चीन से जारी सीमा विवाद के बीच भारत और फ्रांस अगले साल जनवरी के तीसरे हफ्ते में जोधपुर में राफेल युद्धक विमानों के साथ युद्धाभ्यास करेंगे। इस वारगेम को स्काईरोस (एसकेवायआरओएस) नाम का कोड नेम दिया गया है। स्काईरोस वारगेम के लिए फ्रांस की वायुसेना के राफेल जेट विमान जोधपुर पहुंचेंगे। इसके अलावा, इस युद्धकौशल के प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जोधपुर में 17वीं स्क्वाड्रन के भारतीय राफेल और एसयू-एमकेआइ युद्धक विमानों को तैनात किया गया है। अब जो वारगेम होगा वह भारत और फ्रांस के बीच दशकों से होने वाले नियमित गरुण सीरिज से अलग होगा। इस दौरान कुछ युद्धक कौशल दोनों पक्षों की ओर से देखने को मिलेंगे। भारत ने जुलाई, 2019 में फ्रांस की वायुसेना के साथ एक बड़ा युद्धाभ्यास किया था। इसमें राफेल के साथ सुखोई विमानों ने उड़ान भरी थी।
हाल ही में, उत्तराखंड में भारत के पहले पोलिनेटर पार्क(पराग कण पार्क) का उद्घाटन किया गया है। इस पार्क का उद्घाटन नैनीताल के हल्द्वानी में एक प्रसिद्ध तितली विशेषज्ञ पीटर स्मेटसेक ने किया था। इस पोलिनेटर पार्क में मधुमक्खी, तितली, पक्षी और कीड़े की लगभग 50 प्रजातियाँ हैं। इस पार्क का निर्माण 4 एकड़ के क्षेत्र में किया गया है। इस पार्क का निर्माण उत्तराखंड वन विभाग के अनुसंधान विंग द्वारा किया गया है। इस पार्क के निर्माण का मुख्य उद्देश्य परागकण प्रजातियों के बारे में जागरूकता पैदा करना और उनका संरक्षण करना है। यह पार्क परागण प्रजातियों, उनके निवास स्थान, परागण के विभिन्न पहलुओं, प्रजातियों पर प्रदूषण के प्रभाव जैसे विषयों पर शोध करेगा।
केन्द्र सरकार और किसान संगठनों के बीच छठे दौर की वार्ता नई दिल्ली में हुई। इसमें केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पीयूष गोयल और सोम प्रकाश उपस्थित थे। बैठक के बाद नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि बातचीत बहुत अच्छे माहौल में हुई और सकारात्मक रूप से सम्पन्न हुई। उन्होंने बताया कि चार मुद्दों में से दो पर सहमति बन गई है। श्री तोमर ने बताया कि दिल्ली में कड़ाके की ठंड को देखते हुए उन्होंने किसान नेताओं से अनुरोध किया कि वे बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को वापस अपने घर भेज दें। उन्होंने बताया कि अगले दौर की बातचीत चार जनवरी को होगी।
सरकार ने जमीन से हवा में मार करने वाली स्वेदश निर्मित आकाश मिसाइल के निर्यात को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। इसके साथ ही रक्षा निर्यात प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए एक समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया। 96 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी तकनीक से निर्मित आकाश मिसाइल देश की रक्षा क्षमता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित 25 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाली आकाश मिसाइल लडा़कू विमानों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन पर सटीक लक्ष्य साध सकती है। सरकार ने उन्नत किस्म के रक्षा उपकरणों के निर्यात पर जोर देते हुए पांच अरब डॉलर के रक्षा निर्यात का लक्ष्य रखा है।
आत्मानिर्भरता की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाते हुए शॉर्ट स्पैन ब्रिज के तीन सेटों को सेना में शामिल किया गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने निजी क्षेत्र के साथ मिलकर इन पुलों का निर्माण किया है। लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड की तालेगांव इकाई में इन्हें औपचारिक रूप से सेना को सौंपा गया। पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से निर्मित ये पुल सैन्य अभियानों में सैनिकों की आवाजाही को सुगम बनाने में काफी मददगार होंगे साथ ही आयातित उपकरणों पर सेना की निर्भरता को भी कम करेंगे।
केन्द्रीय परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने पुष्टि की है कि विश्व की अग्रणी विद्युत् वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला अगले वर्ष से भारत में कार्य शुरू कर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि मांग को देखते हुए टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी की स्थापना कर सकती है। इससे पहले टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क ने भी भारत में टेस्ला का कारोबार शुरू करने पर अपने विचार व्यक्त किये थे। टेस्ला अमेरिका की इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी है। इसकी स्थापना 1 जुलाई, 2003 को की गयी थी। यह विश्व की अग्रणी विद्युत् वाहन कंपनियों में से एक है।
सेना अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने दक्षिण कोरिया में दाएजियोन (Daejeon) स्थित वहां की रक्षा विकास एजेंसी का दौरा किया। जनरल नरवणे इस महीने की 28 तारीख से दक्षिण कोरिया की तीन दिन की यात्रा पर हैं। यह एजेंसी दक्षिण कोरिया में रक्षा प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास के लिए जिम्मेदार हैं। भारतीय सेना की ओर से एक ट्वीट में कहा गया है कि सेना अध्यक्ष की इस यात्रा से भारत और दक्षिण कोरिया के बीच आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। इससे पहले, जनरल नरवणे ने इस महीने के शुरू में सऊदी अरब की यात्रा की थी।
देश में कोविड-19 टीकाकरण का पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) असम, आंध्रप्रदेश, पंजाब और गुजरात राज्यों में सफलता पूर्वक किया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि यह अभ्यास आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले, गुजरात के राजकोट और गांधीनगर, पंजाब के लुधियाना और शहीद भगत सिंह नगर तथा असम के शोणितपुर और नलबाड़ी जिलों में चलाया गया। इसका उद्देश्य टीकाकरण की चुनौतियों की पहचान करना और योजना में जरूरी परिवर्तन करना शामिल है ताकि अंतिम प्रक्रिया को बाधारहित बनाया जा सके। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि विभिन्न कार्यों के लिए जिला प्रशासन ने विशेष दलों का गठन किया और लाभार्थियों के आंकड़े, टीके के आवंटन और टीकाकरण के काम में लगे कर्मचारियों और टीका दिए जाने वाले लोगों के बीच सम्पर्क करने जैसे अभ्यास किए गए। इस अभ्यास का उद्देश्य सूचना प्रौद्योगिकी के को-विन (Co-WIN) प्लेटफॉर्म पर भी कार्य का अनुभव प्राप्त करना था।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने हाल ही में इसरो के चेयरमैन के. सिवान के कार्यकाल को एक वर्ष तक बढ़ा दिया है। गौरतलब है कि के. सिवान का कार्यकाल 14 जनवरी, 2021 को समाप्त हो रहा था। अब डॉ. के. सिवान 14 जनवरी, 2022 तक अपनी सेवाएं देगे। के. सिवान तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले से हैं। उन्होंने विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर एंड लिक्विड प्रोपल्शन सेंटर के निर्देशक के रूप में कार्य किया है। उन्होंने इसरो के लांच व्हीकल के डिजाईन व विकास में कार्य किया है। उनके नेतृत्व में GSLV ने स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन के साथ उड़ान भरी थी। उनके कार्यकाल में ही चंद्रयान-2 मिशन को लांच किया गया। उन्हें 1999 में डॉ. विक्रम साराभाई रिसर्च अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
हाल ही में यूनाइटेड किंगडम ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन को उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। इस वैक्सीन का निर्माण भारतीय कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया ने किया है। बढ़ते कोरोनोवायरस मामले के बीच इस वैक्सीन की डोज़ लोगों को दी जाएगी। फिलहाल, सरकार ने वैक्सीन की 100 मिलियन डोज़ के लिए आर्डर दिया है, इससे लगभग 50 मिलियन लोगों का टीकाकरण करवाया जा सकता है। हाल ही में यूनाइटेड किंगडम में कोरोनोवायरस का एक और अधिक संक्रामक स्ट्रेन पाया गया है। जिसके कारण कई देशों ने यूके से उड़ानें निलंबित कर दी हैं। भारत ने भी यूनाइटेड किंगडम से आने वाली उड़ानों पर रोक लगा दी है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारत सरकार और भूटान सरकार के बीच 19 नवंबर, 2020 को दोनों पक्षों द्वारा बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग पर हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) और उनके आदान-प्रदान को स्वीकृति दे दी है। इस एमओयू से पृथ्वी के दूरस्थ संवेदन; उपग्रह संचार और उपग्रह आधारित नौवहन; अंतरिक्ष विज्ञान और ग्रहों की खोज; अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष प्रणालियों तथा भू प्रणाली के उपयोग; और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग जैसे संभावित हित वाले क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना संभव होगा।
रेल मंत्रालय ने वर्ष 2020 में रेल मंत्रालय की उपलब्धियों की एक बुकलेट जारी की है, जिसका शीर्षक है “एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण”। इस पुस्तिका में वर्ष 2020 में भारतीय रेल की महत्वपूर्ण उपलब्धियों और पहलों को शामिल किया गया है। पुस्तिका में कई विशेष शीर्षकों के साथ रेल मंत्रालय की महत्वपूर्ण उपलब्धियां और पहलें शामिल हैं, जैसे - राष्ट्र की जीवन रेखा - कोविड-19 के दौरान, कोविड-19 के दौरान सद्भावना बढ़ातीरेलवे, रेल सुरक्षा, इन्फ्रास्ट्रक्चर - एक बेहतर कल के लिए,पूर्वोत्तरः सातों राज्योंसे कनेक्टिविटी, आत्मनिर्भर भारत, स्वच्छ रेल स्वच्छ भारत, ग्रीन रेलवे, स्किलिंग भारत, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के कार्य में तेजी, माल-परिवहन में तेजी, मालढुलाई में अग्रसर, किसान रेल से कृषि क्षेत्र में खुशहाली, यात्रियों की मुस्कान के लिएनिरंतर प्रयास,प्रगति का प्लेटफॉर्म, परिचालन में पब्लिक-प्राइवेट- पार्टनरशिप, विकास की रेल, तीव्र रेल गतिमान रेल, पारदर्शिता एवं जवाबदेही आदि।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 2021 में एस्टोनिया, पैराग्वे और डोमिनिकन गणराज्य में 3 भारतीय मिशन खोलने को मंजूरी दीहै। इन देशों में तीन भारतीय मिशन खोलने से भारत का राजनयिक दायरा बढ़ाने, राजनीतिक संबंधों को गहरा करने, द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक जुड़ाव में विकास को सक्षम करने, लोगों से लोगों के मजबूत संपर्कों को कायम करने, बहुपक्षीय मंचों में राजनीतिक पहुंच को बढ़ावा देने और भारत के विदेश नीति उद्देश्यों के लिए समर्थन जुटाने में मदद मिलेगी। इन देशों में भारतीय मिशन वहां के भारतीय समुदाय और उनके हितों की रक्षा करने में बेहतर तरीके से सहायता कर पाएंगे।
उइगर लोगों पर चीन के प्रतिबंध पर नजर रखने के लिए जापान औपचारिक रूप से ‘फाइव आइज़’ नेटवर्क में शामिल होगा। अब, जापान इस नेटवर्क 6वां सदस्य बनेगा। ‘फाइव आइज़’ 5 देशों का एक नेटवर्क है, इसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड शामिल हैं। चीन और उत्तर कोरिया द्वारा दी गई धमकियों के बाद इन पांच देशों ने इस नेटवर्क का निर्माण किया। गौरतलब है कि चीन ने शिनजियांग स्वायत्त क्षेत्र में रहने वाले मुस्लिम उइगर अल्पसंख्यक लोगों को बड़ी संख्या में हिरासत में लिया है। इसके साथ ही, अमेरिका ने उइगरों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए चीन पर कई प्रतिबंध भी लगाए हैं। इन प्रतिबंधों में चीनी अधिकारियों के लिए वीजा प्रतिबंध भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 दिसम्बर, 2020 को 34वीं PRAGATI वार्ता की अध्यक्षता की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने 10 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की भी समीक्षा की। इस दौरान कई शिकायतों का भी निवारण किया गया। इसके अलावा केंद्र सरकार को दो प्रमुख कार्यक्रमों ‘आयुष्मान भारत’ और ‘जल जीवन मिशन’ की भी समीक्षा की गयी। Pro-active governance and timely implementation (PRAGATI) एक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी आधारित प्लेटफॉर्म है। यह प्लेटफार्म वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था। यह सरकारी परियोजनाओं और योजनाओं की निगरानी भी करता है। यह प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के साथ समन्वय में बनाया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 दिसम्बर, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात के राजकोट में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना के लिए 201 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इस एम्स का निर्माण 1195 करोड़ रुपये की लागत से किया जायेगा। यह एम्स 2022 तक बनकर तैयार हो जायेगा। इस कैंपस का निर्माण सार्वजनिक क्षेत्र की मिनीरत्न कंपनी HSCC लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। इस कैंपस में 9 भवनों के संभावित चित्रों को भी मंज़ूरी दी गयी है। इस एम्स में 750 बेड होंगे, यह एक अत्याधुनिक अस्पताल होगा। इसमें 30 बेड का आयुष ब्लॉक भी होगा। इसमें 125 एमबीबीएस सीटें और 60 नर्सिंग सीटें होंगी।
केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अन्तरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नेत्र संबंधी ट्यूमर के इलाज के लिए पहली देशज रूथीनियम 106 प्लैक के रूप में आंखों के कैंसर के उपचार की पद्धति विकसित करने के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र की सराहना की। सर्जन के लिए इस प्लैक को संभालना आसान और सुविधाजनक है। ख़ास बात यह है कि इस प्लैक को अन्तरराष्ट्रीय मानकों के समकक्ष माना गया है। सितंबर 2020 में नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने पहली बार इस प्लैक का उपयोग एक ऐसे मरीज की आँखों पर किया जिसे कोरोओडल हीमैन्जिओमा (ChoroidalHemangioma) था। इस इलाज के नतीजे काफी संतोषजनक रहे हैं।
क्वांटम संचार, क्रिप्टोग्राफी (कोड तैयार तैयार करना आदि), वैज्ञानिक सिमुलेशन, लॉटरी तथा मूलभूत भौतिकी प्रयोगों जैसे विभिन्न क्षेत्रों में रैंडम नंबर की अनिवार्य भूमिका होती है। आमतौर पर वास्तविक रैंडम नंबर को सृजित करना पारंपरिक तरीके से असंभव माना जाता है। क्वांटम मैकेनिक्स में सही क्वांटम संख्या प्रदान करने की अंतर्निहित क्षमता है। इस प्रकार यह रैंडम नंबर की आवश्यकता वाले वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के लिए पसंदीदा विकल्प बन गया है। डीआरडीओ क्वांटम टेक्नोलॉजीज (डीवाईएसएल-क्यूटी) यंग साइंटिस्ट लेबोरेटरी ने एक क्वांटम रैंडम नंबर जेनरेटर (क्यूआरएनजी) विकसित किया है, जो रैंडम क्वांटम घटनाओं का पता लगाता है और उन्हें बाइनरी अंकों के रूप में परिवर्तित करता है। इस प्रयोगशाला ने फाइबर-ऑप्टिक ब्रांच पाथ आधारित क्यूआरएनजी विकसित किया है।
मिशन सागर-III के अंतर्गत भारतीय नौसेना का पोत ‘किलटन’ 29 दिसंबर 2020 को ‘कंबोडिया के सिहानोकविले’ बंदरगाह पर पहुंच गया है। भारतीय नौसैनिक जहाज कंबोडिया के बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 15 टन मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सामग्री लेकर पंहुचा है, जिसे कंबोडिया की राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनडीएमसी) को सौंप दिया जाएगा। भारत की ओर से भेजी गई यह सहायता दो मित्र देशों के बीच व्यक्तिगत गहरे संबंधों को दर्शाती है। मिशन सागर- III वर्तमान में चल रही कोविड महामारी के दौरान मित्र देशों को भारत की ओर से मानवता के नाते सहायता और आपदा राहत (ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंस एंड डिजास्टर रिलीफ- एचएडीआर) पहुंचाने का एक हिस्सा है।
समुद्री विज्ञान और पूर्वानुमान सेवाओं के बारे में जानकारी साझा करने के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने डिजिटल ओशन एप्लीकेशन (Digital Ocean Application) लांच की है। इस एप्लीकेशन को INCOIS द्वारा विकसित डिजिटल महासागर प्लेटफॉर्म के तहत लॉन्च किया गया है। इंडियन नेशनल सेंटर फॉर ओशन इंफॉर्मेशन (INCOIS) विभिन्न हितधारकों को सलाहकार सेवाएं और जानकारी प्रदान करता है। इसमें महासागरीय अनुसंधान, महासागर स्थिति पूर्वानुमान, सलाहकार सेवाएं, उच्च लहर अलर्ट, तूफान, सूनामी की प्रारंभिक चेतावनी और तेल रिसाव पर आधारित डेटा शामिल इत्यादि हैं। डिजिटल ओशन प्लेटफ़ॉर्म में उन एप्लीकेशन्स का सेट शामिल है जो भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी में प्रगति को अपनाकर विषम समुद्र संबंधी डेटा को व्यवस्थित करने के लिए विकसित किए गए हैं। यह प्लेटफार्म यूजर्स की विस्तृत श्रृंखला की डेटा संबंधी सभी जरूरतों के लिए वन-स्टॉप सोल्यूशन के रूप में काम करेगा।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में एक COVID-19 मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च की है। यह एप्लीकेशन यूजर्स को कोविड-19 पर नवीनतम अपडेट्स प्रदान करेगी। इस एप्लीकेशन को “WHO COVID-19 App” नाम दिया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा लांच किया गया यह मोबाइल एप्लीकेशन संगठन और क्षेत्रीय भागीदारों के विशेषज्ञों से विश्वसनीय जानकारी प्रदान करेगा। यह कोविड-19 के वैज्ञानिक निष्कर्षों के बारे में नियमित अपडेट्स प्रदान करेगा। इस एप्प के माध्यम से कोविड-19 रोग के लक्षणों के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है। यह एप्प वैक्सीन की प्रगति की जानकारी भी प्रदान करेगा। फिलहाल यह एप्प केवल नाइजीरिया में ही उपलब्ध है। हालांकि, विश्व संगठन सभी देशों में इस एप्प को उपलब्ध कराने के लिए स्थानीय हितधारकों के साथ काम कर रहा है।
तुर्की की संसद ने हाल ही में “Preventing Financing of Proliferation of Weapons of Mass Destruction” नामक अधिनियम पारित किया है। इस बिल के द्वारा नागरिक समाज समूहों की निगरानी की जाएगी। 2019 में तुर्की पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के रिपोर्ट के बाद यह बिल पेश किया गया है। FATF मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ लड़ता है। यह बिल तुर्की की सरकार को गैर-सरकारी संगठनों के ट्रस्टी को नियुक्त करने, उनकी संपत्ति को जब्त करने, उनकी गतिविधियों को निलंबित करने और उनके वित्तपोषण के स्रोतों की निगरानी करने की शक्तियाँ प्रदान करता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने शिक्षा राज्य मंत्री श्री संजय धोत्रे, डॉ. बी. वी. आर. मोहन रेड्डी (चेयरपर्सन, बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स, आईआईटी हैदराबाद), प्रो. बी.एस. मूर्ति (निदेशक आईआईटी हैदराबाद) और भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय/विभाग तथा आईआईटी हैदराबाद के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में, भारत के ऑटोनोमस नेविगेशन सिस्टम (स्थलीय और हवाई) के लिए प्रथम परीक्षण स्थल – ‘तिहान-आईआईटी हैदराबाद’ की वर्चुअल आधारशिला रखी। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने राष्ट्रीय अंतर-विषयी साइबर-फिजिकल सिस्टम (एनएम-आईसीपीएस) मिशन के तहत ऑटोनोमस नेविगेशन और डेटा अधिग्रहण प्रणाली (यूएवी, आरओवीएस आदि) पर एक प्रौद्योगिकी नवाचार केन्द्र स्थापित करने हेतु आईआईटी हैदराबाद के लिए 135 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
हाल ही में पिंपरी चिंचवाड़ नगर निगम (पीसीएमसी) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने भारत के पहले सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड (Social Impact Bond) के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड को पे-फॉर-सक्सेस बॉन्ड या पे-फॉर-सक्सेस फाइनेंसिंग भी कहा जाता है। एक सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड मूल रूप से सार्वजनिक क्षेत्र प्राधिकरण के साथ एक अनुबंध है जहां यह बेहतर सामाजिक परिणामों के लिए भुगतान करता है। यह परिणाम आधारित अनुबंध का एक रूप है। इसका उद्देश्य नागरिकों के एक विशिष्ट समूह के लिए सामाजिक परिणामों में सुधार करना है।
हाल ही में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने “स्टैंडर्ड ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी” का प्रस्ताव रखा है। इस पॉलिसी का उद्देश्य घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रा के दौरान बीमा कवरेज सुनिश्चित करना है। IRDAI ने हाल ही में ‘स्टैंडर्ड ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी पर दिशानिर्देश’ का एक मसौदा जारी किया है। इस दिशानिर्देश में कहा गया है कि मानक यात्रा बीमा उत्पाद IRDAI से उपलब्ध होंगे। यात्रा बीमा कवरेज और इसकी शब्दावली पूरे उद्योग में एक समान होगी। यदि विदेश में दुर्घटना के कारण बीमाधारक घायल हो जाता है और दुर्घटना के 365 दिनों के भीतर इसी कारण से उसकी मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी बीमा राशि के बराबर मुआवजा देगी। यदि आकस्मिक मृत्यु एक नाबालिग या 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति की होती है, तो बीमा कंपनी पर अधिकतम देय राशि बीमा राशि का 50% होगी।
यूनाइटेड किंगडम और वियतनाम ने हाल ही में एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौता के तहत सात साल के भीतर 99% टैरिफ को खत्म किया जायेगा। 99% टैरिफ के उन्मूलन के साथ, वियतनाम को 114 मिलियन पाउंड की टैरिफ बचत होगी। ब्रिटेन के आधिकारिक तौर पर यूरोपीय संघ को छोड़ने के बाद, यह कई द्विपक्षीय अर्थव्यवस्था से संबंधित सौदों को सुरक्षित करने के लिए काम कर रहा है। ब्रिटेन के साथ पहला पोस्ट-ब्रेक्सिट सौदा व्यापार समझौता जापान ने किया था उसके बाद ब्रिटेन ने सिंगापुर के साथ भी समझौता किया था, तत्पश्चात यह ब्रिटेन का यह तीसरा समझौता है। यूनाइटेड किंगडम यूरोप में वियतनाम का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 2019 में, वियतनाम ने यूके को 4.6 बिलियन पाउंड के मूल्य का सामान निर्यात किया था और यूके ने 600 मिलियन पाउंड का सामान निर्यात किया था।
रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय नौसेना के साथ गोवा के तट पर भारतीय नौसेना के IL 38SD एयरक्राफ्ट से एयर ड्राप्ड कंटेनर SAHAYAK-NG का सफल परीक्षण किया। SAHAYAK-NG भारत में स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित पहला एयर ड्राप्ड कंटेनर है। इस कंटेनर में सामान को रख कर, इसे एयरक्राफ्ट या हेलीकाप्टर की सहायता से किसी भी स्थान पर गिराया जा सकता है। इसके बाद सामान की डिलीवरी के लिए एयरक्राफ्ट या हेलीकाप्टर को लैंड करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस परीक्षण का आयोजन गोवा में किया गया। SAHAYAK-NG से भारतीय नौसेना की परिचालन रसद क्षमता में वृद्धि होगी। इससे तट से 2000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर तैनात जहाजों के लिए महत्वपूर्ण सामग्री भेजी जा सकती है। अब इन जहाजों को पुर्जों और अन्य सामानों के लिए बार-बार तट के नज़दीक नहीं आना पड़ेगा। SAHAYAK-NG के निर्माण में DRDO की प्रयोगशालाएं NSTL विशाखापत्तनम और ADRDE, आगरा शामिल थीं। इसके अलावा GPS इंटीग्रेशन के लिए M / s Avantel ने भी महत्वपूर्ण सहयोग दिया है। SAHAYAK-NG, SAHAYAK Mk I. का एक उन्नत संस्करण है। इस अन्य नए विकसित जीपीएस एडेड एयर ड्रॉप कंटेनर में 50 किलोग्राम तक वजन वाले पेलोड को ले जाने की क्षमता होती है और इसे भारी विमान से गिराया जा सकता है।
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