राजस्थान में वन
प्रश्न 1 वार्षिक प्रशासनिक प्रतिवेदन 2022-23 के अनुसार निम्नलिखित में से किस जिले में 2019 से 2021 तक वन क्षेत्र में 30% से अधिक की नकारत्मक वृद्धि दर दर्ज की गई -
(अ) जालौर
(ब) करौली
(स) अजमेर
(द) बीकानेर
व्याख्या :
वार्षिक प्रशासनिक प्रतिवेदन 2022-23 के अनुसार जालौर जिले में 2019 से 2021 तक 32.46 वर्ग किमी की कमी हुई है।
प्रश्न 2 निम्न में से किस क्षेत्र में उपोष्ण-कटिबंधीय सदाबहार वन पाए जाते हैं -
(अ) केलवाड़ा
(ब) कोलायत
(स) आबू
(द) सूरतगढ़
व्याख्या :
ये वन केवल माउंट आबू के चारों तरफ ही पाये जाते हैं। ये सघन वन वर्ष भर हरे - भरे रहते है। इन वनो का क्षेत्रफल मात्र 0.4 प्रतिशत है। इन वनों में आम, धाक, जामुन, सिरिस, अम्बरतरी, बेल के वृक्ष मिलते है।
प्रश्न 3 राजस्थान में प्रथम 'वन नीति' की घोषणा कब हुई -
(अ) 2008
(ब) 2010
(स) 2012
(द) 2014
व्याख्या :
राजस्थान सरकार ने फरवरी 2010 में पहली राज्य वन नीति के साथ पशुधन विकास और जल पर नई नीतियों को मंजूरी दी।
प्रश्न 4 सन् 1730 में राजस्थान के जोधपुर जिले में खेजड़ली आन्दोलन किसके लिए हुआ था-
(अ) जल संरक्षण के लिए
(ब) वन संरक्षण के लिए
(स) नदी संरक्षण के लिए
(द) मृदा संरक्षण के लिए
व्याख्या :
खेजड़ी के लिए राज्य में सर्वप्रथम बलिदान अमृतादेवी के द्वारा सन 1730 में दिया गया। अमृता देवी द्वारा यह बलिदान भाद्रपद शुक्ल दशमी को जोधुपर के खेजड़ली गाँव में 363 लोगों के साथ दिया गया। इस बलिदान के समय जोधपुर का शासक अभयसिंग था। वन्य जीव सरंक्षण के लिए दिया जाने वाला सर्वक्षेष्ठ पुरस्कार अमृता देवी वन्य जीव पुरस्कार है। इस पुरस्कार की शुरूआत 1994 में की गई।
प्रश्न 5 अंजन व पाला नामक घास पाई जाती है -
(अ) अजमेर
(ब) जोधपुर
(स) दौसा
(द) धौलपुर
व्याख्या :
अंजन एक बहुवर्षीय घास है जिसकी ऊंचाई 0.3 से 1.2 मीटर तक होती है। अंजन घास अफ्रीका के शुष्क प्रदेश, मेडागास्कर तथा पूर्वी बर्मा की उत्पत्ति की मानी जाती है। राजस्थान में यह घास बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर एवं बाड़मेर जिलों में पाई जाती है।
प्रश्न 6 राजस्थान के वे जिले जिनमें खस नाम की सुगन्धित घास प्रचुरता से उगती है -
(अ) झालावाड़, बूंदी, कोटा
(ब) भीलवाड़ा, अजमेर, चित्तौड़गढ़
(स) भरतपुर, टोंक, सवाई माधोपुर
(द) करौली, अलवर, धौलपुर
व्याख्या :
खस घास की जड़ों से सुगंधित तेल निकाला जाता है, जो इत्र और शरबत बनाने के काम आता है। यह घास मुख्यतः भरतपुर, सवाई माधोपुर व टोंक जिलों में उत्पन्न होती है। इस घास के तनों से कूलर की टाटिया और कमरो को ठंडा रखने वाले परदे बनाए जाते हैं।
प्रश्न 7 राजस्थान में ‘खस’ घास उत्पादित जिले हैं -
(अ) जयपुर, अलवर, अजमेर
(ब) भीलवाड़ा, अजमेर, चित्तौड़गढ़
(स) टोंक, सवाई माधोपुर, भरतपुर
(द) अलवर, धौलपुर, करौली
व्याख्या :
राजस्थान के टोंक, सवाई माधोपुर, भरतपुर जिलों में खस घास उगती है। क्राइसोपोगोन ज़िज़ानियोइड्स, जिसे आमतौर पर वेटिवर और खस के रूप में जाना जाता है, खस घास भारत की मूल प्रजाति है।
प्रश्न 8 राजस्थान के वे जिले जिनमें खस नाम की सुगन्धित घास प्रचुरता से उगती है -
(अ) झालवाड़, बूँदी, कोटा
(ब) भीलवाड़ा, अजमेर, चित्तौड़गढ़
(स) भरतपुर, टोंक, सवाई माधोपुर
(द) करौली, अलवर, धौलपुर
व्याख्या :
राजस्थान के टोंक, सवाई माधोपुर, भरतपुर जिलों में खस घास उगती है। क्राइसोपोगोन ज़िज़ानियोइड्स, जिसे आमतौर पर वेटिवर और खस के रूप में जाना जाता है, खस घास भारत की मूल प्रजाति है।
प्रश्न 9 भारत राज्य वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार, वनस्पति आवरण के संदर्भ में वन क्षेत्र 16,654 वर्ग किमी है व राजस्थान के भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत है।
(अ) 6.74
(ब) 7.48
(स) 8.47
(द) 4.87
व्याख्या :
वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार राजस्थान में कुल वनावरण 16654.96 वर्ग किमी. (16655 वर्ग किमी.) है, जो राज्य के कुल क्षेत्रफल का 4.87 प्रतिशत है।
प्रश्न 10 राजस्थान में 75 से 110 सेन्टीमीटर औसत वर्षा वाले क्षेत्रों में निम्न में से किस प्रकार की वनस्पति पाई जाती है -
(अ) उष्ण कटिबंधीय काँटेदार वन
(ब) गुल्म तथा झाड़ी
(स) शुष्क वन
(द) शुष्क सागवान वन
व्याख्या :
शुष्क सागवान के वन राजस्थान के दक्षिणी भाग में स्थित हैं। सागवान के जंगल 75 से 110 सेमी वार्षिक औसत वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
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