राजस्थान में प्रजामंडल आंदोलन
प्रश्न 1 बीकानेर प्रजामण्डल के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?
(अ) लक्ष्मीदास स्वामी
(ब) मघाराम वैद्य
(स) भिक्षालाल बोहरा
(द) मुक्ताप्रसाद
प्रश्न 2 1934 में जोधपुर प्रजामण्डल की स्थापना हुई उसके अध्यक्ष कौन थे-
(अ) भंवरलाल सर्राफ
(ब) जयनारायण व्यास
(स) कन्हैयालाल
(द) माणिक्यलाल वर्मा
प्रश्न 3 उदयपुर(मेवाड़) प्रजामण्डल की स्थापना कब हुई-
(अ) 17 अप्रैल, 1946
(ब) 24 अप्रैल, 1934
(स) 24 अप्रैल, 1938
(द) 24 अप्रैल, 1942
प्रश्न 4 निम्न में से कौनसा युग्म असुमेलित है-
(अ) मेवाड़ प्रजामण्डल - माणिक्यलाल वर्मा
(ब) डूंगरपुर प्रजामण्डल - भौगीलाल पण्ड्या
(स) सिरोही प्रजामण्डल - जयनारायण व्यास
(द) अलवर प्रजामण्डल - कुंज बिहारी लाल मोदी
प्रश्न 5 जमनालाल बजाज ने ‘चरखा संघ’ की स्थापना कहां की-
(अ) सीकर
(ब) झुंझुनू
(स) अजमेर
(द) जयपुर
प्रश्न 6 क्रान्तिकारियों को प्रशिक्षण देने हेतु अर्जुनलाल सेठी ने वर्धमान विद्यालय की स्थापना कहां की-
(अ) अजमेर
(ब) जयपुर
(स) भीलवाड़ा
(द) जोधपुर
प्रश्न 7 सुमेलित कीजिए-
कूट - 1, 2, 3, 4संस्था संस्थापक 1. मारवाड़ सेवा संघ अ. चांदमल सुराणा 2. हिन्दी साहित्य समिति ब. जगन्नाथदास अधिकारी 3. हरिजन सेवा समिति स. भोगीलाल पण्ड्या 4. वर्धमान विद्यालय द. अर्जुनलाल सेठी
(अ) अ, ब, स, द
(ब) ब, स, द, अ
(स) अ, स, ब, द
(द) ब, अ, स, द
व्याख्या :
मारवाड़ सेवा संघ (1920) की स्थापना चांदमल सुराणा ने की थी मारवाड़ सेवा संघ को सन् 1924 में जयनारायण व्यास ने पुनः जीवित किया और एक नई संस्था की स्थापना की जिसे ‘मारवाड़ हितकारणी सभा’ के नाम से जाना गया ।
हिन्दी साहित्य समिति (1912) की स्थापना भरतपुर में जगन्नाथ दास ने की थी।
वागड़ सेवा मंदिर एवं हरिजन सेवा समिति (1935) की स्थापना भोगीलाल पाण्ड्या ने की थी।
जैन वर्द्धमान विद्यालय (1907) की स्थापना अर्जुनलाल सेठी ने जयपुर में की थी।
प्रश्न 8 ‘चिडावा का गांधी’ किसे कहा गया है-
(अ) सरदार हरलाल सिंह
(ब) सेठ घनश्याम दास बिड़ला
(स) मास्टर प्यारेलाल गुप्ता
(द) राधाकृष्ण बोहरा
प्रश्न 9 राजस्थान जाट क्षेत्रीय महासभा बनाई गई-
(अ) 1923 में
(ब) 1931 में
(स) 1946 में
(द) 1947 में
प्रश्न 10 नयनूराम किस आन्दोलन से संबंधित थे-
(अ) बिजोलिया आन्दोलन से
(ब) बेगू आन्दोलन से
(स) बूंदी प्रजामण्डल आन्दोलन से
(द) जोधपुर प्रजामण्डल आन्दोलन से
व्याख्या :
पंडित नयनूराम शर्मा 1926 के बूंदी किसान आंदोलन के नेता थे। इस आंदोलन को बरड़ किसान आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है। इस आंदोलन में, बरड़ के किसानों ने बैथ-बेगार, लागात और राज्य की अन्य अन्यायपूर्ण प्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाई।
page no.(1/15)