Ask Question | login | Register
Notes
Question
Quiz
Tricks
Facts

15 March 2023

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने हलके लडाकू विमान तेजस पर पावर टेक ऑफ शॉफ्ट - पीटी ओ की पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन-डीआरडीओ ने बेंगलुरु में हलके लडाकू विमान तेजस पर पावर टेक ऑफ शॉफ्ट-पीटीओ की पहली उड़ान सफलतापूर्वक पूरी की। यह शॉफ्ट लडाकू अनुसंधान और विकास संस्‍थान-सीबीआरडीई, चेन्‍नई के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा स्‍वदेशी रूप से विकसित और डिजाइन किया गया है। पीटीओ शाफ्ट, जो विमान में एक महत्वपूर्ण घटक है, भविष्य के लड़ाकू विमानों और उनके वेरिएंट की आवश्यकताओं को पूरा करेगा और प्रतिस्पर्धी लागत और कम समय में उपलब्धता पेश करेगा। इस सफल परीक्षण के साथ, डीआरडीओ ने जटिल हाई-स्पीड रोटर तकनीक को साकार करके एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि हासिल की है, जो केवल कुछ ही देशों के पास है। पीटीओ शाफ्ट को अनोखी और इनोवेटिव पेटेंट 'फ्रीक्वेंसी स्पैनिंग तकनीक' के साथ डिजाइन किया गया है जो इसे विभिन्न ऑपरेटिंग इंजन गति प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। हल्के वजन की उच्च गति, लुब्रिकेश-फ्री पीटीओ शाफ्ट ड्राइव लाइन में उत्पन्न होने वाले मिसलिग्न्मेंट को समायोजित करते हुए विमान के इंजन गियर बॉक्स और एयरक्राफ्ट माउंटेड एक्सेसरी गियर बॉक्स के बीच उच्च शक्ति प्रसारित करता है। एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी, सैन्य उड़नयोग्यता और प्रमाणन केंद्र, एयरोनॉटिकल क्वालिटी एश्योरेंस महानिदेशालय और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए सीवीआरडीई के साथ मिलकर काम किया है। पीटीओ शाफ्ट तकनीक को पहले ही गोदरेज एंड बॉयस, मुंबई और लक्ष्मी टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग, कोयंबटूर में स्थानांतरित कर दिया गया है।

Q+A: समलैंगिक और ट्रांसजेंडर लोगों द्वारा रक्तदान पर भारत का प्रतिबंध

भारत में समलैंगिक और ट्रांसजेंडर व्यक्तियों द्वारा रक्तदान करने पर प्रतिबंध है । इस प्रतिबंध को चुनौती देने के लिए एक याचिका दायर करने के बाद, भारत सरकार ने वैज्ञानिक सबूतों का हवाला देते हुए इस प्रतिबन्ध का बचाव किया, जिसमें ट्रांसजेंडर और समलैंगिक समुदाय को एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमणों के लिए “जोखिम में” समूह में वर्गीकृत किया गया था। रक्तदान करने वाले समलैंगिक और ट्रांसजेंडर लोगों पर प्रतिबंध 1980 के दशक में लगाया गया था जब HIV/AIDS का पता लगाने और प्रसारित करने की जानकारी कम उन्नत थी। उस समय, लोगों को वायरस के संचरण के तरीकों के बारे में पूरी जानकारी नहीं थी, और रक्तदान में एचआईवी का पता लगाने के लिए कोई विश्वसनीय परीक्षण नहीं था। HIV संचरण के डर से भारत सहित कई देशों में समलैंगिक और ट्रांसजेंडर लोगों को रक्तदान करने से वंचित कर दिया गया। भारत सरकार वैज्ञानिक आधार पर प्रतिबंध को सही ठहराती है, जिसमें कहा गया है कि समुदाय को एचआईवी, हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण का अधिक खतरा है। हालांकि, कार्यकर्ताओं का तर्क है कि प्रतिबंध भेदभावपूर्ण है और समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है। उनका तर्क है कि सरकार का रुख पुरानी रूढ़ियों पर आधारित है और एचआईवी संचरण और रोकथाम के वर्तमान चिकित्सा ज्ञान के अनुरूप नहीं है।

H3N2 फ्लू वायरस के बढ़ते मामलों पर केंद्र अलर्ट

इन्फ्लुएंजा उप-प्रकार H3N2, जिसे आमतौर पर हांगकांग फ्लू कहा जाता है, पूरे भारत में सांस की बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में वृद्धि कर रहा है। H3N2 सभी गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमणों (SARI) और आउट पेशेंट इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के कम से कम 92 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है। यह अन्य इन्फ्लूएंजा उपप्रकारों की तुलना में अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती करा रहा है। हाल ही में, इसके कारण 2 मौतें हुई, 1 कर्नाटक में और दूसरी हरियाणा में। भारत वायरस को “मौसमी इन्फ्लुएंजा” (Seasonal Influenza) के रूप में देखता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में इसकी स्थिति की निगरानी और ट्रैक करने के लिए IDSP नेटवर्क में इस वायरस को शामिल किया था। ICMR ने इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए बरती जाने वाली सावधानियों पर सलाह जारी की। भारत सरकार मार्च तक मामलों में गिरावट की उम्मीद कर रही है। साथ ही मरीजों को श्रेणीबद्ध करने के लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एच1एन1 मामलों के साथ काम कर रहे स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों को टीका लगाने की सलाह दी है।

अटल इनोवेशन मिशन ने एटीएल सारथी की शुरूआत की

अटल इनोवेशन मिशन (एआईएम) - नीति आयोग ने अटल टिंकरिंग लैब्स (एटीएल) के बढ़ते इकोसिस्‍टम को मजबूत करने के लिए एक व्यापक स्व-निगरानी ढांचा एटीएल सारथी शुरू किया। अटल इनोवेशन मिशन युवा दिमाग में जिज्ञासा, रचनात्मकता और कल्पना को बढ़ावा देने के लिए भारत भर के स्कूलों में अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाओं (एटीएल) की स्थापना कर रहा है और डिजाइन थिंकिंग माइंडसेट, कम्प्यूटेशनल थिंकिंग, एडाप्टिव लर्निंग, फिजिकल कंप्यूटिंग आदि जैसे कौशल विकसित कर रहा है। अब तक एआईएम ने अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं (एटीएल) स्थापित करने के लिए 10,000 स्कूलों को वित्तीय सहायता प्रदान की है। एआईएम एटीएल के प्रदर्शन को बढ़ाने और वांछित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए उपकरण और रूपरेखा विकसित करके इकोसिस्‍टम को लगातार मजबूत कर रहा है। एटीएल सारथी इस दिशा में एक ऐसी पहल है। जैसा कि नाम से पता चलता है, सारथी एक रथचालक है और एटीएल सारथी एटीएल को दक्ष और प्रभावी बनाएगा। इस पहल के चार स्तंभ हैं जो नियमित प्रक्रिया में सुधार के माध्यम से एटीएल के प्रदर्शन में वृद्धि को सुनिश्चित करेंगे, जैसे कि स्व-रिपोर्टिंग डैशबोर्ड जिसे 'मायएटीएल डैशबोर्ड' और वित्तीय और गैर-वित्तीय अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों के लिए कम्‍प्‍लायंस एसओपी, क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से उपयुक्‍त स्थानीय प्राधिकरण के सहयोग से एटीएल की ऑन-ग्राउंड सक्षमता और प्रदर्शन-सक्षमता (पीई) मैट्रिक्स के माध्यम से अपने प्रदर्शन का विश्लेषण करने के लिए स्कूलों को स्वामित्व प्रदान करने के रूप में जाना जाता है। एटीएल क्लस्टर का उद्देश्य किसी विशेष क्षेत्र में 20-30 एटीएल के क्लस्टर बनाने के लिए एटीएल और स्थानीय प्राधिकरणों को एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने और निगरानी के लिए एक स्व-टिकाऊ मॉडल प्रदान करना है। ये एटीएल प्रशिक्षण, सहयोग, घटनाओं और सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों के माध्यम से एक दूसरे से सीख सकते हैं। एक पायलट के रूप में, एआईएम ने कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात जैसे क्षेत्रों में विभिन्न भागीदारों के साथ एटीएल सारथी को कार्यान्वित किया।

भारत में कमलम (ड्रैगन फ्रूट) की खेती का क्षेत्र वर्तमान में 3,000 हेक्टेयर से एमआईडीएच योजना के तहत पांच वर्षों में 50,000 हेक्टेयर तक बढ़ने की आशा

एकीकृत बागबानी विकास मिशन (MIDH) के तहत विदेशी और विशिष्ट क्षेत्र के फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिये चिह्नित संभावित क्षेत्र में ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिये एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। कमलम् के लिये MIDH के तहत क्षेत्र विस्तार का लक्ष्य 5 वर्षों में 50,000 हेक्टेयर है। कमलम् या ड्रैगन फ्रूट व्यापक रूप से पिताया के रूप में जाना जाता है, यह दक्षिणी मैक्सिको, मध्य अमेरिका और दक्षिण अमेरिका मूल का है। इसकी खेती व्यापक रूप से दक्षिण-पूर्व एशिया, भारत, अमेरिका, कैरेबियन द्वीप समूह, ऑस्ट्रेलिया में उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में की जाती है। इसे "21वीं सदी का चमत्कारिक फल" भी कहा जाता है। ड्रैगन फ्रूट हिलोसेरियस कैक्टस पर उगता है, जिसे होनोलूलू क्वीन के नाम से भी जाना जाता है। फिलहाल, भारत में कमलम् फल की खेती सीमित है और कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, अंडमान तथा निकोबार द्वीप, मिज़ोरम एवं नगालैंड के किसानों के द्वारा इसकी खेती की जाती है। इसे कई नामों से जाना जाता है, जिनमें पिताया, पिठैया और स्ट्रॉबेरी नाशपाती शामिल हैं। दो सबसे आम प्रकारों के छिलके चमकदार लाल रंग की होती है जिसका ऊपरी सिरा हरे रंग का होता है जो एक ड्रैगन के समान दिखाई देती है। सबसे व्यापक रूप से उपलब्ध किस्म में काले बीजों के साथ सफेद गूदा होता है, हालाँकि लाल गूदे और काले बीजों के साथ एक कम सामान्य प्रकार भी मौजूद है। फल मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा माना जाता है। इसमें कम कैलोरी और आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम और जिंक जैसे पोषक तत्वों की अधिकता होती है।

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के गठन के लिए आंदोलन करने वालों को राज्‍य सरकार की नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी

उत्तराखंड में सरकार ने राज्य सरकार की नौकरियों में राज्य के गठन के लिए आंदोलन करने वालों को दस प्रतिशत आरक्षण देने को अपनी स्‍वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में भराड़ीसैंण में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। अलग राज्य के गठन के लिए आंदोलन करने वालों के लिए आरक्षण पर निर्णय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्यपाल ने पूर्व में राज्य के गठन करने के लिए आंदोलन करने वालों को दस प्रतिशत आरक्षण देने वाले विधेयक को खारिज कर दिया था। राज्य आंदोलनकारियों को विगत बारह वर्षों से सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा था। मंत्रिमंडल ने नवीन सौर नीति तथा विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि को तीन करोड़ 75 लाख से बढ़ाकर पांच करोड़ प्रतिवर्ष करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की। मंत्रिमंडल ने अन्य प्रमुख फैसलों में महिला मंगल दल को दी जाने वाली वित्तीय सहायता को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये और मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए दिए जाने वाले अनुदान को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने को मंजूरी दे दी है।

ब्रिटेन की ‘New Women and Girls Strategy’

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 पर, यूके ने अपनी नई महिला और लड़कियों की रणनीति 2023-2030 लॉन्च की, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। इस रणनीति में महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने, उनके स्वास्थ्य और अधिकारों का समर्थन करने और लड़कियों के लिए शिक्षा के अवसरों को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (FCDO) ने 2030 तक अपने 80% से अधिक द्विपक्षीय सहायता कार्यक्रमों को लैंगिक समानता की दिशा में समर्पित करने के लिए प्रतिबद्ध किया है। इसका मतलब यह है कि यूके सरकार उन वित्त पोषण परियोजनाओं को प्राथमिकता देगी जो महिलाओं और लड़कियों को सीधे लाभ पहुंचाती हैं।

सरकार ने कहा, देश में राशन कार्डों का शत-प्रतिशत डिजिटलीकरण हो गया।

सरकार ने कहा है कि देश में राशन कार्डों का शतप्रतिशत डिजीटलीकरण हो गया है। लोकसभा में केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि 99 प्रतिशत से अधिक राशनकार्डों को आधार से जोड़ दिया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि देश में 19 करोड़ 72 लाख राशनकार्ड धारक है।

श्री कृष्ण प्रणामी अंतर्राष्ट्रीय धर्म जगनी महोत्सव नेपाल के भक्तपुर में संपन्न

श्री कृष्ण प्रणामी अंतर्राष्ट्रीय धर्म जगनी महोत्सव नेपाल के भक्तपुर में संपन्न हुआ। सात दिन तक चलने वाले धार्मिक और आध्यात्मिक उत्सव का आयोजन कटुंजे के श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर में किया जाता है। सात दिन के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के धार्मिक पर्यटन कार्यक्रम में हजारों की संख्‍या में भक्त शामिल हुए।

जी20 शिक्षा कार्यसमूह की दूसरी बैठक पंजाब के अमृतसर में शुरू

जी20 शिक्षा कार्यसमूह की दूसरी बैठक पंजाब के अमृतसर में शुरू हुई। आईआईटी रोपड़, ने "मजबूत साझेदारी के माध्यम से अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने" विषय पर एक संगोष्‍ठी का आयोजन किया। बैठक में G20 के 28 सदस्य देशों के प्रतिनिधि एक मंच पर इकट्ठा हुए और कार्य तथा नवाचार के भविष्‍य पर चर्चा की। चर्चा में समान विकास के लिए समूचे विश्‍व के देशों के बीच सामंजस्‍य स्‍थापित करना है।

बेघर बच्चों के पुनर्वास और संरक्षण के लिए केंद्र प्रायोजित योजना मिशन वात्सल्य

मिशन वात्सल्य योजना राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के माध्यम से कार्यान्‍वित की जाती है। इस योजना का लाभ उन बच्‍चों को भी मिलता है जिन पर कानून तोडने के आरोप होते है। श्री ईरानी ने राज्‍यसभा में यह जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के तहत स्थापित बाल देखभाल संस्थानों के जरिए बच्‍चों को उपयुक्त शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, मनोरंजन और स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्‍ध कराई जाती हैं।

एक हजार आठ सौ 27 संगठनों का पंजीकरण रद्द

केंद्र सरकार ने 2018 से 2022 के दौरान विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम के संशोधित दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर एक हजार आठ सौ 27 संगठनों का पंजीकरण रद्द कर दिया है। गृह राज्‍य मंत्री नित्‍यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि गृह मंत्रालय ने नवंबर 2021 से पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, नई दिल्ली और मिशनरीज ऑफ चैरिटी, कोलकाता के विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम प्रमाण-पत्रों का नवीनीकरण कर दिया है।

मेघालय का पहला अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव शिलांग में शुरू हुआ

मेघालय का पहला अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव शिलांग में शुरू हुआ। पांच दिवसीय आयोजन की शुरूआत राजकीय केन्‍द्रीय पुस्‍तकालय में हुई। इसका उद्धाटन राज्‍य के पर्यटन मंत्री पॉल लिंगदोह ने किया। इस अवसर पर उन्‍होंने कहा कि मेघालय सिर्फ बादलों वाला राज्‍य ही नहीं है बल्कि यह प्रतिभा और रचनात्‍मकता का भी राज्य है। श्री लिंगदोह ने कहा कि अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव, राज्‍य की विशिष्‍ट और समृद्ध संस्‍कृति के साथ-साथ इसकी पर्यटन क्षमताओं को प्रदर्शित करने का एक बड़ा अवसर है। फिल्‍म महोत्‍सव का आयोजन मेघालय फिल्‍म निर्माता संघ, पयर्टन विभाग के सहयोग से कर रहा है। समारोह का समापन 18 मार्च को होगा। मेघालय अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव का उद्देश्‍य राज्‍य में, विशेषकर युवाओं में फिल्‍म संस्‍कृति का सृजन करना है। फिल्‍म महोत्‍सव में देश और दुनियाभर के पांच हजार से अधिक दर्शकों के पहुंचने की संभावना है।

साझी बौद्ध विरासत पर अपनी तरह के पहले एससीओ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया गया

"साझी बौद्ध विरासत" पर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के दो दिनों तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का नई दिल्ली के विज्ञान भवन में उद्घाटन किया गया, जिसमें एससीओ राष्ट्रों के साथ भारत के सभ्यतागत जुड़ाव पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस सत्र में केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर-पूर्व क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी.के. रेड्डी, संस्कृति और विदेश राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी, संस्कृति और संसदीय कार्य राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ के महानिदेशक श्री अभिजीत हलदर के साथ-साथ चीन, पाकिस्तान, रूस, बहरीन, म्यांमार, संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधि उपस्थित थे। एससीओ के भारत के नेतृत्व में (एक वर्ष की अवधि के लिए, 17 सितंबर, 2022 से पूरे सितंबर 2023 तक) यह अपनी तरह का पहला आयोजन है, जो मध्य एशियाई, पूर्वी एशियाई, दक्षिण एशियाई और अरब देशों को "साझी बौद्ध विरासत" पर चर्चा के लिए एक साझा मंच पर एक साथ लाता है। एससीओ देशों में चीन, रूस और मंगोलिया सहित सदस्य राज्य, पर्यवेक्षक राज्य और संवाद भागीदार शामिल हैं। कई विद्वान- एससीओ के प्रतिनिधि इस विषय पर शोध पत्रों पर नाराजगी जता रहे हैं, जिनमें दुनहुआंग रिसर्च एकेडमी, चीन, धर्म के इतिहास का राज्य संग्रहालय, अंतर्राष्ट्रीय थेरवाद बौद्ध मिशनरी विश्वविद्यालय, म्यांमार, आदि शामिल हैं।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ( डीआरडीओ ) ने ओडिशा समुद्र तट से बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली मिसाइल ( प्रक्षेपणास्त्र ) के लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण किए

अनुसंधान और विकास संगठन ( डीआरडीओ) ने 14 मार्च, 2023 को ओडिशा के समुद्र तट पर एकीकृत परीक्षण रेंज, चांदीपुर में बहुत कम दूरी की वायु प्रणाली ( वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम – वीएसएचओआरएडीएस ) मिसाइल से उच्च गति वाले मानव रहित हवाई लक्ष्यों के विरुद्ध एक भूमि ( ग्राउंड ) - आधारित मानव वहनीय प्रक्षेपक ( मैन पोर्टेबल लांचर ) से विमान के पास आने और उसके पीछे हटने की नकल करते हुए लगातार दो सफल उड़ान परीक्षण किए । मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा करते हुए इन लक्ष्यों को सफलतापूर्वक रोका ( इंटरसेप्ट किया ) गया। बहुत कम दूरी की वायु रक्षा प्रणाली ( वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम – वीएसएचओआरएडीएस ) एक मानव वहनीय वायु रक्षा प्रणाली ( मैन पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम – मैनपैड – एमएएनपीएडी ) है जो कम दूरी पर रहने वाले एवं कम ऊंचाई वाले हवाई खतरों को निष्प्रभावी करने के लिए है । इसे डीआरडीओ की अन्य प्रयोगशालाओं और भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से अनुसंधान केंद्र भवन, हैदराबाद द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है। इस मिसाइल में डुअल-बैंड आईआईआर सीकर, मिनिएचराइज्ड रिएक्शन कंट्रोल सिस्टम और इंटीग्रेटेड एवियोनिक्स सहित कई नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। इसका प्रणोदन (प्रोपल्सन) एक दोहरी शक्ति वाली ठोस मोटर द्वारा प्रदान किया जाता है।

भारत सिंगापुर के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास 'बोल्ड कुरुक्षेत्र' जोधपुर में संपन्न

सिंगापुर सेना और भारतीय सेना ने जोधपुर मिलिट्री स्टेशन, भारत में दिनांक 06-13 मार्च 2023 तक द्विपक्षीय अभ्यास बोल्ड कुरुक्षेत्र के 13वें संस्करण में भाग लिया । युद्धाभ्यास की श्रृंखला में पहली बार दोनों देशों की सेनाओं ने एक कमांड पोस्ट अभ्यास में भाग लिया, जिसमें बटालियन और ब्रिगेड स्तर की योजना बनाने वाली इकाईयां और कंप्यूटर वॉरगेमिंग शामिल थे । भारतीय सेना द्वारा आयोजित इस अभ्यास में 42वीं बटालियन, सिंगापुर आर्मर्ड रेजिमेंट और भारतीय सेना की एक आर्मर्ड ब्रिगेड के सैनिक शामिल थे । पहली बार 2005 में आयोजित यह अभ्यास दोनों देशों के बीच मजबूत और लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को रेखांकित करता है और दोनों सेनाओं के बीच सहयोग को बढ़ाता है।

ओडिशा राज्य में मार्च 2023 में 642 घटनाओं के साथ देश में आग की भीषण घटनाएँ

भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India- FSI) के आँकड़ों के अनुसार, ओडिशा राज्य में मार्च 2023 में 642 घटनाओं के साथ देश में आग की भीषण घटनाएँ देखी गईं, साथ ही वर्तमान में भी वनाग्नि की घटनाएँ हो रही हैं। पूरे ओडिशा में आग की घटनाओं की संख्या में अचानक वृद्धि के कारण राज्य के वनों में वनस्पतियों और जीवों का व्यापक नुकसान हुआ है। ओडिशा में नवंबर 2022 से लेकर अब तक 871 बड़ी वनाग्नि की घटनाएँ दर्ज की गई हैं। आधिकारिक आँकड़ों अनुसार, यह राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है। ओडिशा के बाद आंध्र प्रदेश (754), कर्नाटक (642), तेलंगाना (447) और मध्य प्रदेश (316) का स्थान रहा। वर्ष 2021 में राज्य में 51,968 वनाग्नि की घटनाएँ हुईं। मयूरभंज ज़िले के सिमिलीपाल राष्ट्रीय उद्यान में भीषण आग लग गई थी, जो एशिया के प्रमुख जीवमंडलों में से एक है। वनाग्नि को झाड़ी या वनस्पति की आग या जंगल की आग भी कहा जाता है, इसे जंगल, चरागाह, ब्रशलैंड या टुंड्रा जैसे प्राकृतिक स्थल में किसी भी अनियंत्रित और गैर-निर्धारित दहन या पौधों को जलाने के रूप में वर्णित किया जा सकता है, जो प्राकृतिक ईंधन का उपयोग करती है एवं पर्यावरणीय कारकों (जैसे- हवा, स्थलाकृति) के आधार पर फैलता है।

एयरोसोल्स मिशन हेतु NASA का मल्टी-एंगल इमेजर (MAIA)

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) और इटैलियन स्पेस एजेंसी (Agenzia Spaziale Italiana- ASI) वर्ष 2024 से पहले एयरोसोल्स मिशन हेतु NASA का मल्टी-एंगल इमेजर (MAIA) का निर्माण और इसे लॉन्च करेगी। यह मिशन, जो कि तीन वर्ष तक चलेगा, भारत में नई दिल्ली सहित 11 मुख्य लक्षित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। MAIA एक उपग्रह उपकरण है जो विभिन्न प्रकार के वायु प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों की जाँच करने हेतु डेटा एकत्र करेगा। यह वायुमंडल में प्रदूषकों की प्रचुरता, आकार, रासायनिक संरचना और ऑप्टिकल गुणों को निर्धारित करने के लिये सूर्य के प्रकाश का उपयोग करेगा। डेटा ज़मीन और वायुमंडलीय मॉडल पर सेंसर से एकत्र किया जाएगा। इसके बाद ये परिणाम श्वसन और हृदय रोगों, प्रतिकूल प्रजनन परिणामों, मानव जन्म, मृत्यु एवं अस्पताल में भर्ती होने के रिकॉर्ड से संबंधित होंगे ताकि दूषित हवा के प्रभावों को समझा जा सके। वेधशाला में प्लैटिनो-2 उपग्रह शामिल होगा, जिसे ASI द्वारा प्रदान किया जाएगा। वेधशाला के वैज्ञानिक उपकरण में एक पॉइंटेबल स्पेक्ट्रोपोलरिमेट्रिक कैमरा होता है, जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के पराबैंगनी, दृश्यमान, निकट-अवरक्त एवं शॉर्टवेव अवरक्त भागों में कई कोणों पर डिजिटल छवियों को कैप्चर करता है।

इंडोनेशिया में मेरापी ज्वालामुखी विस्फोट

मेरापी (अग्नि पर्वत) इंडोनेशिया में 120 से अधिक सक्रिय ज्वालामुखियों में सबसे अधिक सक्रिय है और हाल ही में इसमें कई बार विस्फोट हुआ है। इस ज्वालामुखी का उद्गार 2,911 मीटर तक होता है और इसके निम्न भाग में सघन वनस्पतियों के साथ खड़ी ढलानें हैं। यह जावा द्वीप और इंडोनेशिया की सांस्कृतिक राजधानी याग्याकार्टा के केंद्र के पास स्थित है। वर्ष 2010 में इसके अंतिम बड़े विस्फोट में 347 लोग मारे गए और 20,000 ग्रामीण विस्थापित हुए। इंडोनेशिया, 270 मिलियन लोगों का एक द्वीप समूह, भूकंप और ज्वालामुखीय गतिविधियों के लिये प्रवण है क्योंकि यह "अग्नि वलय (Ring of Fire)" के पास स्थित है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर भूकंपीय भ्रंश रेखाओं की शृंखला के आसपास एक घोड़े की नाल के आकार के रूप में स्थित है। जावा द्वीप के सबसे ऊँचे ज्वालामुखी सेमेरू पर्वत में दिसंबर 2021 में हुए विस्फोट में 48 लोगों की मौत हो गई थी और 36 लोग लापता हो गए थे।

विश्व का सबसे तेज़ सिंगल-शॉट लेज़र कैमरा

जर्मनी और संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों ने विश्व का सबसे तेज़ एकल-शॉट लेज़र कैमरा बनाया है, जो बेहद संक्षिप्त घटनाओं को कैप्चर करने में अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में 1,000 गुना तेज़ है। उन्होंने अभी तक का सबसे सटीक दृश्य प्रदान करने के लिये कैमरे का उपयोग किया कि कैसे हाइड्रोकार्बन फ्लेम सूत (Soot) उत्पन्न करती है। डिवाइस की तकनीक को लेज़र-शीट कंप्रेस्ड अल्ट्राफास्ट फोटोग्राफी (LS-CUP) कहा जाता है, जो एक मानक स्ट्रीक कैमरा सिस्टम पर कंप्रेस्ड सेंसिंग के साथ लेज़र शीट इमेजिंग का संयोजन करती है। यह "लौ या स्प्रे अथवा किसी भी टर्बिड मीडिया जैसे त्रि-आयामी वस्तु को एक आयाम में ला सकता है और अंतरिक्ष भौतिकी या रासायनिक प्रक्रियाओं को हल करने में सक्षम है। यह 12.5 बिलियन फ्रेम प्रति सेकंड (fps) तस्वीरें ले सकता है। इन उपकरणों का उपयोग परमाणु रिएक्टरों में शॉकवेव्स, बारीक स्प्रे के दहन तथा सोनोल्यूमिनेसेंस नामक एक रहस्यमय प्रक्रिया (कभी-कभी ध्वनि से उत्तेजित होने पर एक तरल अंतःस्फोट में बुलबुले और ~ 10,000 K के तापमान पर प्रकाश छोड़ने) के लिये भी किया जा सकता है। जिनमें से कुछ नैनो सेकंड में होने वाली प्रक्रियाएँ भी शामिल हैं। हालाँकि प्रौद्योगिकी लागत बहुत अधिक हो सकती है।

कलक्कड़-मुंडनथुराई टाइगर रिज़र्व (KMTR) में 127 वर्षों के बाद दुर्लभ कीट प्रजाति Mimeusemia ceylonica देखी गई

तमिलनाडु के शोधकर्त्ताओं ने कलक्कड़-मुंडनथुराई टाइगर रिज़र्व (KMTR) के बफर ज़ोन में भारत में पहली बार एक दुर्लभ कीट प्रजाति पाई है, इसे आखिरी बार 127 वर्ष पहले वर्ष 1893 में श्रीलंका में देखा गया था। माइमुसेमिया सीलोनिका एक कीट प्रजाति है जो उपप्रजाति अग्रिस्टिन और नोक्टुइडे समूह से संबंधित है। KMTR को वर्ष 1988 में मौज़ूदा और सन्निहित कलक्कड़ तथा मुंडनथुराई वन्यजीव अभयारण्यों को मिलाकर बनाया गया था। कलक्कड़-मुंडनथुराई को तमिलनाडु में पहला टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था। यह पश्चिमी घाट के दक्षिणी भाग में स्थित है और इसमें आर्द्र सदाबहार वन हैं, यह 14 नदियों का जलग्रहण क्षेत्र है। यह अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिज़र्व का भी हिस्सा है। अगस्त्यमाला बायोस्फीयर रिज़र्व को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंज़र्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) द्वारा भारत में पौधों की विविधता और स्थानिकता के पाँच केंद्रों में से एक माना जाता है। बाघों के अतिरिक्त इस वन में सांभर, चित्तीदार हिरण, हाथी, तेंदुए, जंगली कुत्ते और बड़ी संख्या में पक्षियों की प्रजातियाँ, सरीसृप आदि पाए जाते हैं।

इंडोनेशिया का डॉन स्कूल ट्रायल

डॉन स्कूल का परीक्षण इंडोनेशिया के कुपांग (Kupang) शहर में लागू किया गया एक विवादास्पद प्रयोग है। क्षेत्र के 10 स्कूलों में लागू की गई इस पायलट परियोजना में 12वीं कक्षा के छात्रों में “अनुशासन को मजबूत करने” के प्रयास में सुबह 5:30 बजे शुरू होने वाली कक्षाओं में बच्चों को भाग लेना पड़ता है। हालाँकि, इस योजना के परिणामस्वरूप छात्रों में नींद की कमी हो गई है, माता-पिता और विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य संबंधी खतरों पर चिंता जताई है। इस पायलट प्रोजेक्ट में भाग लेने वाले छात्रों को समय पर स्कूल पहुंचने के लिए सुबह 4 बजे उठना पड़ता है। इससे छात्रों में नींद की कमी हो गई है, जिससे मोटापा, अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, माता-पिता ने अपने बच्चों की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई है, जिन्हें घनघोर अँधेरे में स्कूल जाना पड़ रहा है।

महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का दिल्ली के इंदिरा गांधी खेल परिसर के के. डी. जाधव इंडोर हॉल में उद्घाटन हुआ

महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप का दिल्ली के इंदिरा गांधी खेल परिसर के के. डी. जाधव इंडोर हॉल में उद्घाटन हुआ। केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया। समारोह में छह बार की विश्व चैम्पियन और इस चैंम्पियनशिप की ब्रांड एंबेसडर एमसी मेरी कॉम और बॉलीवुड कलाकार फरहान अख्तर भी अतिथि के रूप में मौजूद रहे। वर्ष 2006 और 2018 के बाद तीसरी बार इस प्रतियोगिता का आयोजन भारत में हो रहा है। इसके साथ ही भारत सबसे अधिक बार इस प्रतियोगिता की मेजबानी करने वाला देश बन गया है। इस वर्ष, टूर्नामेंट के 13वें संस्करण में लगभग 74 देशों के 350 से अधिक मुक्केबाज भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता में भारत के 12 मुक्केबाज भाग ले रहे हैं।

नोबेल पुरस्कार विजेता जापानी लेखक केंजाबुरो ओई का निधन

नोबेल पुरस्कार विजेता जापानी लेखक केंजाबुरो ओई का 10 मार्च, 2023 को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी मृत्यु जापानी साहित्य में एक युग के अंत का प्रतीक है, क्योंकि ओई को व्यापक रूप से सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली लेखकों में से एक माना जाता था। उनके कार्यों ने अक्सर जापान के दर्दनाक इतिहास के लेंस के माध्यम से पहचान, स्मृति, आघात और मानवीय स्थिति के जटिल विषयों पर रौशनी डाली। केंजाबुरो ओई का जन्म 1935 में जापान के शिकोकू द्वीप के पश्चिमी तट पर एक छोटे से गाँव ओसे में हुआ था। वह एक ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े, प्रकृति से घिरे और अपने मूल क्षेत्र के मिथकों और परंपराओं में डूबे हुए थे। उनके पिता एक शिक्षक थे, और उनकी माँ डॉक्टरों के परिवार से थीं। कम उम्र से ही, केंजाबुरो ओई ने साहित्य के लिए एक जुनून दिखाया और हाई स्कूल में रहते हुए भी कविता और कहानियाँ लिखना शुरू किया। टोक्यो विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद, केंजाबुरो ओई ने एक लेखक के रूप में अपना करियर शुरू किया, 1958 में अपना पहला उपन्यास, “Nip the Buds, Shoot the Kids” प्रकाशित किया।

पत्रकार वेद प्रताप वैदिक (Ved Pratap Vaidik) का निधन हुआ

वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक का निधन हो गया है, वे 78 वर्ष के थे। वेद प्रताप वैदिक का जन्म 30 दिसम्बर, 1944 को इंदौर में हुआ था। वह एक भारतीय पत्रकार, राजनीतिक विश्लेषक और स्वतंत्र स्तंभकार थे। उन्होंने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के साथ कार्य किया। वे हिंदी समाचार एजेंसी “भाषा” के संस्थापक और संपादक थे। इससे पहले वे टाइम्स ग्रुप के नवभारत टाइम्स के विचारों के संपादक थे। बाद में वे भारतीय भाषा सम्मेलन के अध्यक्ष रहे। उन्होंने अपने जीवनकाल में कई पुस्तकों की रचना की, जिनमें से कुछ प्रमुख पुस्तकें इस प्रकार हैं : भारतीय भाषाएँ लाओ : क्यों और कैसे? , हिंदी का संपूर्ण समाचार पत्र कैसा हो? , वर्तमान भारत, अफ़ग़ानिस्तान : कल, आज और कल, महाशक्ति भारत, मेरी जाति हिन्दुस्तानी, स्वभाषा लाओ, अंग्रेजी हटाओ, हिंदी कैसे बने विश्वभाषा, मोदी की विदेशनीति।

Start Quiz! PRINT PDF

« Previous Next Affairs »

Notes

Notes on many subjects with example and facts.

Notes

QUESTION

Find Question on this Topic and many other subjects

Learn More

Test Series

Here You can find previous year question paper and mock test for practice.

Test Series

Download

Here you can download Current Affairs Question PDF.

Download

Join

Join a family of Rajasthangyan on


Contact Us Contribute About Write Us Privacy Policy About Copyright

© 2024 RajasthanGyan All Rights Reserved.