राजस्थान की चित्र शैलियां
प्रश्न 1 चित्रकार निहालचंद _______ से सम्बन्धित था।
(अ) मेवाड़ स्कूल
(ब) किशनगढ़ स्कूल
(स) ढूँढाड़ स्कूल
(द) हाड़ौती स्कूल
व्याख्या :
महाराजा सांवत सिंह के समय इस किशनगढ़ शैली का सर्वश्रेष्ठ चित्र बणी-ठणी को सांवत सिंह के चित्रकार मोरध्वज निहाल चन्द द्वारा चित्रित किया गया। इस शैली के चित्र बणी-ठणी पर सरकार द्वारा 1973 ई. में 20 पैसें का डाक टिकट जारी किया जा चुका।
प्रश्न 2 ‘बनी-ठनी’ पेंटिंग का चित्रकार (पेंटर) कौन है -
(अ) निहाल चंद
(ब) निर्मल देवी
(स) अमर सिंह
(द) मनमोहन देवी
व्याख्या :
बनी-ठनी(बणी-ठणी) किशनगढ़ चित्रकला से सम्बन्धित है। बणी-ठणी को महाराजा सांवत सिंह के चित्रकार “मोरध्वज निहाल चन्द” द्वारा चित्रित किया गया।
प्रश्न 3 आदमकद् व्यक्ति चित्रों के चित्रण के लिए प्रसिद्ध चित्रकार है -
(अ) निहालचन्द
(ब) श्रीरंगधर
(स) साहिबराम
(द) किशनसिंह
व्याख्या :
जयपुर के शासक ईश्वरी सिंह के समय जयपुर शैली में राजा महाराजाओं के बडे़-बडे़ आदमकद चित्र अर्थात पोट्रेट चित्र दरबारी चित्रकार साहिब राम के द्वारा तैयार किए गए।
प्रश्न 4 प्रसिद्ध चित्रकार मुहम्मद शाह जयपुर के किस महाराजा का दरबारी चित्रकार था -
(अ) सवाई राम सिंह द्वितीय
(ब) सवाई जगत सिंह
(स) सवाई प्रताप सिंह
(द) सवाई जय सिंह
व्याख्या :
प्रसिद्ध चित्रकार मुहम्मद शाह जयपुर के महाराजा सवाई जय सिंह का दरबारी चित्रकार था।
प्रश्न 5 नाथद्वारा में श्रीनाथजी की प्रतिमा के पीछे सज्जा के लिए प्रयुक्त चित्रित परदा कहलाता है ।
(अ) पिछवाई
(ब) रागमाला
(स) बारहमासा
(द) नल-दमयंती कथा
व्याख्या :
पिछवाई कपड़े पर बनी जटिल पेंटिंग हैं जो भगवान कृष्ण के जीवन की कहानियों को दर्शाती हैं। पिछवाई शब्द का अर्थ है पीछे वाली जगह। पिछवाई को मुख्य मूर्ति के पीछे दीवार पर लगाने के लिए बनाया जाता है।
प्रश्न 6 कलाकार निहालचंद चित्रकला के किस स्कूल से सम्बन्धित है -
(अ) किशनगढ़ स्कूल
(ब) ढूंढाड़ स्कूल
(स) मेवाड़ स्कूल
(द) हाड़ौती स्कूल
प्रश्न 7 __ पर चित्रित पिछवाई नाथद्वारा चित्रकला शैली का सजीव उदाहरण है -
(अ) चमड़ा
(ब) कागज
(स) कपड़ा
(द) लकड़ी
प्रश्न 8 बूँदी शैली, कोटा शैली, झालावाड़ उपशैली राजस्थानी चित्रकला को किस श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है -
(अ) हाड़ौती स्कूल
(ब) ढूंढाड़ स्कूल
(स) मेवाड़ स्कूल
(द) मारवाड़ स्कूल
व्याख्या :
भौगौलिक आधार पर राजस्थानी चित्रकला शैली को चार भागों में बांटा गया है। जिन्हें स्कूलस कहा जाता है।
1.मेवाड़ स्कूल:- उदयपुर शैली, नाथद्वारा शैली, चावण्ड शैली, देवगढ़ शैली, शाहपुरा, शैली।
2.मारवाड़ स्कूल:- जोधपुर शैली, बीकानेर शैली जैसलमेर शैली, नागौर शैली, किशनगढ़ शैली।
3.ढुढाड़ स्कूल:- जयपुर शैली, आमेर शैली, उनियारा शैली, शेखावटी शैली, अलवर शैली।
4.हाडौती स्कूल:- कोटा शैली, बुंदी शैली, झालावाड़ शैली।
प्रश्न 9 घाणेराव, रियाँ, भिनाय, जूनियाँ आदि ठिकाणा कला सम्बन्धित हैं -
(अ) मारवाड़ स्कूल चित्रशैली
(ब) हाड़ौती स्कूल चित्रशैली
(स) ढूंढाड़ स्कूल चित्रशैली
(द) मेवाड़ स्कूल चित्रशैली
प्रश्न 10 चित्रकार मोहम्मद शाह जिन्होंने भगवान कृष्ण का चित्रांकन अपने चित्रों में किया, संबंधित थे :
(अ) जोधपुर राज्य
(ब) किशनगढ़ राज्य
(स) बीकानेर राज्य
(द) जयपुर राज्य
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