जीआई टैग अथवा भौगोलिक चिन्ह किसी भी उत्पाद के लिए एक चिन्ह होता है जो कुछ विशिष्ट उत्पादों (कृषि, प्राक्रतिक, हस्तशिल्प और औधोगिक सामान) को दिया जाता है। जोकि एक निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में 10 वर्ष या उससे अधिक समय से उत्पन्न या निर्मित हो रहा है और यह सिर्फ उसकी उत्पत्ति के आधार पर होता है।
भारत ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) के सदस्य के रूप में भौगोलिक संकेतो के रूप में उत्पादों का (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम, 1999 को 15 सितम्बर, 2003 में अधिनियमित कर दिया। बौद्धिक संपक्ष अधिकार (Intellectual Property Right) के तहत जीआई टैग का उपयोग अधिक्रत उपयोगकर्ता निदिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में पंजीक्रत उत्पाद का नाम उपयोग कर सकता है। भारत में जीआई टैग सर्वप्रथम वर्ष 2004- 2005 में, दार्जिलिंग चाय को दिया गया। भारत के अन्य उत्पाद जो जीआई टैग प्राप्त कर चुके है, जम्मू और कश्मीर कि पश्मीना, वालनट की लकड़ी पर नक्काशी, सिक्किम कि बड़ी इलायची, मैसूर की रेशम, जयपुर की ब्लू मिट्टी के बर्तन, कन्नौज का परफ्यूम, गोवा कि फेनी और राजस्थान कि थेवा पेंटिंग आदि ।
जीआई टैग प्रदान कौन करता है – जीआई टैग विश्व व्यापर संगठन के द्वारा प्रदान किया जाता है।
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