनाया, 100 ड्रम महोत्सव का त्योहार शुरू हुआ। यह गारोस जनजाति (Garos tribe) का एक फसल के बाद का त्योहार है जो हर साल गारोस के सूर्य देवता 'सलजोंग (Saljong)' को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया जाता है, जो फसल के मौसम के अंत का भी प्रतीक है। 1976 से मनाया जाने वाला, यह गारो जनजाति का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है और बहुत सारे पर्यटकों को आकर्षित करता है। वांगला के दौरान, आदिवासी अपने देवता सलजोंग, सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए बलि चढ़ाते हैं। त्योहार का पहला दिन रगुला (Ragula) नामक समारोह के साथ मनाया जाता है जो गांव के मुखिया के घर में किया जाता है। उत्सव के दूसरे दिन, कक्कट (Kakkat) में लोग रंगीन वेशभूषा में पंख वाले सिर के साथ तैयार होते हैं और लंबे अंडाकार आकार के ड्रम की ताल पर नृत्य करते हैं।
बच्चों के फुटवियर ब्रांड प्लेटो (Plaeto) ने प्रसिद्ध भारतीय क्रिकेटर राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) को अपना ब्रांड एंबेसडर और मेंटर नियुक्त करने की घोषणा की है। प्लेटो भारत का पहला D2C फुट-स्वास्थ्य केंद्रित फुटवियर ब्रांड है जिसे विशेष रूप से भारतीय बच्चों के लिए डिज़ाइन किया गया है। प्लेटो की स्थापना मार्च 2020 में रवि कल्लायिल (Ravi Kallayil), सारा किलगोर (Sara Kilgore) और पवन करेती (Pavan Kareti) ने की थी। ब्रांड ने द्रविड़ की विशेषता वाले एक अभियान के साथ साझेदारी की घोषणा की है। अभियान को बैंगलोर स्थित पीपल डिज़ाइन एंड कम्युनिकेशन (People Design and Communication) द्वारा टीम प्लेटो के साथ साझेदारी में विकसित किया गया है। वीडियो अभियान को ब्रांड के सोशल मीडिया चैनलों पर प्रचारित किया जाएगा और 14 नवंबर को लाइव होगा।
हाल ही में प्रसिद्ध भारतीय लेखिका मन्नू भंडारी का 90 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। 03 अप्रैल, 1931 को मध्य प्रदेश के भानपुरा में जन्मीं प्रसिद्ध साहित्यकार मन्नू भंडारी ने 1950 के दशक के अंत और 1960 के दशक की शुरुआत में कई प्रसिद्ध पुस्तकों की रचना की, हालाँकि उनके दो सबसे प्रसिद्ध हिंदी उपन्यास 'आपका बंटी' और 'महाभोज' हैं। मन्नू भंडारी को 'नई कहानी' आंदोलन के अग्रदूतों में से एक माना जाता था, जो हिंदी साहित्य का एक प्रमुख आंदोलन था, जिसे निर्मल वर्मा, राजेंद्र यादव, भीष्म साहनी, कमलेश्वर जैसे प्रसिद्ध लेखकों द्वारा शुरू किया गया। 1950 और 1960 के दशक में भारत सामाजिक बदलाव के दौर से गुज़र रहा था। इस दौर में शहरीकरण और औद्योगीकरण पर ज़ोर दिया जा रहा था, जिसने साहित्यिक वार्ता और चर्चा का अवसर प्रदान किया। इसी दौर में मन्नू भंडारी ने भी ‘नई कहानी’ आंदोलन के तहत अपने विचार प्रस्तुत किये। वह प्रगतिशील विचारों वाली लेखिका थीं और स्वतंत्रता के बाद कुछ ऐसे चुनिंदा लेखकों में शामिल थीं, जिन्होंने महिलाओं के बारे में लिखा और उन्हें मज़बूत एवं स्वतंत्र बनाने हेतु एक नई रोशनी प्रदान की। उन्होंने अपने लेखन के माध्यम से महिलाओं के यौन, भावनात्मक, मानसिक और आर्थिक शोषण को चुनौती दी।
केरल में प्रसिद्ध मप्पीला गीत (मप्पिला पट्टू) के गायक पीर मोहम्मद का कन्नूर में निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे। पीर मोहम्मद ने मप्पीला गीतों को गाकर इसे लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उन्हें मप्पीलापट्टू परंपरा के मार्गदर्शकों में से एक माना जाता है। वह 1976 में दूरदर्शन पर मप्पिलापट्टू प्रस्तुत करने वाले पहले कलाकार थे। पीर मोहम्मद ने केरल लोकगीत अकादमी पुरस्कार, केरल मप्पीला संगीत अकादमी पुरस्कार और मोयनकुट्टी वैद्यर स्मारक पुरस्कार सहित कई पुरस्कार जीते। केरल में इशालुकल की धुन पर मप्पिला गाने राज्य के मुस्लिम समुदाय के बीच लोकप्रिय हैं। इसमें उर्दू, अरबी, फारसी, हिंदी, संस्कृत, तमिल और कन्नड़ तथा अन्य भाषाओं के बहुत सारे शब्दों और उक्तियों का उपयोग किया गया है।
15 नवंबर, 2021 को बिरसा मुंडा जयंती मनाई गई। बिरसा मुंडा का जन्म वर्ष 1875 में हुआ था। वे मुंडा जनजाति के थे। बिरसा का मानना था कि उन्हें भगवान ने लोगों की भलाई और उनके दुःख दूर करने के लिये भेजा है, इसलिये वे स्वयं को भगवान मानते थे। उन्हें अक्सर 'धरती अब्बा' (Dharti Abba) या ‘जगत पिता’ के रूप में जाना जाता है। वर्ष 1899-1900 में बिरसा मुंडा के नेतृत्व में हुआ मुंडा विद्रोह छोटा नागपुर (झारखंड) के क्षेत्र में सर्वाधिक चर्चित विद्रोह था। इसे ‘मुंडा उलगुलान’ (विद्रोह) भी कहा जाता है। इस विद्रोह की शुरुआत मुंडा जनजाति की पारंपरिक व्यवस्था खूंटकटी की ज़मींदारी व्यवस्था में परिवर्तन के कारण हुई। इस विद्रोह में महिलाओं की भूमिका भी उल्लेखनीय रही। बिरसा मुंडा ने जनता को जागृत किया और ज़मींदारों एवं अंग्रेज़ों के खिलाफ विद्रोह किया। उन्होंने अंग्रेज़ों को करों और साहूकारों को ऋण/ब्याज का भुगतान न करने के लिये जनता को संगठित किया। इस प्रकार उन्होंने ब्रिटिश शासन के अंत और झारखंड में मुंडा शासन (तत्कालीन बंगाल प्रेसीडेंसी क्षेत्र) की स्थापना के लिये विद्रोह का नेतृत्त्व किया। उन्होंने धर्म को राजनीति से जोड़ दिया और एक राजनीतिक-सैन्य संगठन बनाने के उद्देश्य से प्रचार करते हुए गाँवों की यात्रा की। फरवरी 1900 में बिरसा मुंडा को सिंहभूम में गिरफ्तार कर राँची ज़ेल में डाल दिया गया जहाँ जून 1900 में उनकी मृत्यु हो गई।
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