राजस्थान के राजवंश
प्रश्न 1 राजस्थान के किस राजा को ‘वाकपति’ की उपाधि से सम्मानित किया गया था -
(अ) प्रतापसिंह
(ब) मुंज
(स) राव जोधा
(द) अभयसिंह
व्याख्या :
वाक्पति मुंजा परमार वंश से संबंधित थे।
प्रश्न 2 मध्यकाल राजस्थान का कौन सा शासक “अभिनव भारत का आचार्य” कहलाता है -
(अ) महाराणा कुम्भा
(ब) पृथ्वीराज चौहान
(स) मानसिंह
(द) सवाई जय सिंह
व्याख्या :
राणा कुंभा संगीत के विद्वान थे। उन्हे “अभिनव भारत का आचार्य” भी कहा जाता हैं।
प्रश्न 3 मुगल सम्राट जहाँगीर द्वारा ‘दलथम्भन’ की उपाधि किसे प्रदान की गई थी -
(अ) गजसिंह
(ब) जसवन्तसिंह
(स) सूरसिंह
(द) अजीतसिंह
व्याख्या :
सम्राट जहाँगीर ने ‘दलथभन’ की उपाधि राव गजसिंह को दी थी। गजसिंह को मलिक अम्बर को परास्त करने पर 4000 का मनसब व जहाँगीर ने दलथंभन (शत्रु को रोकने वाला) की उपाधि दी गई थी।
प्रश्न 4 शासक पंजनदेव/पजवन निम्नलिखित में से किस राजवंश से संबंधित थे -
(अ) बड़गुर्जर
(ब) गुहिल
(स) चौहान
(द) कच्छावा
व्याख्या :
शासक पंजनदेव/पजवन कच्छावा राजवंश से जुड़े थे।
प्रश्न 5 उदयपुर की लड़ाई (युद्ध) कब हुई -
(अ) 1670
(ब) 1580
(स) 1680
(द) 1760
व्याख्या :
उदयपुर की लड़ाई (युद्ध) वर्ष 1680 में हुई थी। यह युद्ध औरंगजेब और मेवाड़ के मध्य हुआ था।
प्रश्न 6 निम्नलिखित में से कौन-सी रचना ‘महाराणा कुंभा’ द्वारा रचित नहीं है -
(अ) सुधा प्रबंध
(ब) संगीत रत्नाकर
(स) संगीत राज
(द) संगीत सार
व्याख्या :
कुम्भा स्वयं विद्वान थे और अनेक विद्वानों और लेखकों के संरक्षक थे। उन्होंने अनेक ग्रन्थों की रचना की जिनमें ‘संगीत राज’, ‘संगीत मीमांसा’, ‘सूद प्रबन्ध’ प्रमुख हैं। ऐसी मान्यता है कि कुम्भा ने चण्डीशतक की व्याख्या, गीतगोविन्द की टीका रसिकप्रिया और संगीतरत्नाकर की टीका लिखी थी।
प्रश्न 7 उदयपुर की स्थापना कब और किसके द्वारा की गई थी -
(अ) 1559, महाराणा उदय सिंह प्रथम
(ब) 1559, महाराणा उदय सिंह द्वितीय
(स) 1558, महाराणा उदय सिंह प्रथम
(द) 1558, महाराणा उदय सिंह द्वितीय
व्याख्या :
मेवाड़ की राजधानी उदयपुर की स्थापना 1559 में महाराणा उदयसिंह ने की।
प्रश्न 8 अरब यात्री सुलेमान ने किस प्रतिहार राजा के शासनकाल में भारत की यात्रा की -
(अ) नागभट्ट द्वितीय
(ब) नागभट्ट प्रथम
(स) वत्सराज
(द) भोज प्रथम
व्याख्या :
नागभट्ट प्रथम के समान नागभट्ट द्वितीय ने भी अरबों को पराजित किया और उनके दुर्ग छीन लिये। गुहिल हर्ष ने अरबों से घोड़े वसूल कर उन्हें प्रतिहार सम्राट भोज प्रथम को समर्पित किये थे। भोज के समय ही अरब यात्री सुलेमान भारत आया था। RPSC ने वत्सराज को सही माना है।
प्रश्न 9 अजमेर का पराक्रमी चौहान शासक जिसने दिल्ली पर विजय प्राप्त कर उसे अपने साम्राज्य में शामिल कर लिया। वह था -
(अ) विग्रहराज चतुर्थ
(ब) अर्णोराज
(स) अजयराज
(द) पृथ्वीराज तृतीर्य
व्याख्या :
विग्रहराज चतुर्थ (1153-63 ई.) असाधारण क्षमता का कुशल शासक था। उसने गुजरात के कुमारपाल को हराकर अपने पिता का बदला लिया। इस शक्तिशाली शासक ने दिल्ली पर पुनः अधिकार करके हाँसी को भी जीत लिया। तुर्कों के विरुद्ध भी उसने अनेक युद्ध किए और उन्हें आगे बढने से रोकने में समर्थ रहा। उसके साम्राज्य में पंजाब, राजपूताना तथा पश्चिमी उत्तरप्रदेश के अधिकांश भाग शामिल थे।
प्रश्न 10 राव मालदेव के सम्बंध में कौनसा एक कथन सही नहीं है।
(अ) राव मालदेव ने खानवा के युद्ध में राणा सांगा की ओर से भाग लिया।
(ब) 1532 ईसवी में बहादुरशाह के मेवाड़ पर आक्रमण के दौरान मालदेव ने बहादुरशाह की सहायता की।
(स) उसके सेनापति जैता एवं कूपा ने जनवरी 1544 में गिरी सुमेल के युद्ध में भाग लिया और वीरगति को प्राप्त हुए
(द) राव मालदेव ने जैसलमेर के राव लूणकरण की पुत्री उमा दे से विवाह किया
व्याख्या :
राव मालदेव(1531-1562) ने खानवा के युद्ध में राणा सांगा की ओर से भाग लिया। इसने 1532 ईसवी में बहादुरशाह के मेवाड़ पर आक्रमण के दौरान विक्रमादित्य की सहायता की। 1536 में राव मालदेव ने जैसलमेर के राव तूणकरण की पुत्री उमा दे से विवाह किया जो इतिहास में रूठी रानी के नाम से प्रसिद्ध है। माल देव के श्वसुर तृणकरण के षड़यंत्र के बाद मालदेव एवं उमादे के सम्बंध बिगड़ गए थे और वह अजमेर के तारागढ़ में जाकर रहने लगी थी। उसके सेनापति जेता एवं कूपा ने जनवरी 1544 में गिरी सुगेल के युद्ध में भाग लिया और वीरगति को प्राप्त हुए।
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