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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू त्रिपुरा और असम के तीन दिन की यात्रा परअगरतला पहुंची। राज्यपाल सत्यदेव नारायण, मुख्यमंत्री डॉक्टर मानिक शाह और केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री प्रतिमा भौमिक ने हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की। इस वर्ष राष्ट्रपति बनने के बाद श्रीमती मुर्मु की किसी पूर्वोत्तर राज्य की यह पहली यात्रा है। राष्ट्रपति ने अगरतला में नरसिंहगढ़ में त्रिपुरा राज्य न्यायिक अकादमी का उद्घाटन किया और त्रिपुरा राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने त्रिपुरा में अगरतला-खोंगसांग जनशताब्दी एक्सप्रेस और अगरतला-कोलकाता एक्सप्रेस को रवाना किया। त्रिपुरा को असम, पश्चिम बंगाल और मणिपुर से जोडने वाली इन रेलगाडियों से पूर्वोत्तर क्षेत्र में सम्पर्क और पर्यटन को बढावा मिलेगा।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ नवंबर 2022 में भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बनेंगे। वर्तमान मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित 8 नवंबर, 2022 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ 9 नवंबर, 2022 को दो साल की अवधि के लिये भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार संभालेंगे। वह भारत के 16वें और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति वाई. वी. चंद्रचूड़ के पुत्र हैं। 11 नवंबर, 1959 को जन्मे जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ का पूरा नाम 'धनंजय यशवंत चंद्रचूड़' है। इनके पिता वाई. वी. चंद्रचूड़ भी सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 13 मई, 2016 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए। 31 अक्तूबर, 2013 से सर्वोच्च न्यायालय में नियुक्ति तक वे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे। 29 मार्च, 2000 से इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति तक बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहे और महाराष्ट्र न्यायिक अकादमी के निदेशक रहे। वर्ष 1998 से न्यायाधीश पद पर नियुक्त्ति होने तक भारत सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल रहे। जून 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किये गए। उन्होंने देश के सर्वोच्च न्यायालय और बॉम्बे उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में भी काम किया है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के सबसे महत्त्वपूर्ण केसों में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, HIV+ मरीज़ो के अधिकार, धार्मिक और भाषायी अल्पसंख्यक अधिकार तथा श्रम एवं औद्योगिक कानून शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में Prime Minister’s Development Initiative for North East Region (PM-DevINE) नामक एक नई योजना को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय बजट 2022-23 के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) में विकासात्मक अंतराल को दूर करने के लिए पीएम-डिवाइन योजना (PM-DevINE) की घोषणा की गई थी। हाल ही में शुरू की गई योजना को 15वें वित्त आयोग के शेष चार वर्षों के लिए 2022-23 से 2025-26 तक लागू किया जाएगा। पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी न्यूनतम सेवाओं (Basic Minimum Services – BMS) की कमी को दूर करने के लिए इसकी घोषणा की गई थी। इसे केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा और इसे केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। सरकार ने इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 6,600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह योजना बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और सामाजिक विकास परियोजनाओं के लिए वित्त पोषण प्रदान करती है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों में विकास अंतराल को दूर करने में मदद करेगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने वैश्विक वृद्धिदर वर्ष 2021 के छह प्रतिशत से कम होकर 2022 में तीन दशमलव दो प्रतिशत और 2023 में दो दशलमव सात प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। मुद्राकोष ने कहा कि वैश्विक वित्तीय संकट और महामारी के गंभीर दौर को छोड़कर, 2001 के बाद से यह सबसे धीमी वृद्धि दर होगी। मुद्राकोष ने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं- अमरीका, चीन और यूरो क्षेत्र में आर्थिक धीमापन जारी रहेगा। विश्व मुद्रा कोष ने भारत की विकास दर का अनुमान 6.5 फीसदी कर दिया है, जबिक प्रधानमंत्री के अर्थ सलाहकार का मानना है कि यह 7 फीसदी ही रहेगा।
केन्द्र ने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर, गाम्बिया में कफ-सिरप पीने से 66 बच्चों की मौत के मामले की जांच के लिए चार सदस्यों की विशेषज्ञ समिति गठित की है। हरियाणा में सोनीपत स्थित कंपनी मेडेन फार्मास्युटिकल लिमिटेड ने खांसी की यह दवा बनायी थी। विशेषज्ञ समिति की अध्यक्षता औषध संबंधी राष्ट्रीय स्थायी समिति के उपाध्यक्ष डॉक्टर वाई.के. गुप्ता करेंगे। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद - राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे की डॉक्टर प्रज्ञा यादव, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र, नई दिल्ली के महामारी विज्ञान प्रभाग की डॉक्टर आरती बहल और केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के संयुक्त औषधि नियंत्रक डॉक्टर ए.के. प्रधान समिति के सदस्य होंगे। सोनीपत की मेडेन फार्मास्युटिकल लिमिटेड द्वारा इस कफ-सिरप का निर्माण रोक दिया गया है और प्रयोगशाला रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।
एजुकेशन 4.0 इंडिया रिपोर्ट WEF, UNICEF और YuWaah द्वारा संयुक्त रूप से जारी की गई। स्कूल-टू-वर्क ट्रांजिशन छात्रों को तेजी से बदलते जॉब मार्केट में रोजगार योग्य बनाने की प्रक्रिया है। इस रिपोर्ट में पाया गया कि, समन्वय की कमी के कारण, भारत में स्कूल-टू-वर्क ट्रांज़िशन महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करता है। इस संबंध में मुख्य चुनौतियों में प्रशिक्षकों की कमी, अपर्याप्त संसाधन, बुनियादी ढांचे की कमी, मुख्यधारा के स्कूली शिक्षा पाठ्यक्रम के साथ खराब एकीकरण और स्थानीय कौशल अंतराल और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के बीच खराब संबंध शामिल हैं। अधिकांश माता-पिता और छात्र व्यावसायिक शिक्षा को मुख्यधारा की शिक्षा का दूसरा सबसे अच्छा विकल्प मानते हैं। नियोक्ता उम्मीद करते हैं कि छात्रों के पास अपनी नौकरी से संबंधित उच्च स्तर की दक्षता, ज्ञान और कौशल होंगे। वे मजबूत संचार कौशल, टीम वर्क और समस्या-समाधान और महत्वपूर्ण सोच क्षमताओं (critical thinking capabilities) वाले छात्रों का भी समर्थन करते हैं। वर्तमान में, स्कूली शिक्षा प्रणाली में उद्योग की मांगों को पूरा करने के साधनों की कमी है और इस मुद्दे को हल करने के लिए उद्योगों की भागीदारी को शामिल करने के लिए कोई औपचारिक चैनल नहीं है। इस रिपोर्ट में करियर जागरूकता बढ़ाने, इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप के माध्यम से नौकरी के अवसरों को बढ़ाने, छात्रों को शिक्षा के औपचारिक और अनौपचारिक साधनों के बीच स्थानांतरित करने, भाषा सीखने के माध्यम से समग्र विकास, एसटीईएम-आधारित पाठ्यक्रम और जीवन कौशल कोचिंग और ऐसी अन्य सिफारिशों के बीच बदलाव की अनुमति देने का सुझाव दिया गया है।
हाल ही में टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) रैंकिंग 2023 जारी की गईी। टाइम्स हायर एजुकेशन जिसे पहले टाइम्स हायर एजुकेशन सप्लीमेंट (THES) के नाम से जाना जाता था, एक पत्रिका है जो विशेष रूप से उच्च शिक्षा से संबंधित खबरों और मुद्दों पर रिपोर्टिंग करती है। जिन मापदंडों के आधार पर संस्थानों को रैंक दी गई है, वे हैं शिक्षण (30%), अनुसंधान (30%), उद्धरण (30%), अंतर्राष्ट्रीय दृष्टिकोण (7.5%), और उद्योग परिणाम (2.5%)। शिक्षण एवं अनुसंधान में 15% वेटेज के प्रतिष्ठित सर्वेक्षण पर आधारित है। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय 104 देशों के 1,799 विश्वविद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में उभरा है। वर्ष 2023 की रैंकिंग में 75 विश्वविद्यालयों के साथ भारत छठा सबसे प्रतिष्ठित प्रदर्शनकर्त्ता देश है। भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बैंग्लोर शिक्षण और अनुसंधान के लिये अपने प्रदर्शन स्कोर हेतु भारतीय संस्थानों में शीर्ष स्थान पर है। विश्व स्तर पर IISc को 251-300 बैंड में रखा गया है। वर्ष 2022 रैंकिंग में भी IISc शीर्ष रैंकिंग वाला भारतीय संस्थान है। भारतीय संस्थानों में दूसरा स्थान हिमाचल प्रदेश स्थित शूलिनी यूनिवर्सिटी ऑफ बायोटेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट साइंसेज़ (कुल मिलाकर 351-400) का है, जिसकी पहली बार रैंकिंग की गई है। IIT रोपड़ जो वर्ष 2022 रैंकिंग में दूसरा सर्वोच्च रैंकिंग वाला भारतीय संस्थान था, वह छठे स्थान पर है। तीसरा स्थान पर तमिलनाडु का अलगप्पा विश्वविद्यालय है जो एक सार्वजनिक संस्थान है। पारदर्शिता की चिंताओं को लेकर अधिकांश भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) द्वारा लगातार तीसरे वर्ष इसका बहिष्कार किया गया है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी- नासा ने दोहरे क्षुद्रग्रह पुनर्निर्देशन परीक्षण (Double Asteroid Redirection Test) - DART मिशन के परिणामों की घोषणा की है। नासा ने परीक्षण को सफल बताते हुए कल कहा कि पिछले महीने डार्ट अंतरिक्ष यान की टक्कर एक क्षुद्रग्रह से करायी गयी और यह यान क्षुद्रग्रह की गति बदलने में सफल रहा। डार्ट एक ऐसा अंतरिक्ष यान है जिसे पृथ्वी के लिए खतरा माने जाने वाले क्षुद्रग्रहों की गति बदलने के लिए डिजाइन किया गया है। नासा के प्रमुख बिल नेल्सन ने एक बयान में कहा कि यह पहली बार है जब मानव ने किसी खगोलीय पिंड की गति में बदलाव किया है।
युवा मामले और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने नई दिल्ली में वाडा एथलीट जैविक पासपोर्ट संगोष्ठी-2022 का शुभारंभ किया। देश में यह आयोजन पहली बार राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। पहली वाडा एबीपी संगोष्ठी नवंबर 2015 में दोहा, कतर में डोपिंग रोधी प्रयोगशाला कतर (एडीएलक्यू) द्वारा आयोजित की गई थी। दूसरी वाडा एबीपी संगोष्ठी का आयोजन इटालियन फेडरेशन ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन (एफएमएसआई) द्वारा 2018 में रोम, इटली में की गई थी। यह तीसरी वाडा एबीपी संगोष्ठी है और पहली बार भारत में इसका आयोजन किया जा रहा है। इस संगोष्ठी में 56 देशों के दो सौ से अधिक प्रतिभागी, वाडा के अधिकारी, विभिन्न राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संगठनों, एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाइयों (एपीएमयू) और वाडा से मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं।
भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका की नौसेना के सातवें संयुक्त बहुदेशीय अभ्यास यानि आई.बी.एस.ए.एम.ए.आर. में भाग लेने के लिए आईएनएस तरकश दक्षिण अफ्रीका के गकेबेरहा (Gqeberha) बंदरगाह पहुंच गया है। यह बंदरगाह पोर्ट एलिजाबेथ के नाम से भी जाना जाता है। इस अभ्यास के दौरान क्षति नियंत्रण और आग से बचाव जैसी उत्पन्न स्थिति से निपटने जैसे अभ्यास भी किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त विशेष बलों के बीच जानकारी का आदान-प्रदान भी होता है। इस अभ्यास में भारतीय नौसेना की ओर से तेग क्लास गाइडेड मिसाईल फ्रिगेट -आईएनएस तरकश, चेतक हेलिकाप्टर और समुद्री कमांडो बल के सैनिक भाग ले रहे हैं। इस अभ्यास का उद्देश्य समुद्री खतरों से निपटने के लिए समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना, संयुक्त कार्रवाई प्रशिक्षण और सर्वोत्तम उपायों का आदान-प्रदान करना है। इस प्रकार का पिछला अभ्यास दक्षिण अफ्रीका के साइमन्स टाउन के समुद्री क्षेत्र में अक्तूबर 2018 में किया गया था।
रक्षा मंत्रालय गुजरात के गांधीनगर में 12वीं द्विवार्षिक रक्षा प्रदर्शनी - डिफेंस एक्सपो 2022 का आयोजन कर रहा है। यह प्रदर्शनी 18 से 22 अक्तूबर के बीच लगाई जायेगी। इस विशाल प्रदर्शनी में थल, जल, नभ तथा स्वदेशी रक्षा प्रणालियों को प्रदर्शित किया जायेगा। गांधीनगर के महात्मा मंदिर सम्मेलन और प्रदर्शनी केन्द्र में कई संगोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। इन आयोजनों को विश्वभर में देखा जा सकेगा। संगोष्ठी का आयोजन अग्रणी उद्योग परिसंघों, विचार मंचों, भारतीय रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों, सेना मुख्यालयों, डीआरडीओ, गुणवत्ता महानिदेशालय, नागर विमानन मंत्रालय और राज्य सरकार करेंगी। संगोष्ठियों के आयोजन को रक्षा प्रदर्शनी की वेबसाइट https://defexpo.gov.in/ पर भी देखा जा सकेगा।
भारतीय रेलवे माल ढुलाई के लिए वंदे भारत रेलगाड़ी शुरू करने जा रहा है। रेल मंत्रालय के अनुसार ये रेलगाडियां अधिक मूल्य के ऐसे नाजुक सामानों को लेकर जायेंगी जिनकी ढुलाई इस समय परिवहन के अन्य साधनों से की जा रही है। मंत्रालय ने बताया है कि माल ढुलाई की ये सेवायें वंदे भारत प्लेटफार्म पर बने नये फ्रेट इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (ईएमयू) रोलिंग स्टॉक के जरिए संचालित होंगी। ऐसी पहली सेवा दिल्ली - राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और मुम्बई में शुरू की जा रही है। रेल मंत्रालय ने कहा है कि फ्रेट ई एम यू चलाने के लिए अन्य मार्गों की पहचान संभावित ग्राहकों और अन्य हितधारकों के परामर्श से की जायेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को एक वेबसाइट 'मा भारती के सपूत' का शुभारंभ करेंगे। यह वेबसाइट नागरिकों को सशस्त्र बल युद्ध बलिदान कल्याण कोष में योगदान करने में सहायता करेगी। इसे नई दिल्ली में राष्ट्रीय समर स्मारक परिसर में एक समारोह में शुरू किया जाएगा। जाने-माने फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन ने गुडविल एंबेसडर बनना स्वीकार किया है। समारोह में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष, तीनों सेना अध्यक्ष, परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता और रक्षा मंत्रालय के अधिकारी, व्यापार जगत, बैंक और खेल जगत की कई मशहूर हस्तियां शामिल होंगी।
भूतल कोयला गैसीकरण मार्ग के जरिए बड़े पैमाने पर कोयले से रसायन संबंधी चार परियोजनाओं की स्थापना के लिए, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने देश की तीन प्रमुख पीएसयू- भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल), इंडियन ऑइल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) और गेल (इंडिया) लिमिटेड के साथ अलग-अलग समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसके अलावा एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) ने भेल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। 35,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ प्रस्तावित भूतल कोयला गैसीकरण (एससीजी) परियोजनाओं को पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में स्थापित करने की योजना है। एससीजी मार्ग के जरिए कोयले को सिनगैस में बदला जाता है। इसे बाद में मूल्य वर्धित रसायनों के उत्पादन के लिए परिष्कृत किया जाता है, अन्यथा जो भारी खर्चे पर आयातित प्राकृतिक गैस या कच्चे तेल के जरिए मिलते हैं।
भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2025 तक बढ़कर लगभग 13 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, उपग्रह प्रक्षेपण सेवा खंड में सबसे तेज वृद्धि होगी और इसमें निजी भागीदारी भी बढ़ेगी। भारतीय अंतरिक्ष संघ (आईएसपीए) और अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे उपग्रहों की बढ़ती मांग के कारण देश में उपग्रह विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी कंपनियों को शामिल करने से इस क्षेत्र में वैश्विक स्टार्टअप को आकर्षित करने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था 2020 में 9.6 अरब डॉलर थी और इसके 2025 तक 12.8 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। रिपोर्ट का शीर्षक ‘भारत में अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र का विकास: समावेशी वृद्धि पर ध्यान’ है। रिपोर्ट में कहा गया कि उपग्रह सेवाएं एवं अनुप्रयोग खंड का आकार 2025 तक बढ़कर 4.6 अरब डॉलर हो जाएगा। यह खंड सबसे बड़ा होगा। इसके बाद चार अरब डॉलर के साथ स्थल खंड का स्थान होगा। उपग्रहण विनिर्माण खंड 3.2 अरब डॉलर और प्रक्षेपण खंड एक अरब डॉलर का होगा।
ए बालासुब्रमण्यम को एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के अध्यक्ष और राधिका गुप्ता को उद्योग निकाय के उपाध्यक्ष के रूप में फिर से चुना गया है। AMFI के अध्यक्ष के रूप में, ए बालासुब्रमण्यम AMFI वित्तीय साक्षरता समिति के पदेन अध्यक्ष के रूप में भी बने रहेंगे। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष 28वीं एजीएम के समापन तक पद पर बने रहेंगे।
Advanced Space-based Solar Observatory (ASO-S) – चीन का पहला अंतरिक्ष-आधारित सोलर टेलीस्कोप – हाल ही में लॉन्च किया गया। ASO-S को चीनी भाषा में कुआफू -1 (Kuafu-1) नाम दिया गया है। Advanced Space-based Solar Observatory (ASO-S) को चीन के उत्तर-पश्चिमी भाग में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्ग मार्च -2 डी वाहक रॉकेट पर लॉन्च किया गया। सौर मिशन, जिसके 4 साल तक चलने की उम्मीद है, वैज्ञानिकों को “सौर अधिकतम” (जब सूर्य में सबसे अधिक धब्बे होते हैं) के दौरान सूर्य की पहले की अभूतपूर्व छवियों को कैप्चर करने और उनका अध्ययन करने में सक्षम होगा। ASO-S चीन का पहला पूर्ण पैमाने का उपग्रह है जो सूर्य पर शोध करने के लिए समर्पित है। यह दुनिया का पहला सोलर टेलीस्कोप है जो सोलर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन दोनों की एक साथ निगरानी करने में सक्षम है। यह पृथ्वी की सतह से 720 किमी ऊपर की कक्षा से सूर्य का अध्ययन करेगा। यह मिशन पूरे सूर्य के वेक्टर चुंबकीय क्षेत्र का एक साथ अवलोकन करने, सौर फ्लेयर्स की उच्च ऊर्जा पर इमेजिंग स्पेक्ट्रोस्कोपी, और डिस्क पर और आंतरिक कोरोना में सौर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन के गठन और विकास का अध्ययन करने में सक्षम है।
रूस के साथ बढ़ते तनाव के बीच, उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन के सदस्य “स्टेडफास्ट नून” नामक एक परमाणु अभ्यास करने की योजना बना रहे हैं। स्टेडफ़ास्ट नून अभ्यास प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाएगा और यह एक सप्ताह से अधिक समय तक चलेगा। फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन में एक सैन्य अभियान शुरू करने से पहले इसकी योजना बनाई गई थी। इसमें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम लड़ाकू विमानों की भागीदारी शामिल होगी। हालांकि, इसमें कोई जीवित बम शामिल नहीं होगा। इस अभ्यास में नाटो के 30 में से 14 सदस्य भाग लेंगे। पारंपरिक जेट, निगरानी और ईंधन भरने वाले विमान नियमित रूप से इस अभ्यास में भाग लेंगे। ड्रिल का मुख्य भाग रूस से 1,000 किमी से अधिक दूरी पर आयोजित किया जाएगा। एक संगठन के रूप में नाटो के पास कोई परमाणु हथियार नहीं है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा 2027 में शनि के सबसे बड़े चंद्रमा टाइटन का अध्ययन करने के लिए ड्रैगनफ्लाई रोटरक्राफ्ट लॉन्च किया जाएगा। ड्रैगनफ्लाई रोटरक्राफ्ट को 2027 में लॉन्च किया जाएगा और यह वर्ष 2034 में टाइटन पर सेल्क क्रेटर क्षेत्र में पहुंचेगा। 1,000 पाउंड से कम वजन का यह अंतरिक्ष यान एक सैन्य परिवहन हेलीकॉप्टर के समान दिखेगा। यह टाइटन की संरचना को समझने के लिए ड्रोन की तरह काम करेगा और पृथ्वी पर जीवन की उत्पत्ति को समझने के लिए शोध करेगा। यह शनि के चंद्रमा पर पहला विमान होगा और किसी भी चंद्रमा पर पहली बार पूरी तरह से नियंत्रित वायुमंडलीय उड़ान होगी। यह बाहरी सौर मंडल में किसी खगोलीय पिंड को लक्षित करने वाली पहली उड़ने वाली मशीन होगी। टाइटन नासा के ड्रैगनफ्लाई रोटरक्राफ्ट का लक्ष्य है क्योंकि यह प्रीबायोलॉजिकल केमिस्ट्री, एस्ट्रोबायोलॉजी और एक बाह्य दुनिया की संभावित आवास क्षमता पर शोध करने के लिए एक आदर्श गंतव्य है। 13 वर्षों से अधिक समय से कैसिनी अंतरिक्ष यान से सभी रडार छवियों का उपयोग करते हुए, वैज्ञानिकों ने सेल्क क्रेटर क्षेत्र को सफलतापूर्वक चित्रित किया है। यह नासा रोटरक्राफ्ट की सुचारू लैंडिंग को सक्षम करेगा और टाइटन की सटीक खोज में मदद करेगा। ड्रैगनफ्लाई शनि के चंद्रमा के भूमध्यरेखीय, शुष्क क्षेत्र पर उतरेगा, जिसमें हाइड्रोकार्बन युक्त ठंडा और घना वातावरण है। टाइटन में तरल मीथेन वर्षा अक्सर होती है, यह पृथ्वी पर देखे जाने वाले रेगिस्तान की तरह है, जिसमें टिब्बा, छोटे पहाड़ और एक प्रभाव गड्ढा है।
36वें राष्ट्रीय खेल गुजरात के सूरत में भव्य समारोह के साथ 12 अक्तूबर को सम्पन्न हो गए। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत ओलंपिक की मेज़बानी करेगा। उन्होंने बताया कि माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्त्व में देश में खेलों के लिये सकारात्मक माहौल बनाया गया है। उपराष्ट्रपति ने खेल भावना विकसित करने पर ज़ोर दिया। इसी के मद्देनज़र भारतीय ओलंपिक संघ ने ओलंपिक खेलों के 37वें संस्करण की मेज़बानी के लिये गोवा में इसकी संभावनाओं की भी चर्चा की। खेल जगत के कई गणमान्य व्यक्तियों और लोकसभा अध्यक्ष ओमप्रकाश बिरला, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, गुजरात के खेल मंत्री हर्ष संघवी तथा बड़ी संख्या में खिलाड़ियों ने इस समापन समारोह में हिस्सा लिया। राष्ट्रीय खेलों के अंतिम दिन सर्विसेज़ ने शानदार प्रदर्शन के साथ 61 स्वर्ण सहित कुल 128 पदक अपने नाम किये और शीर्ष पर रहा। महाराष्ट्र ने 39 स्वर्ण के साथ दूसरा तथा हरियाणा ने 38 स्वर्ण लेकर तीसरा स्थान हासिल किया।
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने पुष्टि की कि 37वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन गोवा में किया जाएगा। गोवा की राज्य सरकार ने आईओए को अगले राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को लेकर अपनी सैद्धांतिक मंजूरी से अवगत करा दिया है। उन्होंने कहा कि गोवा का प्रतिनिधिमंडल 12 अक्टूबर 2022 को गुजरात के सूरत में 36वें राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह में आईओए का ध्वज ग्रहण कर सकता है। गोवा को 2008 में राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी सौंपी गई थी लेकिन विभिन्न कारणों से राज्य इनका आयोजन करने में असफल रहा। इस कारण आईओए को 36 राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी गुजरात को सौंपनी पड़ी थी जिसने कम अवधि में इनका आयोजन करने पर सहमति जताई थी।
केन्या के इलिउड किपचोगे (Eliud Kipchoge), जिन्हें विश्व का सबसे महान मैराथन धावक माना जाता है, ने बर्लिन मैराथन में अपने ही विश्व रिकॉर्ड को 30 सेकंड से तोड़ दिया। चार वर्ष पूर्व बर्लिन में उनके 02:01:39 सेट में यह एक बड़ा सुधार था। सपाट चिकनी सड़कों के कारण बर्लिन मैराथन कोर्स को दुनिया में सबसे तेज़ माना जाता है। मैराथन शब्द एक ग्रीक किंवदंती से आया है, जो फीडिपिड्स (Pheidippides) की कहानी बताता है, जो 490 ईसा पूर्व में मैराथन के मैदानों से एथेंस तक दौड़कर फारसी सेना पर यूनानियों की जीत की खबर पहुँचाने के लिये दौड़ा था। इसी कहानी पर आधारित यह दौड़ पहली बार वर्ष 1896 में ओलंपिक खेलों में पेश की गई थी।
प्रत्येक वर्ष 12 अक्तूबर को विश्व अर्थराइटिस दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य आर्थराइटिस के बढ़ते खतरे को कम करना तथा इस बारे में लोगों को जागरूक करना है। विश्व अर्थराइटिस दिवस की स्थापना वर्ष 1996 में अर्थराइटिस और रूमेटिज़म इंटरनेशनल (ARI) द्वारा की गई थी। अर्थराइटिस जोड़ों से संबंधित एक समस्या है। इस रोग में व्यक्ति के जोड़ों में दर्द होता है तथा उनमें सूजन आ जाती है। अर्थराइटिस शरीर के किसी एक जोड़ या एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित कर सकता है। वैसे तो अर्थराइटिस कई प्रकार का होता है लेकिन सामान्य तौर पर दो प्रकार काअर्थराइटिस अधिक देखने को मिलता है। अर्थराइटिस के ये दो प्रकार हैं- ‘ऑस्टियो अर्थराइटिस (Osteoarthritis)’ और ‘रुमेटॉयड अर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)’। हमारी हड्डियों के जोड़ों में ऊतक पाए जाते हैं। इन्हीं ऊतकों में से एक ऊतक जिसे कार्टीलेज के नाम से जाना जाता है, हड्डियों के जोड़ों की फंक्शनिंग में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब व्यक्ति के शरीर में हलचल होती है अर्थात् वह चलता-फिरता है तो उसके जोड़ों पर काफ़ी दबाव पड़ता है। कार्टीलेज ऊतक ऐसी स्थिति में उस दबाव और प्रेशर को अवशोषित कर लेता है तथा हड्डियों को डैमेज होने से बचाता है। जब शरीर में कार्टीलेज उत्तकों की मात्रा में गिरावट होने लगती है तो ऐसे में शरीर गठिया का शिकार होने लगता है।
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