Ask Question | login | Register
Notes
Question
Quiz
Tricks
Facts

क्या है RBI का ‘टोकन’ सिस्टम

टोकनाइजेशन

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) क्रेडिट और डेबिट कार्ड के जरिए ट्रांजैक्शन को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एक नई व्यवस्था ला रहा है। रिजर्व बैंक ने इस व्यवस्था को शुरू करने के लिए गाइडलाइन जारी कर दिए हैं। RBI की यह टोकनाइजेशन (टोकन व्यवस्था) है। टोकन व्यवस्था का मकसद पेमेंट सिस्टम की सुरक्षा को ज्यादा मजबूत बनाना है।

क्या है टोकनाइजेशन?

टोकनाइजेशन के तहत ग्राहक के कार्ड की वास्तविक डिटेल को एक यूनीक कोड ‘टोकन’ से बदल दिया जाता है। इस टोकन का इस्तेमाल करके ग्राहक किसी थर्ड पार्टी ऐप क्विक रेस्पांस (क्यूआर) या पॉइंट ऑफ सेल (PoS) पर कांटेक्टलेस पेमेंट कर सकेंगे। टोकन सिस्टम से नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी), मैग्नेटिक सिक्योर ट्रांसमिशन बेस्ड कॉन्टैक्टलेस ट्रांजैक्शन और क्यूआर कोड आधारित पेमेंट भी कर सकेंगे।

कार्ड प्रोवाइडर्स कंपनियां इन सेवाओं के लिए किसी थर्ड पार्टी ऐप डेवलपर से टोकन सर्विस के लिए संपर्क कर सकेंगी। हालांकि, इस टोकनाइज्ड पेमेंट सिस्टम में भाग लेने वाली सभी कंपनियों को रिजर्व बैंक के साथ रजिस्टर्ड होना जरूरी है।

अभी किन डिवाइस पर मिलेगी यह सुविधा

रिजर्व बैंक ने कहा कि टोकन कार्ड से ट्रांजैक्शन की सुविधा फिलहाल मोबाइल फोन और टैबलेट के जरिए उपलब्ध होगी। इससे प्राप्त अनुभव के आधार पर बाद में इसका विस्तार अन्य डिवाइसेज के लिए किया जाएगा। रिजर्व बैंक ने कहा है कि कार्ड के टोकनाइजेशन और टोकन व्यवस्था से हटाने का काम केवल अधिकृत कार्ड नेटवर्क द्वारा ही किया जाएगा।

कैसे काम करेगा टोकन सिस्टम?

यूजर को टोकन सिस्टम के लिए कार्ड प्रोवाइडर्स कंपनियों से रिक्वेस्ट करनी होगी। इसके बाद यूजर के कार्ड की डिटेल्स, टोकन रिक्वेस्ट करने वाली कंपनी की डिटेल्स (जिस कंपनी को पेमेंट करने के लिए टोकन जेनरेट करना चाहते हैं) और यूजर की डिवाइस (मोबाइल/टैबलेट) के आइडेंटिफिकेशन से टोकन जेनरेट होगा। टोकन जेनरेट होने के बाद केवल उसी कंपनी के साथ इसे शेयर किया जा सकेगा, जिसके लिए इसे जेनरेट किया गया है।

टोकन व्यवस्था के शुरू होने के बाद कार्ड धारक अपने कार्ड की डिटेल्स किसी थर्ड पार्टी ऐप (जैसे- फूड डिलेवरी ऐप, कैब सर्विस प्रोवाइडर) के साथ शेयर नहीं करनी होगी। पहले ऐसा करने से यूजर को कार्ड का डेटा इन वेबसाइट्स या ऐप पर सेव करना होता था, जिसके चोरी होने का डर लगा रहता है।

क्या ग्राहक को देने होगी फीस?

ग्राहकों के लिए टोकन सिस्टम की सर्विस पूरी तरह फ्री होगी। कार्ड प्रोवाइडर्स कंपनियां इसके लिए उनसे किसी भी तरह का कोई शुल्क नहीं वसूल सकेंगी। रिजर्व बैंक ने कहा है कि कार्ड के लिए टोकन सेवाएं शुरू करने से पहले ऑथराइज्ड कार्ड पेमेंट नेटवर्क को निश्चित अवधि में ऑडिट प्रणाली स्थापित करनी होगी।

क्या यह सर्विस अनिवार्य होगी?

टोकन सर्विस ग्राहकों के इच्छा पर निर्भर करेगी। यूजर्स को इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। इस सर्विस के लिए उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं बनाया जा सकेगा और न ही बैंक/कार्ड प्रदाता कंपनियों की ओर से अनिवार्य रूप से इसे लागू किया जा सकेगा। ग्राहकों के पास खुद को कॉन्टैक्टलेस, क्यूआर कोड या इन-ऐप परचेज जैसी किसी भी सर्विस के लिए रजिस्टर और डी-रजिस्टर करने का अधिकार होगा।

रिजर्व बैंक ने कहा है कि किसी कार्ड को टोकन व्यवस्था के लिए रजिस्टर्ड करने का काम यूजर की विशिष्ट सहमति के बाद ही किया जाना चाहिए।

टोकन सिस्टम पर कार्ड ट्रांजेक्शन के जरिए होने वाले लेनदेन के लिए ग्राहक हर ट्रांजेक्शन की लिमिट के साथ-साथ डेली ट्रांजेक्शन लिमिट भी तय कर सकते हैं। इसके बाद तय लिमिट से ज्यादा का ट्रांजैक्शन नहीं हो सकेगा।

कार्ड प्रोवाइडर्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक जल्द से जल्द आईडेंटिफाइड डिवाइस (मोबाइल/टैबलेट) खोने की कंप्लेन दर्ज करा सके ताकि अनाधिकृत लेनदेन रोका जा सके। रिजर्व बैंक ने कहा है कि टोकन सिस्टम के दौरान होने वाले सभी ट्रांजेक्शन के लिए कार्ड पेमेंट कंपनी ही जिम्मेदार होंगी

« Previous Next Fact »

Notes

Notes on many subjects with example and facts.

Notes

Tricks

Find Tricks That helps You in Remember complicated things on finger Tips.

Learn More

सुझाव और योगदान

अपने सुझाव देने के लिए हमारी सेवा में सुधार लाने और हमारे साथ अपने प्रश्नों और नोट्स योगदान करने के लिए यहाँ क्लिक करें

सहयोग

   

सुझाव

Share


Contact Us Contribute About Write Us Privacy Policy About Copyright

© 2024 RajasthanGyan All Rights Reserved.