तहसील - 14 पंचायत समिति - 17 संभाग - जोधपुर
बाड़मेर की स्थापना बाहड़ शासक राव पंवार या परमार ने की। बाड़मेर का नाम भी इन्हीं के बनाये हुए किले के नाम पर पड़ा बाड़मेर यानि बाड़ का पहाड़ी किला।
रेडक्लिफ रेखा राज्य के दक्षिण पश्चिम में बाड़मेर के बाखासर गांव(शाहगढ़) तक वितृत है। रेडक्लिफ रेखा की बाड़मेर से 228 कि.मी. सीमा लगती है।
सबसे कम अन्तराज्यीय सीमा बनाने वाला जिला बाड़मेर है।
नाकोड़ा पर्वत/छप्पन की पहाड़ीयां - बाड़मेर के सिवाणा ग्रेनाइट पर्वतीय क्षेत्र में स्थित गोलाकार पहाड़ीयों का समुह नकोड़ा पर्वत या छप्पन की पहाड़ीयां कहलाता है।(भौगोलिक नाम)
गोड़वाड़ - बाड़मेर,जालौर, सिरोही।
मालानी - बालोत्तरा व झालौर के मध्य का भू-भाग।
लुणी नदी बाड़मेर के बालोतरा में दक्षिण में मुड जाती है। यहीं से इसका जल खारा हो जाता है। और बालोतरा से आगे लोग इसके किनारे पानी सुखाकर नमक तैयार करते हैं।
मिठड़ी नदी पाली से निकलती है, पाली और बाड़मेर में बहते हुए बाड़मेर के मंगला में यह लुणी में मिल जाती है। सुकड़ी नदी पाली के देसुरी से निकलती है, पाली और जालौर में बहते हुए बाड़मेर के समदड़ी में यह लुणी में मिल जाती है।
इन्दिरा गांधी नहर परियोजना को हरिके बैराज से बाड़मेर के गडरा रोड़ तक नहर बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे श्रीगंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर व बाड़मेर को जलआपूर्ति हो सके।
नर्मदा घाटी परियोजना - 28 मार्च 2008 को नर्मदा नहर के माध्यम से नर्मदा नदी का पानी राजस्थान में पहुंचा इस परियोजना से वर्तमान में बाड़मेर की गुढा मलानी तहसील व जालौर की सांचैर तहसील लाभान्वित हो रही है।
पंचपदरा - खारे पानी की झील।
बाटाडू का कुआं - संगमरमर का आधुनिक पाषाण कला से बना कुआं।
मरू उद्यान - जैसलमेर व बाड़मेर में।
सिवाणा दुर्ग - पंवार शासक वीर नारायण द्वारा बनाया गया दुर्ग।
किराडू - इसे राजस्थान का खजुराहो भी कहा जाता है। यहां पांच मंदिर विद्यमान है। यह विष्णु व शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, यहां सोमेश्वर मंदिर सबसे बड़ा व प्रमुख मंदिर है।
नाकोड़ा - जैन सम्प्रदाय का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल जिसे मेवनगर के नाम से भी जाना जाता है। यहां के आदिनाथ व शांतिनाथ के मंदिर प्रसिद्ध है।
मल्लीनाथ मंदिर - बालोतरा के निकट लुनी नदी की तलहटी में मल्लीनाथ जी का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पर चैत्र मास में पशु मेला भरता है, जिसे मल्लीनाथ पशु मेला या तिलवाड़ा पशु मेला के नाम से जानते हैं।
आलम जी का मेला - धोरीमना, बाड़मेर।
ब्रह्मा जी का मंदिर - आसोतरा, बाड़मेर।
श्री रणछोड़ राय जी का मंदिर खेड़ बाड़मेर में है।
गडरा का शहीद स्मारक - 1965 के भारत-पाक युद्ध में शहिद हुए रेलवे कर्मचारियों की समृति में निर्मित स्मारक।
राजस्थान में पशु संपदा के मामले में बाड़मेर प्रथम स्थान रखता है। इनमें बकरी, भेड़, ऊट, गधे व घोड़े सबसे अधिक है।
मलाणी घोड़े की नस्ल - बाड़मेर।
होली पर इलो जी की सवारी बाड़मेर जिले में निकाली जाती है।
अन्राष्ट्रीय थार महोत्सव - बाड़मेर।
बैलुन महोत्सव - बाड़मेर।
राजस्थान में लिग्नाइट गोयले पर आधारित प्रथम विधुत संयंत्र गिरल बाड़मेर में है।
बाड़मेर जिले के शिव बायतू, गुडा मलानी आदि क्षेत्रों में पैट्रोलियम के भण्डार मिले हैं।
रिफाइनरी - बाड़मेर के पंचपदरा नामक स्थान पर हिन्दुस्तान पैट्रोलियम कोर्पोरेशन लिमिटेड(भ्च्ब्स्) व राजस्थान सरकार दोनों की सहायता रिफाइनरी लगाई जा रही है। इस प्रोजेक्ट में केन्द्र व राज्य का हिस्सा 74:26 है।
बाड़मेर जिले का चौहटन क्षेत्र गोंद के लिए भारत भर में प्रसिद्ध है।
अजरक प्रिन्ट - बालोत्तरा, बाड़मेर(लाल व नीले रंग की ओढ़णी)।
मलीर प्रिन्ट - बालोत्तरा, बाड़मेर(काला व कत्थई रंग लालीमा लिये हुए)।
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