राजस्थान में परंपरागत जल प्रबंधन
प्रश्न 11 शेखावाटी भू-भाग में कूएं स्थानीय भाषा में किस नाम से जाने जाते हैं -
(अ) बावड़ी
(ब) जोहड़
(स) बेरा
(द) खूं
व्याख्या :
नाड़ी एक प्रकार का पोखर होता है। जल प्रबंधन की यह विधि पश्चिम राजस्थान प्रचलित हैं। अलवर एवं भरतपुर जिलों में इसे ‘जोहड़’ कहते है।
प्रश्न 12 कथन (अ) वर्षा जल संग्रहण जल संरक्षण की एक प्रभावशील विधि है।
कारण (ब) पश्चिमी राजस्थान में परम्परागत जल संरक्षण की विधियां अभी भी प्रभावशील हैं।
(अ) अ और ब दोनों सही हैं और ब, अ का सही स्पष्टीकरण है।
(ब) अ और ब दोनों सहीं हैं। किन्तु ब, अ का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(स) अ सही है ब गलत है।
(द) अ गलत है ब सही है।
व्याख्या :
वर्षा जल संग्रहण जल संरक्षण की एक प्रभावशाली विधि है।
पश्चिमी राजस्थान में परम्परागत जल संरक्षण की विधियां अभी भी प्रभावशील हैं।
ये दोनों ही कथन सत्य हैं लेकिन इनका आपस में कोई संबंध नहीं है।
प्रश्न 13 निम्न में से कौन सी परम्परागत जल संरक्षण की विधि नहीं है -
(अ) नाड़ी
(ब) खड़ीन
(स) तालाब
(द) टोबा
व्याख्या :
राजस्थान में तालाब जल संरक्षण की पारंपरिक विधि नहीं है।
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