राजस्थान में लोक देवता व देवियाँ
प्रश्न 1 निम्न को सुमेलित कीजिए -
कूट : (a) (b) (c) (d)a. आदिवासियों की देवी 1. आई माता b. चारणों की लोकदेवी 2. जीण माता c. सीरवी जाति की कुलदेवी 3. कंठेसरी माता d. चौहानों की कुल देवी 4. करणी माता
(अ) 3 4 1 2
(ब) 1 2 3 4
(स) 4 3 2 1
(द) 3 2 4 1
व्याख्या :
आदिवासियों की देवी | कंठेसरी माता |
चारणों की लोकदेवी | करणी माता |
सीरवी जाति की कुलदेवी | आई माता |
चौहानों की कुल देवी | जीण माता |
प्रश्न 2 राजस्थान के वे लोकदेवता जिनका जन्म तो राजस्थान के कोलूमंड (फलौदी) में हुआ लेकिन वे हिमाचल प्रदेश में बालकनाथ के रूप में पूजे जाते हैं-
(अ) रूपनाथ जी
(ब) इलोजी
(स) मामादेव
(द) देव बाबा
व्याख्या :
रूपनाथ जी का जन्म कोलूमण्ड में हुआ था। ये पाबूजी के बड़े भाई बुढों जी के पुत्र थे। इन्होंने जिदराव खींची को मारकर पिता व चाचा की मृत्यु का बदला लिया था। इन्हे हिमाचल प्रदेश मे बालकनाथ के नाम से पूजा जाता है।
प्रश्न 3 सूची I के साथ सूची II को सुमेलित कीजिए :
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :सूची I (स्थानीय देवी / देवता) सूची II (जन्म स्थान) a. तेजा जी I. कोलू b. गोगा जी II. जोधपुर c. तल्लीनाथ III. चूरु d. पाबु जी IV. नागौर
(अ) a-II, b-III, c-IV, d-I
(ब) a-IV, b-III, c-II, d-I
(स) a-IV, b-II, c-III, d-I
(द) a-III, b-II, c-IV, d-I
व्याख्या :
स्थानीय देवी / देवता | जन्म स्थान |
---|---|
तेजा जी | नागौर |
गोगा जी | चूरु |
तल्लीनाथ | जोधपुर |
पाबु जी | कोलू |
प्रश्न 4 निम्नांकित में से कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है -
(अ) हड़बूजी - बेंगटी
(ब) मल्लीनाथजी - तिलवाड़ा
(स) तल्लीनाथजी - पांचोटा
(द) धन्नाजी - सिंभूदड़ा
व्याख्या :
संत धन्ना का जन्म टोंक जिले के धवन गाँव के एक जाट परिवार में 1415 ई. में हआ। संत धन्ना रामानंद जी के शिष्य थे। सिंभूदड़ा (बीकानेर) रूपनाथ जी का मंदिर स्थित है।
प्रश्न 5 निम्न में से कौन सा युग्म गलत मेलित है -
(अ) रामदेवजी - रामदेवरा
(ब) मल्लीनाथजी - गागरोण
(स) तेजाजी - खड़नाल
(द) पाबूजी - कोलू
व्याख्या :
मल्लिनाथ जी का जन्म वि. सं. 1395 (ई. स. 1338) में बाड़मेर जिले के सिवाणा के गोपड़ी गाँव में हुआ था।
प्रश्न 6 राजस्थान के किस लोक देवता ने अपनी पत्नी की प्रेरणा से योग-साधना की दीक्षा ली -
(अ) पाबूजी
(ब) मल्लीनाथजी
(स) रामदेवजी
(द) हरभूजी
व्याख्या :
राजस्थान के लोक देवता मल्लीनाथ जी ने अपनी पत्नी रूपादे की प्रेरणा से योग साधना की दीक्षा ली। 1389 ई. में मल्लीनाथ जी ने उगमसी भाटी के शिष्य बनकर योग साधना की दीक्षा प्राप्त की।
प्रश्न 7 सूची-I का सूची-II के साथ मिलान कीजिये और सूचियों के नीचे दिये गये कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिये :
कूट : (a) (b) (c) (d)सूची-I (लोक देवता) सूची-II (प्रमुख केन्द्र) (a) कल्लाजी (i) बेंगटी (b) हरभूजी (ii) रूण्डेला (c) पाबूजी (iii) ददरेवा (d) गोगाजी (iv) कोलू
(अ) (ii) (i) (iv) (iii)
(ब) (i) (ii) (iii) (iv)
(स) (iii) (ii) (i) (iv)
(द) (iv) (i) (ii) (iii)
व्याख्या :
वीर कल्ला जी का जन्म मेडता (नागौर) में हुआ। महाराणा उदयसिंह द्वारा कल्ला जी को रूण्डेला तथा रुणढालपुर की जागीरें प्रदान की गई थी।
हरभू जी का जन्म भूण्डोल/भूण्डेल (नागौर) में हुआ। ये सांखला राजपूत परिवार से जुडे हुए थे और रामदेवी जी के मौसेरे भाई थे। इनका मंदिर बेंगटी ग्राम (जोधपुर) में है।
पाबूजी का जन्म राठौड़ वंश में जोधपुर के फलोदी तहसील के कोलु ग्राम में हुआ। पाबूजी का मेला चैत्र अमावस्या को कोलू ग्राम में भरता है।
गोगा जी का जन्म ददरेवा (जेवरग्राम) राजगढ़ तहसील (चुरू) में हुआ।
प्रश्न 8 तिलवाड़ा का मेला निम्नलिखित किस लोक देवता की स्मृति में भरता है -
(अ) संत मावजी
(ब) मल्लीनाथजी
(स) देवनारायणजी
(द) वीर फत्ताजी
प्रश्न 9 लोक देवता हरभूजी का मुख्य मन्दिर कहाँ स्थित है -
(अ) साबला में
(ब) सामलिया में
(स) कोलू में
(द) बेंगटी में
प्रश्न 10 लोक गायिकी की ‘चार बैत’ शैली राजस्थान के किस नगर में प्रचलित रही है -
(अ) टोंक
(ब) जयपुर
(स) अलवर
(द) बीकानेर
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