नैनो-टेक्नोलॉजी
प्रश्न 1 यदि किसी पदार्थ की एक विमा को नैनो रेंज तक घटा दिया गया हो जबकि अन्य दो विमाएँ वही बनी रहती हैं, तो प्राप्त संरचना कहलाती है :
(अ) क्वांटम स्टेप
(ब) क्वांटम वैल
(स) क्वांटम डॉट
(द) क्वांटम वायर
व्याख्या :
क्वांटम वैल एक नैनोमीटर-पतली परत है जो परत की सतह के लंबवत आयाम में (अर्ध-)कणों (आमतौर पर इलेक्ट्रॉन या छेद) को सीमित कर सकती है, जबकि अन्य आयामों में गति प्रतिबंधित नहीं है। कारावास एक क्वांटम प्रभाव है।
प्रश्न 2 नैनो इलेक्ट्रॉनिक्स उत्कृष्टता केंद्र निम्नलिखित में से किन संस्थानों के बीच एक सहयोगी परियोजना है-
1. IIT मुंबई
2. IIM अहमदाबाद
3. IISC बेंगलुरु
(अ) 1 तथा 2
(ब) 2 तथा 3
(स) 1 तथा 3
(द) उपरोक्त सभी
व्याख्या :
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बॉम्बे में नैनोइलेक्ट्रॉनिक्स (CEN) में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना वर्ष 2006 में की गई थी। CEN IIT बॉम्बे और IISc बेंगलोर के बीच एक सहयोगी परियोजना है। यह भारत सरकार के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MCIT) द्वारा वित्त पोषित है।
प्रश्न 3 निम्न में से नैनो पदार्थ हैं-
(अ) कार्बन नैनो ट्यूब
(ब) क्वांटम डॉट्स
(स) ग्राफीन
(द) उपरोक्त सभी
व्याख्या :
नैनो पदार्थ वे पदार्थ होते हैं जिनका आकार 1 नैनोमीटर से 100 नैनोमीटर के बीच होता है। नैनो पदार्थों को दो मुख्य समूहों में विभाजित किया जाता है: कार्बनिक और अकार्बनिक। कार्बन नैनोट्यूब, ग्राफीन और क्वांटम डॉट्स सभी कार्बन नैनोमैटेरियल्स हैं।
प्रश्न 4 नैनोमिशन- II कब शुरू किया गया -
(अ) ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान
(ब) बारहवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान
(स) पांचवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान
(द) दसवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान
व्याख्या :
नैनो मिशन और प्रौद्योगिकी पहल (एनएसटीआई) के तहत प्रारंभ किये गए प्रोत्साहन गतिविधियों के आधार पर भारत सरकार ने मई, 2017 में नैनो विज्ञान व प्रौद्योगिकी पर मिशन (नैनो मिशन) कार्यक्रम की शुरुआत की। नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी अत्यधिक आशाजनक और प्रतिस्पर्धी क्षेत्र है। नैनो मिशन की सफलता को ध्यान में रखते हुए केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 12वीं योजना अवधि के दौरान नैनो मिशन के द्वितीय चरण को जारी रखने के लिए 650 करोड़ रु. की धनराशि का आवंटन किया।
प्रश्न 5 नैनो स्तर पर बने बहुलक हैं -
(अ) क्वांटम डॉट्स
(ब) फुलरीन
(स) डेंड्रीमर्स
(द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 6 शब्द ‘नैनो-टेक्नोलॉजी’ का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया -
(अ) नोरिओ तानिगुची
(ब) शिनया यामानाका
(स) योशिनोरी ओहसुमी
(द) हिरोशी किमुरा
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