राजस्थान की चित्र शैलियां
- प्रश्न 1 राजस्थानी चित्रकला की प्रारम्भिक एवं स्वदेशी शैली किस चित्रकला शेली से सम्बन्धित है -
Hostel Supt(Minority Affairs) 2024 -
- (अ) ढूंढ़ार चित्रकला शेली
- (ब) मारवाड़ चित्रकला शेली
- (स) हाड़ोती चित्रकला शेली
- (द) मेवाड़ चित्रकला शेली
उत्तर : मेवाड़ चित्रकला शेली
व्याख्या :
मेवाड़ चित्रकला शैली राजस्थान की प्रारंभिक और स्वदेशी चित्रकला शैली मानी जाती है। यह शैली धार्मिक, ऐतिहासिक, और राजसी विषयों पर आधारित है।
- प्रश्न 2 किसने पाली के नायक विट्ठलदास चंपावत के लिए रागमाला चित्रावली बनाई ;
Stenographer Exam 2024 (Paper - I) -
- (अ) कलाकार शिव दास
- (ब) कलाकार वीर जी
- (स) कलाकार दाना भाटी
- (द) कलाकार माधो दास
उत्तर : कलाकार वीर जी
व्याख्या :
रागमाला पाली में चित्रित एक आरंभिक चित्र संग्रह है, जो कलाकार वीरजी द्वारा 1623 में चित्रित किया गया था।
- प्रश्न 3 निम्नलिखित में से कौन सा पेंटर अलवर कला विद्यालय से संबद्ध नहीं है -
Stenographer Exam 2024 (Paper - I) -
- (अ) दालूराम
- (ब) नानकराम
- (स) जमनादास
- (द) बलदेव
उत्तर : नानकराम
व्याख्या :
अलवर कला विद्यालय से दालूराम, जमनादास, और बलदेव जैसे प्रसिद्ध कलाकार जुड़े थे। नानकराम इस विद्यालय से संबद्ध नहीं थे। नानकराम, किशनगढ़ शैली के प्रमुख चित्रकारों में से एक थे।
- प्रश्न 4 चित्रकार नानकराम, रामनाथ और जोशी सवाईराम किस चित्रकला शैली से सम्बन्धित हैं -
Asst. Prof. (Sanskrit College Edu.) - 2024 (Rajasthan Gk) -
- (अ) अलवर
- (ब) किशनगढ़
- (स) बीकानेर
- (द) नाथद्वारा
उत्तर : किशनगढ़
व्याख्या :
चित्रकार नानकार राम, रामनाथ और जोशी सवाई राम किशनगढ़ चित्रकला शैली से जुड़े हैं, जो अपनी परिष्कृत और विस्तृत कला के लिए जानी जाती है, जिसमें बनी ठनी और राधा-कृष्ण जैसे विषय शामिल हैं।
- प्रश्न 5 किशनगढ़ पेंटिंग शैली में, मुख्य रूप से कौन से पेड़ पर प्रकाश डाला गया है?
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT - K2) -
- (अ) केला
- (ब) अनार
- (स) नारंगी
- (द) सेब
उत्तर : केला
व्याख्या :
किशनगढ़ पेंटिंग शैली में केले के पेड़ को प्रमुखता से दर्शाया गया है, जो इस शैली की विशेषता है। किशानगढ़ राज्य के संस्थापक किशन सिंह कृष्ण के अनन्योपासक थे। परन्तु किशानगढ़ शैली का समृद्ध काल राजसिंह के पुत्र सामन्त सिंह से जो नागरीदारा के नाम से आधिक विख्यात हैं, से आरंम्भ होता है।
- प्रश्न 6 पेंटिंग स्कूल बणी-ठणी किससे संबंधित है -
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT - L1) -
- (अ) सतवंत प्रसाद
- (ब) नागरी दास
- (स) मृगावती
- (द) शिव-पार्वती
उत्तर : नागरी दास
व्याख्या :
बनी-ठनी या (बणी-ठणी) एक भारतीय चित्रकला है जो किशनगढ़ चित्रकला से सम्बन्धित है। कला का जबरदस्त विकास स्थानीय शासक सावंत सिंह, एक विद्वान, एक आलोचक और एक प्रसिद्ध कवि और हिंदी, संस्कृत, फ़ारसी में पारंगत होने के दौरान हुआ; जो स्वयं एक कवि थे और अपने नाम के साथ नागरी दास उप नाम का प्रयोग करते थे।
- प्रश्न 7 राजस्थान का किशनगढ़ स्कूल निम्नलिखित में से किसके लिए प्रसिद्ध है -
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT - L1) -
- (अ) चित्रकारी
- (ब) नृत्य
- (स) मूर्ति
- (द) स्थापत्य
उत्तर : चित्रकारी
व्याख्या :
राजस्थान का किशनगढ़ स्कूल अपनी बारीक और अद्वितीय चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ की पेंटिंग्स में राधा-कृष्ण के चित्रण, विशेष रूप से “बनी-ठनी” शैली के चित्र प्रसिद्ध हैं।
- प्रश्न 8 “चितेरों की ओवरी” किससे संबंधित है -
Rajasthan Police Constable Exam 2024 ( SHIFT - K1) -
- (अ) आनंद कुमार स्वामी
- (ब) जगत सिंह।
- (स) जगत सिंह॥
- (द) अमर सिंह।
उत्तर : जगत सिंह।
व्याख्या :
चित्रकारों के प्रशिक्षण हेतु जगतसिंह प्रथम ने कला विद्यालय की स्थापना की जिसे “चितेरों की ओवरी” एवं “तस्वीरों रो कारखानों” कहा जाता ।
- प्रश्न 9 जिस चित्रकला को राजस्थानी शैली कहा गया उसके उद्भव का काल था -
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- (अ) गुप्त काल
- (ब) सल्तनत काल
- (स) मुगल काल
- (द) कम्पनी काल
उत्तर : मुगल काल
व्याख्या :
राजस्थानी चित्रकला पर प्रारंभ में जैन शैली गुजरात शैली और अपभ्रंश शैली का प्रभाव रहा किंतु 17वीं शताब्दी से मुगल साम्राज्य के प्रसार व राजपूतों के साथ बढ़ते राजनीतिक व वैवाहिक संबंधों के फलस्वरूप राजपूत चित्रकला पर मुगल शैली का प्रभाव बढ़ने लगा।
- प्रश्न 10 चित्रकार निहालचंद _______ से सम्बन्धित था।
Assistant Professor (College Education) - 2023 Paper-III -
- (अ) मेवाड़ स्कूल
- (ब) किशनगढ़ स्कूल
- (स) ढूँढाड़ स्कूल
- (द) हाड़ौती स्कूल
उत्तर : किशनगढ़ स्कूल
व्याख्या :
महाराजा सांवत सिंह के समय इस किशनगढ़ शैली का सर्वश्रेष्ठ चित्र बणी-ठणी को सांवत सिंह के चित्रकार मोरध्वज निहाल चन्द द्वारा चित्रित किया गया। इस शैली के चित्र बणी-ठणी पर सरकार द्वारा 1973 ई. में 20 पैसें का डाक टिकट जारी किया जा चुका।
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