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राज्य मंत्रिपरिषद

प्रश्न 21   राज्य मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता व उसका कार्य संचालन किया जाता है -
 (अ) राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा
 (ब) राज्य के राज्यपाल द्वारा
 (स) विधानसभा अध्यक्ष द्वारा
 (द) राष्ट्रपति द्वारा

उत्तर : राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा

प्रश्न 22   राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्यों (मंत्रियों) की नियुक्ति की जाती है -
 (अ) मुख्यमंत्री द्वारा
 (ब) विधानसभाध्यक्ष द्वारा
 (स) राज्यपाल द्वारा
 (द) राष्ट्रपति द्वारा

उत्तर : राज्यपाल द्वारा

प्रश्न 23   मंत्रिपरिषद का एक छोटा सा भाग क्या कहलाता है -
 (अ) केबिनेट
 (ब) मंत्रिमंडल
 (स) उपरोक्त दोनों
 (द) उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर : उपरोक्त दोनों

प्रश्न 24   राज्य में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों(मंत्रिपरिषद) की न्यूनतम संख्या कितने से कम नहीं होनी चाहिए -
 (अ) 09
 (ब) 10
 (स) 11
 (द) 12

उत्तर : 12

प्रश्न 25   मंत्रिपरिषद का मुखिया कौन होता है -
 (अ) मुख्यमंत्री
 (ब) विधानसभा
 (स) राज्यपाल
 (द) उपरोक्त कोई नहीं

उत्तर : मुख्यमंत्री

प्रश्न 26   सविधान के किस अनुच्छेद में राज्य मंत्रिपरिषद ( State cabinet) के बारे में बताया गया है -
 (अ) 161
 (ब) 163
 (स) 164
 (द) 165

उत्तर : 163

प्रश्न 27   राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्य व्यक्तिगत रूप से किसके प्रति उत्तरदायी होते हैं -
 (अ) प्रधानमंत्री के
 (ब) विधानसभा के
 (स) राज्य सभा के
 (द) राज्यपाल के

उत्तर : राज्यपाल के

प्रश्न 28   संविधान के अनुसार राज्य मंत्रिपरिषद् राज्यपाल के प्रसादप्रर्यंत ही बनी रह सकती है। ‘राज्यपाल के प्रसादपर्यंत’ शब्दों का वास्तविक अर्थ है -
 (अ) प्रधानमंत्री के प्रसादपर्यंत
 (ब) मुख्यमंत्री के प्रसादपर्यंत
 (स) राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत
 (द) विधानसभा के प्रसादपर्यंत

उत्तर : विधानसभा के प्रसादपर्यंत
व्याख्या :
संविधान के अनुच्छेद 164 के अनुसार, मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाएगी और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री की सलाह पर की जाएगी। इसमें कहा गया है कि मंत्री राज्यपाल के प्रसादपर्यंत पद धारण करते हैं। एक संवैधानिक योजना जिसमें उन्हें पूरी तरह से मुख्यमंत्री की सलाह पर नियुक्त किया जाता है, संदर्भित ‘प्रसादपर्यंत’ का आशय मुख्यमंत्री के एक मंत्री को बर्खास्त करने के अधिकार के रूप में भी लिया जाता है, न कि राज्यपाल का। मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल किसी मंत्री को बर्खास्त कर सकता है लेकिन वह मंत्रिपरिषद् को सामूहिक रूप से बर्खास्त नहीं कर सकता। ‘प्रसादपर्यंत’ शब्द का वास्तविक अर्थ विधान सभा की इच्छा से है। सामूहिक रूप से मंत्रिमंडल से निष्कासित करने का अधिकार विधानसभा को है, राज्यपाल को नहीं। हालाँकि, मुख्यमंत्री, एक मंत्री या पूरे मंत्रिपरिषद् की बर्खास्तगी के सभी मामलों में, राज्यपाल का निर्णय अंतिम होता है और इसे किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है।

प्रश्न 29   राजस्थान में मंत्री परिषद् की अधिकतम संख्या कितनी हो सकती है -
 (अ) राज्य के मुख्यमंत्री की इच्छा पर निर्भर है।
 (ब) राज्य के राज्यपाल की इच्छा पर निर्भर है।
 (स) राजस्थ्ज्ञान विधानसभा की सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत तक
 (द) सत्ता पक्ष की सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत

उत्तर : राजस्थ्ज्ञान विधानसभा की सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत तक

प्रश्न 30   राज्य मंत्री परिषद् सामूहिक रूप से उत्तरदायी है -
 (अ) विधानसभा के प्रति
 (ब) लोकसभा के प्रति
 (स) मुख्यमंत्री के प्रति
 (द) राज्यपाल के प्रति

उत्तर : विधानसभा के प्रति

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