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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मोरबी जिले में उनके जन्म स्थान टंकारा में आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी उपस्थित थे। इस समारोह को देखने के लिए दुनिया भर से आर्य समाज के सदस्य बड़ी संख्या में एकत्र हुए हैं। यह महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती समारोह के वार्षिक उत्सव का समापन होगा। स्वामी दयानंद सरस्वती का जन्म 12 फरवरी 1824 को टंकारा, गुजरात में हुआ तथा उनका मूल नाम मूल शंकर तिवारी था। उन्होंने सत्य की खोज में पंद्रह वर्षों (1845-60) तक एक तपस्वी के रूप में भ्रमण किया। स्वामी दयानंद सरस्वती के दृष्टिकोण को साकार करने के लिये प्रथम दयानंद एंग्लो वैदिक (DAV) स्कूल वर्ष 1886 में स्थापित किया गया। पहली आर्य समाज इकाई औपचारिक रूप से स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा वर्ष 1875 में मुंबई में स्थापित की गई और बाद में आर्य समाज का मुख्यालय लाहौर में स्थापित किया गया। उन्होंने वेदों से प्रेरणा ली और उन्हें 'भारत की युगीन शिला' के रूप में देखा जो हिंदू धर्म का अपरिहार्य तथा वास्तविक मूल कारक है। उन्होंने "वेदों की ओर लौटो" का नारा दिया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति श्री रानिल विक्रमसिंघे और मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जुगनाथ के साथ संयुक्त रूप से श्रीलंका और मॉरीशस में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) सेवाओं और मॉरीशस में रुपे कार्ड सेवाओं का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शुभारंभ किया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जुगनाथ ने बताया कि सह-ब्रांडेड रुपे कार्ड को मॉरीशस में घरेलू कार्ड के रूप में नामित किया जाएगा। यूपीआई का यह शुभारंभ श्रीलंका और मॉरीशस की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के साथ-साथ भारत की यात्रा करने वाले मॉरीशस के नागरिकों के लिए यूपीआई लेन-देन सेवाओं की उपलब्धता को सक्षम करेगा। मॉरीशस में रुपे कार्ड सेवाओं के विस्तार से मॉरीशस के बैंक मॉरीशस में रुपे तंत्र के आधार पर कार्ड जारी कर सकेंगे और भारत तथा मॉरीशस में लेन-देन के लिए रुपे कार्ड के उपयोग की सुविधा प्रदान करेंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली में एम्स-एसबीआई स्मार्ट भुगतान कार्ड जारी किया। एसबीआई-एम्स स्मार्ट कार्ड सभी मरीजों को मुफ्त प्रदान किया जा रहा है और इसमें कोई सेवा शुल्क नहीं है। प्रवेश पर सभी मरीजों को स्मार्ट कार्ड जारी किया जाएगा। कार्ड को मरीज के विशिष्ट अस्पताल पहचान (यूएचआईडी) नंबर और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत जारी आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता (एबीएचए) आईडी से जोड़ा जाएगा। कार्ड से टॉप-अप और रिफंड केवल मरीज के यूएचआईडी से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के प्रावधान पर किया जा सकता है। इससे धोखाधड़ी और चोरी रोकने में मदद मिलेगी. यदि कोई मरीज कार्ड खो देता है, तो मरीज को बदले में मुफ्त में दूसरा कार्ड प्रदान किया जाएगा और शेष राशि (यदि कोई हो) उस एवजी कार्ड में स्थानांतरित कर दी जाएगी। एक बार जारी किया गया कार्ड पांच साल की अवधि के लिए वैध होगा।
तेलंगाना विधानसभा और विधान परिषद ने सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2024 पारित कर दिया है। इसमें राज्य में सभी हुक्का पार्लर पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। दोनों सदनों ने सर्वसम्मति से विधेयक को पारित कर दिया। इस विधेयक में पहले से मौजूद सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध और उनके व्यापार, उत्पादन, आपूर्ति तथा वितरण को नियंत्रित करने से संबंधित कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा गया था।
भारत और आसियान ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की है। नई दिल्ली में आसियान के महासचिव डॉ. काओ किम होर्न ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से भेंट की। डॉ. जयशंकर ने कहा कि चर्चा संपर्क, खाद्य सुरक्षा और व्यापार पर केंद्रित थी। आसियान महासचिव ने राष्ट्रीय राजधानी में विकसित क्षेत्रीय वास्तुकला में आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर सप्रू हाउस व्याख्यान भी दिया। उन्होंने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 12-सूत्रीय प्रस्ताव पर कहा कि यह द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए मजबूत आधार प्रदान करता है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान- एम्स नई दिल्ली ने एम्स लिवरपूल कोलैबोरेटिव सेंटर फॉर ट्रांसलेशनल रिसर्च इन हेड एंड नेक कैंसर के लिए लिवरपूल विश्वविद्यालय के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की मौजूदगी में समझौता हुआ। इस सेंटर में अत्याधुनिक चिकित्सा नवाचार और कैंसर का उपचार किया जाएगा।
पूर्व उपराष्ट्रपति और पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता श्री एम. वेंकैया नायडू और केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने हैदराबाद में संगीत नाटक अकादमी के क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन किया। इसे दक्षिण भारत सांस्कृतिक केंद्र के नाम से जाना जाएगा। इसके अलावा घंटासाला के शताब्दी समारोह के तहत भारत कला मंडपम सभागार की आधारशिला भी रखी गई। अकादमी की अब तक दक्षिण भारत में कोई उपस्थिति नहीं थी और इम्फाल में मणिपुर नृत्य अकादमी, कथक केंद्र एवं कुटियाट्टम केंद्र और सत्रिया केंद्र जैसे कई संस्थान हैं, लेकिन अब तक इसका कोई पूर्ण क्षेत्रीय केंद्र नहीं था। दक्षिण भारत सांस्कृतिक केंद्र से इस रिक्तता को भरने की उम्मीद है और इस केंद्र की परिकल्पना संगीत, लोक और आदिवासी कला, थिएटर और कठपुतली के अनुसंधान और प्रलेखन को बढ़ावा देने के लिए की गई है।
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने आईआईटी भुवनेश्वर के अनुसंधान और उद्यमिता पार्क (आरईपी) में दो दिवसीय 100 क्यूब स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव का शुभारंभ किया। श्री प्रधान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आईआईटी भुवनेश्वर के अनुसंधान एवं उद्यमिता पार्क की शुरुआत ओडिशा के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। 100 क्यूब कॉन्क्लेव के साथ पूर्वी भारत की उद्यमशीलता की भावना को उत्प्रेरित करने की नींव रखी गई है। श्री प्रधान ने कहा कि जैसे कोणार्क मंदिर ओडिशा की वास्तुकला की उत्कृष्टता का प्रतीक है, उसी तरह से यह पहल भी 21वीं सदी का मंदिर होगा जो युवाओं को बड़े सपने देखने, नवाचार करने और उपयोगिता बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित और सहयोग करेगा।
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने 12 फरवरी, 2024 को देहरादून के टोंस ब्रिज स्कूल में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) दिवंगत जनरल बिपिन रावत की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। रक्षा मंत्री ने जनरल रावत की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें एक साहसी सैनिक तथा एक नेकदिल इंसान बताया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेंगे। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी भी उपस्थित थे।
भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) के प्रमुख दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास केंद्र सी-डॉट और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रूड़की (आईआईटी-आर) ने 6जी और उससे आगे" के लिए 140 गीगाहर्ट्ज पूरी तरह से एकीकृत ट्रांसमीटर और रिसीवर मॉड्यूल विकसित करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते पर भारत सरकार के दूरसंचार विभाग की दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीटीडीएफ) योजना के अंतर्गत हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसे प्रौद्योगिकी डिजाइन, विकास, दूरसंचार उत्पादों के व्यावसायीकरण और समाधानों में सम्म्लित घरेलू कंपनियों और संस्थानों को ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में किफायती ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाएं सक्षम करने के लिए वित्त पोषण सहायता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
कर्नाटक में वायरल संक्रमण क्यासानूर फॉरेस्ट डिज़ीज़ (KFD) के प्रभाव के कारण वर्ष 2024 में अब तक दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है। वर्तमान में इसके कारण होने वाली मौतों की संख्या 560 से अधिक है। वर्ष 1956 में शिवमोग्गा ज़िले के वनों में इस संक्रमण पता चला। क्यासानूर फॉरेस्ट डिज़ीज़ (KFD), एक ज़ूनोटिक बीमारी है तथा यह सर्वप्रथम बंदरों में पाई गई थी जिसके परिणामस्वरूप इसे बोलचाल की भाषा में "मंकी डिज़ीज़" कहा जाता है। यह क्यासानूर फॉरेस्ट डिज़ीज़ वायरस (KFDV) के कारण होता है जो मुख्य रूप से मनुष्यों और बंदरों को प्रभावित करता है। इसकी पहचान सर्वप्रथम वर्ष 1957 में कर्नाटक के क्यासानूर वन के एक बीमार बंदर में की गई थी। तब से प्रति वर्ष 400-500 व्यक्तियों के इससे संक्रमित होने के मामले दर्ज किये जाते रहे हैं। अंततः KFD संपूर्ण पश्चिमी घाट में संचरित होती एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभरी।
भारत में कैंसर के अग्रणी उपचार CAR T-सेल थेरेपी को मंज़ूरी मिलने के बाद हाल ही में एक मरीज़ ने इस प्रक्रिया को अपनाया, जिससे उस मरीज़ को कैंसर कोशिकाओं से मुक्ति मिली, साथ ही देश में कैंसर उपचार की पहुँच में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई। CAR T-सेल थेरेपी, जिसे काइमेरिक एंटीजेन रिसेप्टर T-सेल थेरेपी के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार की इम्यूनोथेरेपी है जो कैंसर से लड़ने के लिये मरीज़ की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली का उपयोग करती है। CAR T-सेल थेरेपी को ल्यूकेमिया (श्वेत रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने वाली कोशिकाओं से उत्पन्न होने वाला कैंसर) और लिम्फोमा (लसीका प्रणाली से उत्पन्न होने वाला कैंसर) के लिये अनुमोदित किया गया है। CAR T-सेल थेरेपी को अक्सर 'जीवित दवाएँ’ (Living Drugs) कहा जाता है।
हाल ही में, CSIR-National Aerospace Laboratories (NAL) ने कर्नाटक में एक मानव रहित High Altitude Pseudo Satellite (HAPS) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। 11 मीटर पंखों वाले 5 मीटर लंबे इस ड्रोन ने 8 घंटे तक 3 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरी। यह रणनीतिक संचार और अवलोकन भूमिकाओं के लिए HAPS प्लेटफार्मों के भारत के विकास में एक मील का पत्थर दर्शाता है। 1990 के दशक में संकल्पित, HAPS उन्नत मानव रहित विमान हैं जिन्हें जमीन से लगभग 20 किलोमीटर ऊपर समताप मंडल में संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। HAPS अनिवार्य रूप से हवाई बेस स्टेशनों के रूप में कार्य करता है जो उपग्रहों की तुलना में कम लागत पर कनेक्टिविटी और अन्य सेवाएं प्रदान करता है।
हाल ही में एक सरकारी अधिसूचना के अनुसार, ओडिशा के कोरापुट जिले में गुप्तेश्वर शिव मंदिर से सटे प्राचीन गुप्तेश्वर वन को राज्य का चौथा जैव विविधता-विरासत स्थल (BHS) घोषित किया गया है। यह स्थल 350 हेक्टेयर सीमांकित क्षेत्र में फैला हुआ है। भारत के 2002 के जैविक विविधता अधिनियम की धारा 37 के तहत, राज्य सरकारें स्थानीय शासी निकायों के परामर्श से अद्वितीय और नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र को जैव विविधता विरासत स्थलों के रूप में नामित कर सकती हैं । जैव विविधता विरासत स्थल स्थलीय, तटीय, अंतर्देशीय जल या समुद्री क्षेत्र हो सकता है जो समृद्ध जैव विविधता प्रदर्शित करता है, जिसमें शामिल हैं: जंगली और पालतू प्रजातियों की प्रचुरता; उच्च स्थानिकवाद; दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियाँ; कीस्टोन या विकासात्मक रूप से महत्वपूर्ण प्रजातियाँ; महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, नैतिक या सौंदर्य मूल्य।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय भारत में सामुदायिक रेडियो के 20 साल पूरे होने का उत्सव मनाते हुए 13 और 14 फरवरी 2024 को चेन्नई के अन्ना विश्वविद्यालय में एक क्षेत्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन (दक्षिण) का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम में दक्षिणी राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों के सभी 117 सामुदायिक रेडियो स्टेशन भाग लेंगे। भारत में सामुदायिक रेडियो की यात्रा वर्ष 2002 में उस समय शुरू हुई, जब भारत सरकार ने आईआईटी/आईआईएम सहित विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों को सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना के लिए लाइसेंस देने की नीति को मंजूरी दी। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सामुदायिक रेडियो समुदाय की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है, सरकार ने नागरिक समाज और स्वैच्छिक संगठनों आदि जैसे 'गैर-लाभकारी' संगठनों को इसके दायरे में लाकर इस नीति को व्यापक बनाने का निर्णय लिया ताकि विकास एवं सामाजिक परिवर्तन से संबंधित मुद्दों पर नागरिक समाज की अधिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम के 71 कर्मियों की एक टीम सिंगापुर एयर शो 2024 में भाग लेने के लिए सिंगापुर के पया लेबर एयर बेस पहुंची है। इस शो में विश्व प्रसिद्ध सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम पांच उन्नत हल्के हेलीकॉप्टरों (एएलएच) के साथ शानदार हवाई करतबों का प्रदर्शन करेगी। इन हेलीकॉप्टरों को 'ध्रुव' के नाम से भी जाना जाता है। टीम का प्रवेश या इंडक्शन भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर III हेवी लिफ्ट परिवहन विमान के माध्यम से किया गया। द्विवार्षिक सिंगापुर एयर शो 20 फरवरी 2024 से शुरु होगा और 24 फरवरी 2024 को समाप्त होगा। इस शो में दुनिया भर के प्रतिभागियों द्वारा विविध हवाई करतबों का प्रदर्शन किया जाएगा। सारंग हेलीकॉप्टर डिस्प्ले टीम का गठन 2003 में किया गया था और उल्लेखनीय है कि उनका पहला अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रदर्शन 2004 में एशियन एयरोस्पेस शो, सिंगापुर में ही हुआ था।
यूएस फेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (FCC) ने वॉयस क्लोनिंग स्कैम में वृद्धि के बीच AI-जनरेटेड रोबोकॉल पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे हजारों नागरिक प्रभावित हुए हैं। कृत्रिम बुद्धिमत्ता अब विश्वसनीय नकली ऑडियो और वीडियो बना सकती है, जिससे लोगों को धोखा देना आसान हो जाएगा। FCC का उद्देश्य धोखेबाजों को पैसे निकालने या गलत सूचना फैलाने के लिए अवैध रोबोकॉल में एआई वॉयस क्लोनिंग का उपयोग करने से रोकना है। एआई वॉयस क्लोनिंग तकनीक आवाजों की सटीक नकल कर सकती है, जिससे श्रोताओं को यह विश्वास हो जाता है कि वे किसी वास्तविक व्यक्ति को सुन रहे हैं। घोटालेबाजों ने कमजोर लोगों को पैसे भेजने या संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए हेरफेर करने के लिए मशहूर हस्तियों और परिवार के सदस्यों की क्लोन आवाज का इस्तेमाल किया है।
हाल ही में, उत्तराखंड में ऐसी ही एक संपत्ति को लेकर सांप्रदायिक तनाव देखा गया, जिसमें नज़ूल भूमि पर स्थित एक ध्वस्त मस्जिद को ध्वस्त किया गया, जिसका पट्टा समाप्त हो गया था। नज़ूल भूमि ट्रस्ट या निजी मालिकों जैसी संस्थाओं को अस्थायी रूप से पट्टे पर दी गई सरकारी संपत्तियों का प्रतिनिधित्व करती है। यह शब्द ऐतिहासिक रूप से तब उभरा जब औपनिवेशिक ब्रिटिशों ने पराजित देशी शासकों के उन क्षेत्रों को अपने कब्जे में ले लिया जिनके पास स्वामित्व संबंधी रिकॉर्ड नहीं थे। स्वतंत्र भारत को ये अस्पष्ट भूमियाँ विरासत में मिलीं।
प्रतिवर्ष को 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं व बालिकाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Women and Girls in Science) मनाया जाता है। इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिवर्ष 2015 से मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य विज्ञान व प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डालना है।
भारत ने 12 फरवरी, 2020 को राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस (National Productivity Day) मनाया जो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नियोजन समय, कौशल, ऊर्जा, बुद्धिमत्ता, संसाधन और अवसर प्रदान करता है। राष्ट्रीय उत्पादकता दिवस का आयोजन राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (National Productivity Council – NPC) द्वारा किया जाता है, जिसका उद्देश्य भारत के सभी क्षेत्रों में उत्पादकता और गुणवत्ता जागरूकता को प्रोत्साहित करना और बढ़ावा देना है।
विश्व यूनानी दिवस प्रतिवर्ष 11 फरवरी को मनाया जाता है, इसे यूनानी शोधकर्ता हकीम अजमल खान की जन्म वर्षगांठ के अवसर पर मनाया जाता है। वे एक यूनानी विशेषज्ञ थे। यूनानी दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में आयुष मंत्रालय द्वारा यूनानी औषधि पर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
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